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दरभंगा: प्याज की बढ़ी कीमत ने बिगाड़ा खाने का स्वाद, बिक्री में भी आई गिरावट

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Published : Aug 29, 2019, 12:16 PM IST

Updated : Aug 29, 2019, 6:18 PM IST

प्याज मंडी के एक व्यवसायी ने कहा कि विगत कुछ सप्ताह से प्याज की कीमतों में उछाल आया है. महाराष्ट्र में आई बाढ़ के कारण प्याज का रेट महंगा हो गया है. पहले जो ग्राहक 5 किलो प्याज ले रहे थे, वो अब 4 किलो ले रहे हैं.

प्याज की बढ़ी कीमत

दरभंगा: महाराष्ट्र में आई बाढ़ से प्याज की कीमत आसमान छूने लगी है. नासिक से प्याज का आयात कम होना इसका मुख्य कारण है. प्याज 150 से लेकर 160 रुपये प्रति पांच किलो के हिसाब से मिल रहा है. इससे लोगों के भोजन का स्वाद फीका पड़ गया है. खुदरा में प्याज 30 से 35 रुपये प्रति किलो बिकने के कारण लोगों की परेशानी बढ़ गई है.

प्याज की बढ़ी कीमतों ने लोगों को फिर से रुलाना शुरू कर दिया है. प्याज के दाम में पिछले दस दिनों में लगभग 8 से 9 रुपये की बढ़ोत्तरी हुई है. इस कारण आमलोगों की रसोई का बजट भी बिगड़ गया है. खाने की थाली से प्याज धीरे-धीरे गायब होता जा रहा है. व्यापारियों का कहना है प्याज महंगा होने से बिक्री पर भी बहुत प्रभाव पड़ा है. जो कल तक एक किलो प्याज खरीदते थे, वो आज तीन पाव लेकर जा रहे हैं.

महाराष्ट्र में आई बाढ़ से प्याज की कीमतों में उछाल

प्याज के महंगे होने से बिक्री पर पड़ा असर
प्याज मंडी के एक व्यवसायी ने कहा कि विगत कुछ सप्ताह से प्याज की कीमतों में उछाल आया है. महाराष्ट्र में आई बाढ़ के कारण प्याज का रेट महंगा हो गया है. अभी प्याज का होलसेल रेट 2700 से लेकर 2800 रूपये प्रति क्विंटल है. दरअसल, नासिक से प्याज कम आ रहा है, इसलिये कीमत बढ़ गई है. इसका असर बिक्री पर साफ देखा जा रहा है. पहले जो ग्राहक 5 किलो प्याज ले रहे थे, वो अब 4 किलो ले रहे हैं.

darbhanga
प्याज महंगा होने से बिक्री पर पड़ा असर

लोगों की पढ़ी परेशानी
वहीं, प्याज की खरीदारी करने पहुंचे एक ग्राहक का कहना है कि पहले से प्याज की कीमत बढ़ गई है. इस कारण अब इसका कम प्रयोग करना पड़ रहा है. कल तक इसकी कीमत 24 रूपये प्रति किलो थी. आज 32 रूपये प्रति किलो के भाव से मिल रहा है. प्याज के साथ हरी सब्जियों के दाम भी बढ़ गये हैं.

दरभंगा: महाराष्ट्र में आई बाढ़ से प्याज की कीमत आसमान छूने लगी है. नासिक से प्याज का आयात कम होना इसका मुख्य कारण है. प्याज 150 से लेकर 160 रुपये प्रति पांच किलो के हिसाब से मिल रहा है. इससे लोगों के भोजन का स्वाद फीका पड़ गया है. खुदरा में प्याज 30 से 35 रुपये प्रति किलो बिकने के कारण लोगों की परेशानी बढ़ गई है.

प्याज की बढ़ी कीमतों ने लोगों को फिर से रुलाना शुरू कर दिया है. प्याज के दाम में पिछले दस दिनों में लगभग 8 से 9 रुपये की बढ़ोत्तरी हुई है. इस कारण आमलोगों की रसोई का बजट भी बिगड़ गया है. खाने की थाली से प्याज धीरे-धीरे गायब होता जा रहा है. व्यापारियों का कहना है प्याज महंगा होने से बिक्री पर भी बहुत प्रभाव पड़ा है. जो कल तक एक किलो प्याज खरीदते थे, वो आज तीन पाव लेकर जा रहे हैं.

महाराष्ट्र में आई बाढ़ से प्याज की कीमतों में उछाल

प्याज के महंगे होने से बिक्री पर पड़ा असर
प्याज मंडी के एक व्यवसायी ने कहा कि विगत कुछ सप्ताह से प्याज की कीमतों में उछाल आया है. महाराष्ट्र में आई बाढ़ के कारण प्याज का रेट महंगा हो गया है. अभी प्याज का होलसेल रेट 2700 से लेकर 2800 रूपये प्रति क्विंटल है. दरअसल, नासिक से प्याज कम आ रहा है, इसलिये कीमत बढ़ गई है. इसका असर बिक्री पर साफ देखा जा रहा है. पहले जो ग्राहक 5 किलो प्याज ले रहे थे, वो अब 4 किलो ले रहे हैं.

