दरभंगा: बिहार के दरभंगा (Darbhanga) में सालों से चली आ रही जलजमाव (Water Logging) की समस्या से तंग आकर एक सामाजिक कार्यकर्ता ने विरोध का अनूठा तरीका अख्तियार कर लिया. बेनीपुर प्रखंड के बहेड़ा पानी टंकी के पास आशीष रंजन दास सड़क पर फैले गंदे पानी में चौकी बिछाकर मच्छरदानी में भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं.
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उनके इस आंदोलन में स्थानीय लोग भी उनके साथ जुड़ते चले गए और बढ़ चढ़कर उनका साथ दे रहे हैं. सोमवार की रात से ही सभी लोग विरोध में डटे हुए हैं. लोगों ने बांस-बल्ली लगाकर बेनीपुर अनुमंडल से बहेड़ा बाजार तक जाने वाली सड़क को जाम कर दिया.
इस बीच मामला बढ़ता देख बहेड़ा थाना पुलिस ने युवक को मनाने की कोशिश की. लेकिन, समस्या का समाधान होने तक उन्होंने भूख हड़ताल खत्म करने से इनकार कर दिया. विरोध का ये अनूठा तरीका फिलहाल जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है.
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''भूख हड़ताल पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ता आशीष रंजन दास ने बताया कि पिछले कई साल से बहेड़ा पानी टंकी के पास जलजमाव है. इसकी वजह से अक्सर लोग दुर्घटनाग्रस्त होते हैं. बीमारी का खतरा भी बना रहता है. समस्या के समाधान के लिए पीएचईडी के अभियंता से लेकर प्रखंड और जिला प्रशासन तक से गुहार लगाई गई, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी. इसलिए वे बीच सड़क पर गंदे पानी में बिस्तर लगाकर भूख हड़ताल पर बैठे हैं.''- आशीष रंजन दास, सामाजिक कार्यकर्ता
उन्होंने कहा कि जब तक समस्या का पूरी तरह समाधान नहीं होता है, तब तक वे भूख हड़ताल पर से नहीं उठेंगे. अशीष के समर्थन में आंदोलन में शामिल स्थानीय शंकर भगवान पूर्वे ने कहा कि ''लोगों ने बहुत बार समस्या के समाधान को लेकर प्रखंड से लेकर जिले तक गुहार लगाई, लेकिन इसका समाधान नहीं हो सका. बहेड़ा बाजार के सभी दुकानदार अशीष के समर्थन में हैं और आंदोलन में उनके साथ बैठे हैं. जब तक समस्या का समाधान नहीं होगा, तब तक वे सभी लोग आंदोलन पर रहेंगे.''
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बता दें कि इससे पहले दरभंगा नगर निगम (Darbhanga Municipal Corporation) के वार्ड नंबर 24 और 25 में जलजमाव से परेशान लोगों ने यहां भी विरोध का अनोखा तरीका अख्तियार करते हुए सड़क पर ही धान रोपनी (Planting Paddy On Road) कर विरोध-प्रदर्शन किया था. लोगों में नगर निगम के खिलाफ काफी गुस्सा है. सड़क की समस्या से इन लोगों ने कई बार नगर निगम को अवगत कराया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.