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दरभंगा: जान जोखिम में डालकर वोट डालने जा रहे मतदाता, सालों से नदी पर पुल बनाने की मांग अधूरी - voters going to cast their vote on risk of lives in darbhanga

लोगों ने कहा कि नाव पर चढ़ने के डर से कई बुजुर्ग और गांव के लोग मतदान करने नहीं आते. वहीं, मतदान करने जा रही महिलाओं ने भी इस नदी पर पुल बनवाने की मांग की है.

नाव पर बैठकर वोट देने जा रहे मतदाता
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Published : Oct 21, 2019, 5:01 PM IST

दरभंगा: समस्तीपुर लोकसभा उपचुनाव में जिले के हायाघाट, सिरिनिया के मतदाता जान की बाजी लगाकर नदी पार कर मतदान करने जा रहे हैं. वोटिंग को लेकर लोगों में उत्साह है. बड़ी संख्या में महिलाएं भी वोट डालने निकली हैं.

लोग नाव पर सवार होकर खिरोई नदी को पार कर मतदान केंद्र पर पहुंच रहे हैं. बता दें कि यहां के लोगों को नदी पार करने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. लेकिन सरकार और यहां के सांसद को इन लोगों की कोई परवाह नहीं है.

दरभंगा न्यूज
मतदान करने जाती महिलाएं

लोगों को होती है परेशानी
बुजुर्ग मतदाताओं ने बताया कि साल 2001 में खिरोई नदी के धार के रास्ता बदलने से उनके गांव की सड़कें बह गयी. तब से लेकर 18 साल गुजर गए लेकिन स्थिति नहीं बदली है. किसी के गंभीर रूप से बीमार होने पर अस्पताल जाने के लिए बस नाव ही सहारा होता है. बच्चों को भी पढ़ाई-लिखाई के लिए जाने में नदी पार करनी पड़ती है. लोगों ने कहा कि नदी के इस पार 2200 मतदाता हैं. जिन्हें वोट डालने के लिए नाव पर सवार होकर उस पार जाना पड़ता है. इस बार लोगों को नदी पार करने के लिए चार नावें इस घाट पर दी गयी हैं.

पेश है रिपोर्ट

महिलाओं ने की पुल बनवाने की मांग
इस गांव के युवा मतदाताओं ने कहा कि पुल बनवाने के लिए सारे कागजात लेकर वो मंत्रालय तक पहुंचे थे. लेकिन वहां भी काम लटका हुआ है. इस साल हुए लोकसभा चुनाव में भी हमें सिर्फ आश्वासन मिला था. अब उपचुनाव में भी आश्वासन ही मिला है. साथ ही उनलोगों ने कहा कि नाव पर चढ़ने के डर से कई बुजुर्ग और गांव के लोग मतदान करने नहीं आते. वहीं, मतदान करने जा रही महिलाओं ने इस नदी पर पुल बनवाने की मांग की.

दरभंगा न्यूज
मतदान केंद्र

दरभंगा: समस्तीपुर लोकसभा उपचुनाव में जिले के हायाघाट, सिरिनिया के मतदाता जान की बाजी लगाकर नदी पार कर मतदान करने जा रहे हैं. वोटिंग को लेकर लोगों में उत्साह है. बड़ी संख्या में महिलाएं भी वोट डालने निकली हैं.

लोग नाव पर सवार होकर खिरोई नदी को पार कर मतदान केंद्र पर पहुंच रहे हैं. बता दें कि यहां के लोगों को नदी पार करने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. लेकिन सरकार और यहां के सांसद को इन लोगों की कोई परवाह नहीं है.

दरभंगा न्यूज
मतदान करने जाती महिलाएं

लोगों को होती है परेशानी
बुजुर्ग मतदाताओं ने बताया कि साल 2001 में खिरोई नदी के धार के रास्ता बदलने से उनके गांव की सड़कें बह गयी. तब से लेकर 18 साल गुजर गए लेकिन स्थिति नहीं बदली है. किसी के गंभीर रूप से बीमार होने पर अस्पताल जाने के लिए बस नाव ही सहारा होता है. बच्चों को भी पढ़ाई-लिखाई के लिए जाने में नदी पार करनी पड़ती है. लोगों ने कहा कि नदी के इस पार 2200 मतदाता हैं. जिन्हें वोट डालने के लिए नाव पर सवार होकर उस पार जाना पड़ता है. इस बार लोगों को नदी पार करने के लिए चार नावें इस घाट पर दी गयी हैं.

पेश है रिपोर्ट

महिलाओं ने की पुल बनवाने की मांग
इस गांव के युवा मतदाताओं ने कहा कि पुल बनवाने के लिए सारे कागजात लेकर वो मंत्रालय तक पहुंचे थे. लेकिन वहां भी काम लटका हुआ है. इस साल हुए लोकसभा चुनाव में भी हमें सिर्फ आश्वासन मिला था. अब उपचुनाव में भी आश्वासन ही मिला है. साथ ही उनलोगों ने कहा कि नाव पर चढ़ने के डर से कई बुजुर्ग और गांव के लोग मतदान करने नहीं आते. वहीं, मतदान करने जा रही महिलाओं ने इस नदी पर पुल बनवाने की मांग की.

दरभंगा न्यूज
मतदान केंद्र
Intro:दरभंगा। समस्तीपुर लोकसभा उपचुनाव में हायाघाट के सिरिनिया के मतदाता जान की बाज़ी लगाकर नदी पार कर मतदान कर रहे हैं। वोटिंग को लेकर लोगों में उत्साह है। बड़ी संख्या में महिलाएं भी वोट डालने निकली हैं। लोग नाव पर लदकर खिरोई नदी पार कर मतदान केंद्र पर अपना सांसद चुनने के लिए पहुंच रहे हैं। लेकिन इनके सांसद एक अदद पुल इनके लिए नहीं बनवा सके हैं। ई टीवी भारत संवाददाता विजय कुमार श्रीवास्तव ने इलाके में मतदान का जायजा लिया।


Body:बुजुर्ग मतदाताओं ने बताया कि वर्ष 2001 में खिरोई नदी ने अपना रास्ता बदल लिया। नयी धारा में उनकी सड़क बह गयी। तब से लेकर 18 साल गुजर गए लेकिन स्थिति नहीं बदली। किसी के गंभीर रूप से बीमार होने पर भी नाव का ही सहारा है। पढ़ाई-लिखाई के लिए भी नदी पार करनी पड़ती है। लोगों ने कहा कि नदी के इस पार 2200 मतदाता हैं जिन्हें वोट डालने के लिए नाव पर सवार होकर उस पार जाना पड़ता है। इस बार चार नावें इस घाट पर दी गयी हैं। वे बार-बार एक पुल के लिए आवेदन देते रहे लेकिन उन्हें केवल आश्वासन मिला। महिलाओं ने पुल बनवाने की मांग की।


Conclusion:वहीं युवाओं ने कहा कि पुल के लिए सारे कागजात लेकर वे लोग मंत्रालय तक पहुंचे लेकिन वहां भी काम लटका हुआ है। इस साल हुए लोकसभा चुनाव में भी आश्वासन मिला था। अब उपचुनाव में भी आश्वासन ही मिला है। कहा कि नाव पर चढ़ने के डर से बुजुर्ग और बीमार लोग मतदान करने नहीं आते।

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विजय कुमार श्रीवास्तव
ई टीवी भारत
दरभंगा
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