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कामेश्र्वर सिंह विवि में मनाया गया संस्कृत सप्ताह, न्यायमूर्ति राजेंद्र मिश्र बोले- संस्कृत का उत्थान जरुरी

पटना उच्च न्यायलय के न्यायधीश न्यायमूर्ति राजेंद्र मिश्र ने कहा है कि संस्कृत भाषा में गणित छुपा है, इससे हम ग्रहों की गणना करते हैं, उसी की बदौलत विश्व की प्रगति हुई है. उन्होंने यह भी कहा कि जो व्यक्ति संस्कृत और अंग्रेजी का विद्वान होगा वह कंप्यूटर का अच्छा ज्ञाता हो सकता है.

कामेश्र्वरसिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय
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Published : Aug 18, 2019, 10:23 PM IST

दरभंगा: जिले के कामेश्र्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में संस्कृत सप्ताह कार्यक्रम आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेंद्र मिश्र मुख्य रुप से मौजूद थे. इस कार्यक्रम का उद्घाटन न्यायमूर्ति राजेंद्र मिश्र और विवि के कुलपति प्रो. सर्व नारायण झा ने किया. उन्होंने मिथिला में शास्त्रार्थ की प्राचीन परंपरा का महत्व बताते हुए संस्कृत भाषा को पुनर्जीवित करने की बात कही.

दरभंगा
पटना उच्च न्यायलय के न्यायधीश

संस्कृत है विद्वानों की भाषा- न्यायमूर्ति राजेंद्र मिश्र

कामेश्र्वरसिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में संस्कृत भाषा के उत्थान के लिए संस्कृत सप्ताह का आयोजन किया गया. इस समारोह में पटना उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति प्रभात कुमार झा और न्यायमूर्ति अनिल कुमार उपाध्याय शामिल रहे. वहीं सांसद गोपालजी ठाकुर समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे. कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेंद्र मिश्र ने कहा है कि संस्कृत भाषा में गणित छुपा है, इससे हम ग्रहों की गणना करते हैं, उसी की बदौलत विश्व की प्रगति हुई है. उन्होंने यह भी कहा कि जो व्यक्ति संस्कृत और अंग्रेजी का विद्वान होगा वह कंप्यूटर का अच्छा ज्ञाता हो सकता है.

कामेश्र्वर सिंह विवि में मनाया गया संस्कृत सप्ताह

संस्कृत का उत्थान है सबसे जरुरी

न्यायमूर्ति राजेंद्र मिश्र ने आगे कहा कि संस्कृत दुनिया की सबसे वैज्ञानिक भाषा है. हालांकि उन्होंने इस बात को लेकर चिंता जताई कि संस्कृत भाषा स्कूल-कॉलेजों में केवल डिग्री मात्र रह गई है. संस्कृत की शिक्षा कहीं भी नही मिलती है. उन्होंने संस्कृत के विद्वानों से देवभाषा पर और अत्यधिक काम करने के लिए कहा. इस अवसर पर 'आत्मा' विषय पर एक शास्त्रार्थ का भी आयोजन किया गया. जो विवि के प्रो. सुरेश्वर झा और प्रो. विदेश्वर झा के बीच हुआ.

दरभंगा
संस्कृत भाषा को लेकर किया गया कार्यक्रम

दरभंगा: जिले के कामेश्र्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में संस्कृत सप्ताह कार्यक्रम आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेंद्र मिश्र मुख्य रुप से मौजूद थे. इस कार्यक्रम का उद्घाटन न्यायमूर्ति राजेंद्र मिश्र और विवि के कुलपति प्रो. सर्व नारायण झा ने किया. उन्होंने मिथिला में शास्त्रार्थ की प्राचीन परंपरा का महत्व बताते हुए संस्कृत भाषा को पुनर्जीवित करने की बात कही.

