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अपने वादों से लोगों को भटकाने के लिए BJP ने लाया CAA : शरद यादव - सीएए पर शरद यादव का बयान

दरभंगा में पूर्व केन्द्रीय मंत्री शरद यादव एनआरसी, सीएए और एनपीआर के खिलाफ चल रहे अनिश्चितकालीन धरना में पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि संविधान को बचाने के लिए हम सभी एक साथ खड़े हैं.

sharad yadav statement on NRC
शरद यादव
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Published : Feb 25, 2020, 3:32 AM IST

Updated : Feb 25, 2020, 8:14 AM IST

दरभंगा: सदर थाना क्षेत्र के चक जमाल में एनआरसी, सीएए और एनपीआर के खिलाफ चल रहे अनिश्चितकालीन धरना में पूर्व केन्द्रीय मंत्री शरद यादव पहुंचे. इस दौरान धरना को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह काला कानून सिर्फ लोगों को भटकाने के लिए लाया गया है. सरकार बनने से पहले रोजगार और काला धन लाकर सभी भारतीय के खाते में 15 लाख रुपये देने का वदा किया गया. उन सभी वादों से लोगों को भटकाने के लिए यह नया कानून लाया गया है. लेकिन उनको नहीं पता कि हिन्दुस्तान की आवाम संविधान पर आस्था रखती है. उन्होंने कहा कि संविधान को बचाने के लिए हम सभी एक साथ खड़े हैं.

'सबके पास एक वोट देने का अधिकार'
शरद यादव ने कहा कि जनसंख्या की गणना भारत सरकार का अधिकार है. ये राज्य सरकार नहीं कर सकती है. उन्होंने कहा कि औरंगजेब से लेकर अंग्रेजों से लड़कर हमलोगों ने संविधान की किताब पाई है. इसको पाने में कई लोग फांसी चढ़ गए, कई घर तबाह हो गए. तब जाकर यह संविधान की किताबें हमारे हाथ में आई. उन्होंने कहा कि यह किताब ऐसी किताब है, जिसमें जनता मालिक है. ना कोई छोटा ना कोई बड़ा. चाहे वह नरेंद्र मोदी हो या आप में से बैठा कोई व्यक्ति. सबके पास एक वोट देने का अधिकार है.

देखें ये रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: NDA ने शुरू की पूरे साल का बजट एक साथ पेश करने की परंपरा- सुशील मोदी

नोटबंदी की वजह से व्यापार ठप
शरद यादव ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि नोटबंदी की वजह से देश में ऐसी बुरी हालत हुई कि व्यापार ठप हो गया. नोटबंदी की वजह से पांच से साढ़े पांच करोड़ लोग जो रोजगार में लगे हुए थे. वे लोग बाहर हो गए. अभी भी देश के अंदर एक तिहाई कारखाना बंद पड़ा है. उन्होंने कहा कि कपड़ा का रोजगार भारत में सबसे बड़ा रोजगार था. देश में सबसे ज्यादा सिले हुए कपड़ों का एक्सपोर्ट हमलोग करते थे .लेकिन आज बांग्लादेश हम से आगे हैं.

दरभंगा: सदर थाना क्षेत्र के चक जमाल में एनआरसी, सीएए और एनपीआर के खिलाफ चल रहे अनिश्चितकालीन धरना में पूर्व केन्द्रीय मंत्री शरद यादव पहुंचे. इस दौरान धरना को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह काला कानून सिर्फ लोगों को भटकाने के लिए लाया गया है. सरकार बनने से पहले रोजगार और काला धन लाकर सभी भारतीय के खाते में 15 लाख रुपये देने का वदा किया गया. उन सभी वादों से लोगों को भटकाने के लिए यह नया कानून लाया गया है. लेकिन उनको नहीं पता कि हिन्दुस्तान की आवाम संविधान पर आस्था रखती है. उन्होंने कहा कि संविधान को बचाने के लिए हम सभी एक साथ खड़े हैं.

'सबके पास एक वोट देने का अधिकार'
शरद यादव ने कहा कि जनसंख्या की गणना भारत सरकार का अधिकार है. ये राज्य सरकार नहीं कर सकती है. उन्होंने कहा कि औरंगजेब से लेकर अंग्रेजों से लड़कर हमलोगों ने संविधान की किताब पाई है. इसको पाने में कई लोग फांसी चढ़ गए, कई घर तबाह हो गए. तब जाकर यह संविधान की किताबें हमारे हाथ में आई. उन्होंने कहा कि यह किताब ऐसी किताब है, जिसमें जनता मालिक है. ना कोई छोटा ना कोई बड़ा. चाहे वह नरेंद्र मोदी हो या आप में से बैठा कोई व्यक्ति. सबके पास एक वोट देने का अधिकार है.

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नोटबंदी की वजह से व्यापार ठप
शरद यादव ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि नोटबंदी की वजह से देश में ऐसी बुरी हालत हुई कि व्यापार ठप हो गया. नोटबंदी की वजह से पांच से साढ़े पांच करोड़ लोग जो रोजगार में लगे हुए थे. वे लोग बाहर हो गए. अभी भी देश के अंदर एक तिहाई कारखाना बंद पड़ा है. उन्होंने कहा कि कपड़ा का रोजगार भारत में सबसे बड़ा रोजगार था. देश में सबसे ज्यादा सिले हुए कपड़ों का एक्सपोर्ट हमलोग करते थे .लेकिन आज बांग्लादेश हम से आगे हैं.

Last Updated : Feb 25, 2020, 8:14 AM IST
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