दरभंगा: बिहार में संस्कृत विषय का एकमात्र उच्च शिक्षा केंद्र कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि अपने पांडित्य के लिए जाना जाता रहा है. ऐसे में यहां के छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक गतिविधियों और खेल में लीक से हटकर ऊंची छलांग लगाई है. हाल ही में पटना के पाटलिपुत्र विवि में आयोजित राज्य स्तरीय 'तरंग' प्रतियोगिता में स्टूडेंट्स ने 27 खेलों में से 16 में गोल्ड मेडल जीत कर इतिहास रच दिया है.
प्रतियोगिता में चार लड़कियों ने मिलकर 10 गोल्ड मेडल पर अपना कब्जा जमाया. रंगोली, स्किट और माइम में यहां के छात्र-छात्राएं ओवरऑल चैंपियन रहे. 26 जनवरी 1961 को स्थापित संस्कृत विवि के 59 साल के इतिहास में इस तरह की ये पहली उपलब्धि है.
लड़कियों ने लहराया परचम
चार खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाली छात्रा निशा कुमारी ने कहा कि यह उपलब्धि विवि के शिक्षकों के मार्गदर्शन की वजह से मिली है. सभी ने मिलकर यह साबित कर दिया कि संस्कृत के छात्र किसी से कम नहीं हैं. वहीं, दो खेलों में गोल्ड मेडल विजेता शांभवी ने कहा कि ये उसके जीवन की बड़ी उपलब्धि है. उसने कभी सोचा भी नहीं था कि वे इस तरह राज्य में विवि का परचम लहराएंगी.
'10 स्टूडेंट्स ने गोल्ड मेडल जीता'
विवि के कुलपति प्रो. सर्व नारायण झा ने इस प्रतियोगिता को अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया है. उन्होंने कहा कि यहां के छात्र-छात्राओं ने कुल 27 प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया था. जिसमें 10 स्टूडेंट्स ने गोल्ड मेडल जीते हैं. साथ ही कहा कि आने वाले दिनों में संस्कृत विवि में राज्य स्तरीय खेल-कूद, सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं और शास्त्रार्थ का आयोजन किया जाएगा. इसके साथ ही विवि के कुलपति ने सभी सफल विजेताओं को पुरस्कृत किया.