दरभंगा
पटना उच्च न्यायलय के न्यायधीश

संस्कृत है विद्वानों की भाषा- न्यायमूर्ति राजेंद्र मिश्र

कामेश्र्वरसिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में संस्कृत भाषा के उत्थान के लिए संस्कृत सप्ताह का आयोजन किया गया. इस समारोह में पटना उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति प्रभात कुमार झा और न्यायमूर्ति अनिल कुमार उपाध्याय शामिल रहे. वहीं सांसद गोपालजी ठाकुर समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे. कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेंद्र मिश्र ने कहा है कि संस्कृत भाषा में गणित छुपा है, इससे हम ग्रहों की गणना करते हैं, उसी की बदौलत विश्व की प्रगति हुई है. उन्होंने यह भी कहा कि जो व्यक्ति संस्कृत और अंग्रेजी का विद्वान होगा वह कंप्यूटर का अच्छा ज्ञाता हो सकता है.

कामेश्र्वर सिंह विवि में मनाया गया संस्कृत सप्ताह

संस्कृत का उत्थान है सबसे जरुरी

न्यायमूर्ति राजेंद्र मिश्र ने आगे कहा कि संस्कृत दुनिया की सबसे वैज्ञानिक भाषा है. हालांकि उन्होंने इस बात को लेकर चिंता जताई कि संस्कृत भाषा स्कूल-कॉलेजों में केवल डिग्री मात्र रह गई है. संस्कृत की शिक्षा कहीं भी नही मिलती है. उन्होंने संस्कृत के विद्वानों से देवभाषा पर और अत्यधिक काम करने के लिए कहा. इस अवसर पर 'आत्मा' विषय पर एक शास्त्रार्थ का भी आयोजन किया गया. जो विवि के प्रो. सुरेश्वर झा और प्रो. विदेश्वर झा के बीच हुआ.

दरभंगा
संस्कृत भाषा को लेकर किया गया कार्यक्रम
Intro:दरभंगा। पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेंद्र मिश्र ने कहा है कि संस्कृत भाषा में जो गणित छुपा है, जिससे हम ग्रहों की गणना करते हैं, उसी की बदौलत विश्व की प्रगति हुई है। वे कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि आयोजित संस्कृत सप्ताह के अवसर पर बोल रहे थे। इस समारोह में पटना उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति प्रभात कुमार झा और न्यायमूर्ति अनिल कुमार उपाध्याय ने भी शिरकत की। सांसद गोपालजी ठाकुर समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे। इस अवसर पर 'आत्मा' विषय पर एक शास्त्रार्थ का भी आयोजन किया गया जो विवि के प्रो. सुरेश्वर झा और प्रो. विदेश्वर झा के बीच हुआ।


Body:न्यायमूर्ति राजेंद्र मिश्र ने कहा कि जो व्यक्ति संस्कृत और अंग्रेजी का विद्वान होगा वह कंप्यूटर का अच्छा ज्ञाता हो सकता है। उन्होंने कहा कि संस्कृत दुनिया की सबसे वैज्ञानिक भाषा है। आने वाले दिन संस्कृत के हैं। हालांकि उन्होंने इस बात को लेकर चिंता जतायी कि संस्कृत स्कूल-कॉलेजों में केवल डिग्री दी जा रही है। उन्होंने संस्कृत के विद्वानों से देवभाषा के उत्थान के लिये काम करने का आग्रह किया।


Conclusion:इस कार्यक्रम का उद्घाटन न्यायाधीधों के साथ मिलकर विवि के कुलपति प्रो. सर्व नारायण झा ने किया। उन्होंने मिथिला में शास्त्रार्थ की प्राचीन परंपरा का महत्व बताते हुए इसे पुनर्जीवित करने की जरूरत बतायी। मौके पर विवि के सीसीडीसी प्रो. श्रीपति त्रिपाठी, डीएसडब्ल्यू प्रो. शिवाकांत मिश्र, धर्मशास्त्र संकायाध्यक्ष प्रो. दिलीप झा समेत कई गणमान्य लोग मौजूद थे।

बाइट 1- न्यायमूर्ति राजेंद्र मिश्र, न्यायाधीश, पटना हाईकोर्ट

विजय कुमार श्रीवास्तव
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