दरभंगा: कोरोना वायरस से लड़ने के लिए देश के हर व्यक्ति जरूरी उपाय कर रहे हैं. इस वायरस से लड़ने में मास्क और हैंड सैनिटाइजर को जरूरी वस्तु माना गया है, लेकिन पूरे देश से ऐसी खबरें आ रहीं थीं कि हैंड सैनिटाइजर और मास्क या तो दुकानदार के पास उपलब्ध नहीं हैं या फिर दुकानदार इन चीजों को खुदरा मूल्य से बहुत ऊंचीं कीमतों पर बेच रहे हैं.
इसके बाद सरकार ने इस दिशा में कड़े कदम उठाया है. सरकार ने मास्क ( 2 प्लाई, 3 प्लाई सर्जिकल मास्क और एन 95 मास्क ) हैंड सैनिटाइजर, गेंहू और उसके उत्पाद, चावल, चना, आटा, मक्का, दलहन, दालें, नमक, चीनी, गुड़, बेबी फूड, माचिस, मैदा, सूजी, रावा, सभी मसाले, एलपीजी, सभी खाद्य और वनस्पतिम तेल, केरोसिन तेल, सोडा ( सफाई का ) एसेंशियल कोमोडिटी में जोड़ दिया हैं.
कालाबाजारी रोकने की कोशिश
आवश्यक वस्तु अधिनियम, एसेंशियल कोमोडिटी एक्ट एक ऐसा कानून है जो कि दुकानदारों को जरूरी वस्तुओं के भण्डारण और कालाबाजारी करने से रोकता है. यदि सरकार को पता चलता है कि एक निश्चित कमोडिटी की आपूर्ति कम है और इसकी कीमत में बढ़ोतरी हो रही है, तो वह एक निश्चित अवधि के लिए इस वस्तु की स्टॉक-होल्डिंग सीमा को फिक्स कर सकती है. जो भी बिक्रेता इस वस्तु को बेचता है, चाहे वह थोक व्यापारी हो, खुदरा विक्रेता या फिर आयातक हो, सभी को एक निश्चित मात्रा से ज्यादा स्टॉक करने से रोका जाता है. ताकि कालाबाजारी ना हो और दाम बढ़ सके.
इस कानून के मुख्य उद्येश्य
- देश में आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति बनाये रखना
- आवश्यक वस्तुओं का अनावश्यक भंडारण रोकना
- आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी रोकना
कालाबाजारी रोकने के लिया गया है यह फैसला
जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन ने बताया है कि राज्य सरकार ने आवश्यक वस्तु की कालाबाजारी रोकने के लिए यह फैसला लिया है. एसेंशियल कोमोडिटी में शामिल कर लिये जाने के बाद उपरोक्त वस्तुओं के उत्पादन, विपणन आदि में आवश्यक वस्तु अधिनियम के प्रावधानों का पालन अनिवार्य होगा.