दरभंगा: देश में जारी लॉकडाउन ने हर दिन मजदूरी करके परिवार चलाने वाले मजदूरों की कमर तोड़ दी है. ऐसे में उनके सामने भुखमरी जैसे हालात हो गए हैं. वहीं, दूसरी ओर बड़ी संख्या में दूसरे प्रदशों से पहुंचे प्रवासी मजदूर भी बेरोजगार हो गए हैं. ऐसे में मजदूरों का गुस्सा अब सड़क पर दिखने लगा है. सिंहवाड़ा प्रखंड की टेकटार पंचायत के सिरहुल्ली गांव के मजदूरों ने शुक्रवार को रोजगार नहीं मिलने पर मजदूर रघुनंदन तांती के नेतृत्व में प्रदर्शन किया.
रोजगार को लेकर जगह-जगह प्रदर्शन
मजदूरों ने पंचायत के मुखिया के खिलाफ नारेबाजी की. इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थी. कई मजदूरों ने रोजगार देने के एवज में रिश्वत मांगने का भी आरोप लगाया. गांव की एक मजदूर पुनीता देवी ने कहा कि वे लोग कई महीनों से बेकार बैठे हैं. न कोई रोजगार है और न ही सरकार की तरफ से कोई मजदूरी वाला काम ही मिल रहा है. ऐसे में अब घर-परिवार चलाना बहुत मुश्किल हो रहा है. मजदूरों ने आरोप लगाया कि मनरेगा में रोजगार देने के लिए रिश्वत मांगी जाती है. रिश्वत देने के बावजूद रोजगार नहीं मिलता है.
मनरेगा योजना में रोजगार देने की हुई थी घोषणा
बता दें कि बिहार सरकार ने वापस लौटे प्रवासी मजदूरों और गांव में रहने वाले लोगों के लिए मनरेगा योजना से रोजगार देने की घोषणा की थी. लेकिन मनरेगा में महज खानापूर्ति हो रही है. जरूरतमंद लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है. इसके खिलाफ अब मजदूर नाराज होकर सड़क पर उतरने लगे हैं. इसके साथ ही रोजगार को लेकर जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं.