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अब और कितना दर्द सहें सरकार! बाढ़ ने मचा दिया हाहाकार...

दरभंगा (Darbhanga) के हनुमाननगर प्रखंड (Hanumannagar Block) क्षेत्र में बागमती नदी के जलस्तर में वृद्धि से बाढ़ की आफत आ गयी है. इसके कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस स्थिति में लोगों के पास पलायन ही एकमात्र विकल्प हैं.

दरभंगा बाढ़
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Published : Jul 10, 2021, 11:58 AM IST

Updated : Jul 10, 2021, 12:39 PM IST

दरभंगा: बिहार में नदियों के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि (Rising Water Level of Rivers) से बाढ़ (Flood in Bihar) की स्थिति गंभीर होती जा रही है. जिले के कुल 79 गावों के 58 हजार लोग बाढ़ प्रभावित हैं. बिहार के दरभंगा (Darbhanga) जिले के पश्चिमी क्षेत्र में बाढ़ की समस्या सामान्य तौर पर हर साल अगस्त के महीने में उत्पन्न होती थी, लेकिन इस बार एक महीने पहले ही लोगों काे इससे जूझना पड़ रहा है. इसके कारण लोगों को अपने सामानों को सुरक्षित स्थानों पर रखने तक का समय नहीं मिला.

इसे भी पढ़ें: ऐसा बिहार में ही संभव है..! पुल है लेकिन एप्रोच पथ नहीं, नाव ही सहारा

दरभंगा के बेनीपुर में कमला नदी ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. एक ओर जहां सड़कें कट गई हैं, वहीं किसानों की फसल डूब गई है. जिले के सीनूवाड़ा पंचायत के सीमा मुसहरी गांव में अति पिछड़ी जाति के लोग रहते हैं. इस गांव में लोगों को अंदाजा कतई नहीं था कि बाढ़ समय से पहले ही दस्तक दे देगा. बाढ़ की तबाही को देखते हुए लोग अपने सामानों को छोड़कर ऊंचे स्थानों की तलाश में निकल पड़े हैं. जिसके कारण उन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें: दरभंगा: शहरी सुरक्षा तटबंध की मरम्मती नहीं होने से लोगों को सता रहा बाढ़ का डर

स्थानीय लोगों का कहना है कि पूरा गांव धीरे-धीरे खाली हो रहा है. जिसको जहां ऊंचा स्थान मिलता हैं, वहीं शरण ले रहे हैं. स्थानीय सरपंच नवीन कुमार सिंह ने बताया कि-

'इस आपदा को देखते हुए जिला प्रशासन को हनुमाननगर प्रखंड क्षेत्र के सभी पंचायतों को जल्द से जल्द बाढ़ ग्रसित क्षेत्र घोषित कर देना चाहिए. पूरे प्रखंड में सामुदायिक रसोई की शुरुआत कर देनी चाहिए. साथ ही प्रभावित स्थानों पर नाव की अविलंब व्यवस्था कराई जानी चाहिए. जिससे लोगों की मुश्किलें थोड़ी आसान हो जाएं.' -नवीन कुमार सिंह, सरपंच

बता दें कि बाढ़ का पानी सड़क (Flood Water On Road) पर आ जाने से लोगों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से टूट गया है. वहीं हनुमाननगर प्रखंड के लोगों ने बताया कि मुख्य सड़क पर बाढ़ का पानी आ जाने के कारण लोगों को काफी कठनाइयों का सामना करना पर रहा है. इस सड़क से 12 से अधिक पंचायतों के लोगों का आना-जाना होता है. सड़क पर बाढ़ के पानी के आ जाने के कारण लोग अपनी जान को जोखिम में डालकर पानी पार कर रहे हैं. जिससे हमेशा हादसा होने का डर बना रहता है.

दरभंगा: बिहार में नदियों के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि (Rising Water Level of Rivers) से बाढ़ (Flood in Bihar) की स्थिति गंभीर होती जा रही है. जिले के कुल 79 गावों के 58 हजार लोग बाढ़ प्रभावित हैं. बिहार के दरभंगा (Darbhanga) जिले के पश्चिमी क्षेत्र में बाढ़ की समस्या सामान्य तौर पर हर साल अगस्त के महीने में उत्पन्न होती थी, लेकिन इस बार एक महीने पहले ही लोगों काे इससे जूझना पड़ रहा है. इसके कारण लोगों को अपने सामानों को सुरक्षित स्थानों पर रखने तक का समय नहीं मिला.

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दरभंगा के बेनीपुर में कमला नदी ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. एक ओर जहां सड़कें कट गई हैं, वहीं किसानों की फसल डूब गई है. जिले के सीनूवाड़ा पंचायत के सीमा मुसहरी गांव में अति पिछड़ी जाति के लोग रहते हैं. इस गांव में लोगों को अंदाजा कतई नहीं था कि बाढ़ समय से पहले ही दस्तक दे देगा. बाढ़ की तबाही को देखते हुए लोग अपने सामानों को छोड़कर ऊंचे स्थानों की तलाश में निकल पड़े हैं. जिसके कारण उन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.

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स्थानीय लोगों का कहना है कि पूरा गांव धीरे-धीरे खाली हो रहा है. जिसको जहां ऊंचा स्थान मिलता हैं, वहीं शरण ले रहे हैं. स्थानीय सरपंच नवीन कुमार सिंह ने बताया कि-

'इस आपदा को देखते हुए जिला प्रशासन को हनुमाननगर प्रखंड क्षेत्र के सभी पंचायतों को जल्द से जल्द बाढ़ ग्रसित क्षेत्र घोषित कर देना चाहिए. पूरे प्रखंड में सामुदायिक रसोई की शुरुआत कर देनी चाहिए. साथ ही प्रभावित स्थानों पर नाव की अविलंब व्यवस्था कराई जानी चाहिए. जिससे लोगों की मुश्किलें थोड़ी आसान हो जाएं.' -नवीन कुमार सिंह, सरपंच

बता दें कि बाढ़ का पानी सड़क (Flood Water On Road) पर आ जाने से लोगों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से टूट गया है. वहीं हनुमाननगर प्रखंड के लोगों ने बताया कि मुख्य सड़क पर बाढ़ का पानी आ जाने के कारण लोगों को काफी कठनाइयों का सामना करना पर रहा है. इस सड़क से 12 से अधिक पंचायतों के लोगों का आना-जाना होता है. सड़क पर बाढ़ के पानी के आ जाने के कारण लोग अपनी जान को जोखिम में डालकर पानी पार कर रहे हैं. जिससे हमेशा हादसा होने का डर बना रहता है.

Last Updated : Jul 10, 2021, 12:39 PM IST
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