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प्याज महंगा होने से बिक्री पर पड़ा असर

लोगों की पढ़ी परेशानी
वहीं, प्याज की खरीदारी करने पहुंचे एक ग्राहक का कहना है कि पहले से प्याज की कीमत बढ़ गई है. इस कारण अब इसका कम प्रयोग करना पड़ रहा है. कल तक इसकी कीमत 24 रूपये प्रति किलो थी. आज 32 रूपये प्रति किलो के भाव से मिल रहा है. प्याज के साथ हरी सब्जियों के दाम भी बढ़ गये हैं.

Intro:महाराष्ट्र में बाढ़ आने से प्याज की कीमतों में अचानक वृद्धि हो गई है। नासिक से प्याज की आवक कम होना इसकी वजह बताई जा रही है। प्याज की कीमत 150 रुपये से लेकर 160 रुपये पसेरी तक पहुंच जाने से लोगों के भोजन का स्वाद फीका पड़ गया है। खुदरा में प्याज 30 से 35 रुपये प्रति किलो बिकने के कारण लोगों की परेशानी बढ़ गई है। लोगों ने प्याज की कीमत आसमान छूने के कारण इसका उपयोग कम कर दिया है। नासिक से प्याज की आवक लगातार कम होते रहने और थोक भाव में भी बढ़ोतरी होने से प्याज की फुटकर कीमत बढ़ रही है। व्यापारियों का कहना है कि इससे प्याज की बिक्री पर भी बहुत विपरीत प्रभाव पड़ा है।


Body:दरअसल प्याज की बढ़ी कीमतो ने फिर से लोगो को रुलाना शुरू कर दिया है। प्याज के दामो में पिछले दस दिनों में लगभग 8 से 9 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। जिसके वजह से आमजन की रसोई का बजट भी बिगाड़ गया है और भोजन की थाली से प्यार धीरे धीरे प्याज गायब होता जा रहा है। वही दूसरी तरह प्याज की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी रुकने का नाम नहीं ले रहा है। प्याज की महंगाई ने कई सरकारों को गिराने में भूमिका निभाई है। 1980 में इंदिरा गांधी ने प्याज की बढ़ती कीमतों की वजह से सत्ता में वापसी की थी, तो 1998 में बीजेपी ने प्याज की बढ़ी कीमतों की वजह से ही बड़े राज्यों में सरकार गवाई थी।

वहीं प्याज की खरीदारी करने पहुंचे ग्राहक अनुभव ने कहा कि पहले से प्याज की कीमत बढ़ गई है। जिसके चलते पहले की अपेक्षा अब कम यूज करना पड़ रहा है। हम ही नहीं सभी लोगों ने अपनी खपत को कम कर दिए हैं। पहले जो हमलोग मनमाने ढंग से प्याज का उपयोग करते थे घर पर, अब उस हिसाब से नहीं करते हैं। इतना महंगा प्याज कौन ज्यादा खरीदेगा, आमदनी भी तो उस हिसाब से होना चाहिए। पहले हमलोगो को प्याज 24 रुपये प्रति किलो मिल रहा था। वही अब प्याज 32 रुपये प्रति किलो प्याज हो गया है। हाल तो यह है कि आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया वाली बात हो गई है। सरकार को चाहिए कि इसकी बढ़ी कीमत को नियंत्रण करें, ताकि लोगों के थाली से प्याज का स्वाद खत्म ना हो।


Conclusion:वहीं प्याज मंडी के व्यवसाय सुरेश कुमार ने कहा कि विगत कुछ सप्ताह से प्याज का कीमत उछाल आया है। महाराष्ट्र में जो बाढ़ आया था उसके वजह से प्याज का गेट महंगा हो गया है। इसको लेकर अभी मंडी में 32 रुपये किलो तथा 150 रुपये प्रति पांच किलो बिक रहा है। होलसेल रेट 27 सौ से लेकर 28 सौ रुपये प्रति क्विंटल की दर से बिक रहा है। वहीं उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले प्याज का रेट कम था उस समय 120 रुपया का 5 किलो तथा 25 रुपये प्रति किलो के हिसाब से प्याज बिक रहा था। अभी नासिक से प्याज आना कम हो गया है, जिसके चलते कीमतों में उछाल आया है। साथ ही उन्होंने कहा कि प्याज की बढ़ी कीमतो का असर बिक्री पर साफ देखा जा रहा है। पहले जो ग्राहक 5 किलो प्याज ले रहे थे, वह 4 किलो ले रहे हैं। खासकर होटल वाले जो समोसा के साथ प्याज देते थे, वे लोग देना कम या फिर देना ही बंद कर दिए हैं। प्याज की बढ़ी कीमतों का पूरा असर बाजार पर दिख रहा है।

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अनुभव, ग्राहक
सुरेश कुमार, थोक विक्रेता
Last Updated : Aug 29, 2019, 6:18 PM IST
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