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दरभंगा: कामेश्वर सिंह विवि में दो दिवसीय संस्कृत कार्यशाला का होगा आयोजन - Sanskrit workshop

दरभंगा स्थित कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक कार्यशाल का आयोजन कर रहा है. इसमें संस्कृत को बढ़ावा देने पर चर्चा की जाएगी.

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Published : Oct 3, 2019, 9:59 PM IST

दरभंगा: कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि ने संस्कृत को लोकप्रिय बनाने के लिए एक विशेष पहल शुरू की है. विवि दो दिवसीय एक संस्कृत कार्यशाला का आयोजन करने जा रहा है. इसमें देश-विदेश के संस्कृत के विद्वान भाग लेंगे.

दरभंगा स्थित कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक कार्यशाल का आयोजन कर रहा है. इसमें संस्कृत को बढ़ावा देने पर चर्चा की जाएगी. इस कार्यशाला के दौरान सभी दो दिनों तक संस्कृत में ही बातचीत करेंगे.

दरभंगा
विवि के कुलपति प्रो. सर्व नारायण झा

'संस्कृत को मिलेगी लोकप्रियता'
विवि के कुलपति प्रो. सर्व नारायण झा ने बताया कि बिहार से बाहर और दूसरे देशों में संस्कृत की क्या स्थिति है? इल कार्यशाला में पता चलेगा. देश-विदेश से आयें विद्वानों के बीच शिक्षक और प्रधानाचार्य संस्कृत में बातचीत करेंगे, तो निश्चित ही उनमें आत्मविश्वास बढ़ेगा. इससे संस्कृत की लोकप्रियता मिलेगी.

विवि के कुलपति प्रो. सर्व नारायण झा का बयान

बिहार में यह एकमात्र संस्कृत विवि
बता दें कि संस्कृत विवि की स्थापना 26 जनवरी 1961 को दरभंगा महाराज कामेश्वर सिंह ने की थी. झारखंड बनने के पहले यह संयुक्त बिहार का एकमात्र संस्कृत विवि था. आज भी पूरे बिहार में एकमात्र यह संस्कृत विवि है. विवि की इस पहल से संस्कृत को लोकप्रियता मिलेगी.

दरभंगा: कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि ने संस्कृत को लोकप्रिय बनाने के लिए एक विशेष पहल शुरू की है. विवि दो दिवसीय एक संस्कृत कार्यशाला का आयोजन करने जा रहा है. इसमें देश-विदेश के संस्कृत के विद्वान भाग लेंगे.

दरभंगा स्थित कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक कार्यशाल का आयोजन कर रहा है. इसमें संस्कृत को बढ़ावा देने पर चर्चा की जाएगी. इस कार्यशाला के दौरान सभी दो दिनों तक संस्कृत में ही बातचीत करेंगे.

दरभंगा
विवि के कुलपति प्रो. सर्व नारायण झा

'संस्कृत को मिलेगी लोकप्रियता'
विवि के कुलपति प्रो. सर्व नारायण झा ने बताया कि बिहार से बाहर और दूसरे देशों में संस्कृत की क्या स्थिति है? इल कार्यशाला में पता चलेगा. देश-विदेश से आयें विद्वानों के बीच शिक्षक और प्रधानाचार्य संस्कृत में बातचीत करेंगे, तो निश्चित ही उनमें आत्मविश्वास बढ़ेगा. इससे संस्कृत की लोकप्रियता मिलेगी.

विवि के कुलपति प्रो. सर्व नारायण झा का बयान

बिहार में यह एकमात्र संस्कृत विवि
बता दें कि संस्कृत विवि की स्थापना 26 जनवरी 1961 को दरभंगा महाराज कामेश्वर सिंह ने की थी. झारखंड बनने के पहले यह संयुक्त बिहार का एकमात्र संस्कृत विवि था. आज भी पूरे बिहार में एकमात्र यह संस्कृत विवि है. विवि की इस पहल से संस्कृत को लोकप्रियता मिलेगी.

Intro:दरभंगा। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि ने संस्कृत को लोकप्रिय बनाने के लिए कई विशेष पहल शुरू की है। इसी के तहत विवि दो दिवसीय एक संस्कृत कार्यशाला का आयोजन करने जा रहा है जिसमें देश-विदेश के संस्कृत के विद्वान शिरकत करेंगे। इसमें संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने पर चर्चा होगी। इस कार्यशाला की खासियत यह होगी कि इसमें विद्वानों के बीच विवि के शिक्षक और प्रधानाचार्य दो दिनों तक केवल संस्कृत में बातचीत करेंगे।


Body:विवि के कुलपति प्रो. सर्व नारायण झा ने बताया कि बिहार से बाहर और दूसरे देशों में संस्कृत की क्या स्थिति है, इससे यह पता चलेगा। देश-विदेश से आये विद्वानों के बीच जब हमारे शिक्षक और प्रधानाचार्य संस्कृत में बातचीत करेंगे तो निश्चित तौर पर उनमें आत्मविश्वास जागेगा और इससे संस्कृत की लोकप्रियता बढ़ेगी।


Conclusion:बता दें कि संस्कृत विवि की स्थापना 26 जनवरी 1961 को दरभंगा महाराज कामेश्वर सिंह ने की थी। झारखंड बनने के पहले यह संयुक्त बिहार का एकमात्र संस्कृत विवि हुआ करता था। आज भी पूरा बिहार इसके क्षेत्राधिकार में आता है। विवि की इस पहल से संस्कृत की लोकप्रियता बढ़ेगी।

बाइट - प्रो. सर्व नारायण झा, कुलपति, केएसडीएसयू.

विजय कुमार श्रीवास्तव
ई टीवी भारत
दरभंगा
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