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हड़ताली शिक्षक बोले- वेतन बंद करने से नहीं डरेंगे, भूखे पेट भी लड़ेंगे

माध्यमिक शिक्षक संघ का कहना है कि सरकार के इशारे पर उन्होंने हम लोगों के बिल पर हस्ताक्षर नहीं किया. इससे साफ प्रतीत होता है कि सरकार शिक्षक के आंदोलन को कमजोर करना चाहती है. लेकिन यह शिक्षक भूखे पेट भी लड़ने को तैयार हैं.

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Published : Mar 13, 2020, 7:25 PM IST

दरभंगाः बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षक 25 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. वहीं, हड़ताल के 17वें दिन शिक्षक पोलो फील्ड स्थित धरना स्थल से एक मार्च निकालते हुए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचे. जहां हड़ताली शिक्षकों ने बिहार के मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के खिलाफ नारेबाजी की. साथ ही अपनी मांगों के समर्थन में आवाज बुलंद किया.

शिक्षकों के हड़ताल की जिम्मेदार है सरकार
वहीं, माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला सचिव सरवन नारायण चौधरी ने कहा कि वेतनमान में भारी विसंगतियों से शिक्षकों में व्यापक आक्रोश है. इसके साथ ही भविष्य की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 25 फरवरी से विद्यालयों में तालाबंदी और अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए शिक्षक को विवश होना पड़ा है. वहीं, उन्होंने कहा कि सरकार की तानाशाही रवैया ने शिक्षा, शिक्षक और शिक्षार्थी सभी के हित पर कुठाराघात किया है. जिसको लेकर हम लोग अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं.

पेश है रिपोर्ट

मांग पूरी होने पर खत्म होगी हड़ताल
जिला सचिव ने कहा कि विगत 25 फरवरी से हमलोगों की हड़ताल चल रही है. प्रत्येक माह की 25 तारीख को हम लोगों के बिल पर हस्ताक्षर होता है. लेकिन सरकार के इशारे पर उन्होंने हम लोगों के बिल पर हस्ताक्षर नहीं किया. इससे साफ प्रतीत होता है कि सरकार शिक्षक के आंदोलन को कमजोर करना चाहती है. लेकिन यह शिक्षक भूखे पेट भी लड़ने को तैयार है. वहीं, उन्होंने कहा कि अनैतिक रूप से आप निलंबन का आदेश जारी किए हैं. वह पूर्णतः असंवैधानिक है. इस आंदोलन के माध्यम से सरकार को चेतावनी देना चाहता हूं कि शिक्षकों पर जो कार्रवाई की है, उसको वापस ले नहीं तो आने वाले दिनों में आंदोलन को और भी उग्र किया जायेगा.

दरभंगाः बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षक 25 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. वहीं, हड़ताल के 17वें दिन शिक्षक पोलो फील्ड स्थित धरना स्थल से एक मार्च निकालते हुए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचे. जहां हड़ताली शिक्षकों ने बिहार के मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के खिलाफ नारेबाजी की. साथ ही अपनी मांगों के समर्थन में आवाज बुलंद किया.

शिक्षकों के हड़ताल की जिम्मेदार है सरकार
वहीं, माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला सचिव सरवन नारायण चौधरी ने कहा कि वेतनमान में भारी विसंगतियों से शिक्षकों में व्यापक आक्रोश है. इसके साथ ही भविष्य की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 25 फरवरी से विद्यालयों में तालाबंदी और अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए शिक्षक को विवश होना पड़ा है. वहीं, उन्होंने कहा कि सरकार की तानाशाही रवैया ने शिक्षा, शिक्षक और शिक्षार्थी सभी के हित पर कुठाराघात किया है. जिसको लेकर हम लोग अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं.

पेश है रिपोर्ट

मांग पूरी होने पर खत्म होगी हड़ताल
जिला सचिव ने कहा कि विगत 25 फरवरी से हमलोगों की हड़ताल चल रही है. प्रत्येक माह की 25 तारीख को हम लोगों के बिल पर हस्ताक्षर होता है. लेकिन सरकार के इशारे पर उन्होंने हम लोगों के बिल पर हस्ताक्षर नहीं किया. इससे साफ प्रतीत होता है कि सरकार शिक्षक के आंदोलन को कमजोर करना चाहती है. लेकिन यह शिक्षक भूखे पेट भी लड़ने को तैयार है. वहीं, उन्होंने कहा कि अनैतिक रूप से आप निलंबन का आदेश जारी किए हैं. वह पूर्णतः असंवैधानिक है. इस आंदोलन के माध्यम से सरकार को चेतावनी देना चाहता हूं कि शिक्षकों पर जो कार्रवाई की है, उसको वापस ले नहीं तो आने वाले दिनों में आंदोलन को और भी उग्र किया जायेगा.

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