ETV Bharat / state

रिटायर्ड शिक्षक डॉ. रामजी ठाकुर को मिलेगा राष्ट्रपति अवार्ड, गांव में जश्न का माहौल

author img

By

Published : Sep 4, 2019, 9:42 AM IST

जिले के मनीगाछी प्रखंड के धर्मपुर के रहने वाले डॉ. रामजी ठाकुर साहित्य लेखन के शौकीन हैं. वे संस्कृत भाषा में किताबें लिखते हैं. उनकी इस लेखनी ने लोगों को खूब लुभाया है. डॉ. ठाकुर को इसके लिए कई सम्मान से नवाजा जा चुका है.

रामजी ठाकुर

दरभंगा: कहते हैं कामयाबी किसी उम्र की मोहताज नहीं होती है. कुछ ऐसी ही कहानी है जिले के रिटायर्ड संस्कृत शिक्षक रामजी ठाकुर की है. जिस उम्र में लोग अपनी जिन्दगी के आखिरी दिन गिनते हैं. उस उम्र में रामजी ठाकुर ने अपने जिले का नाम रोशन कर दिखाया. 85 वर्षीय रामजी ठाकुर को साहित्य में अहम योगदान के लिए राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा. उनकी इस उपलब्धि से पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ रही है.

darbhanga
डॉ. ठाकुर की लिखी किताबें

दरअसल, जिले के मनीगाछी प्रखंड के धर्मपुर के रहने वाले डॉ. रामजी ठाकुर साहित्य लेखन के शौकीन हैं. वे संस्कृत भाषा में किताबें लिखा करते हैं. उनकी इस लेखनी ने लोगों को खूब लुभाया है. जिसका फल अब उन्हें मिलने जा रहा है. डॉ. ठाकुर को इस लेखनी के कारण कई सम्मान से नवाजा जा चुका है. साल 2012 में उनकी रचना 'लघुपद्य प्रबंध त्रयी' को साहित्य अकादमी पुरस्कार मिल चुका है. बता दें कि डॉ. ठाकुर संस्कृत भाषा में अब तक 19 किताब लिख चुके हैं.

darbhanga
डॉ. रामजी ठाकुर

'स्वभाव में हैं लेखन'
कई पुरस्कार से नवाजे जाने के बाद भी डॉ. ठाकुर का जवाब निराला है. वो कहते हैं कि मैं किसी पुरस्कार के लिए किताबें नहीं लिखता, लेखन मेरे स्वभाव में है. उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा आज के युग में विलुप्त होती जा रही है. इसको जिंदा रखना जरूरी है. साथ ही यह भी बताया कि संस्कृत के उत्थान के लिए संस्कृत के ग्रंथों को मैथिली भाषा में अनुवाद किया जाना चाहिए.

संस्कृत को जिंदा रखना मकसद
डॉ. रामजी ठाकुर बताते हैं कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे शहरों में संस्कृत को काफी बढ़ावा दिया जाता है. इसीलिए बिहार में भी संस्कृत को जिंदा रखने के लिए पहल करनी जरुरी है.

ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट

गांव में खुशी की लहर
डॉ. रामजी ठाकुर को राष्ट्रपति अवार्ड दिए जाने की घोषणा के बाद गांव में जश्न मनाया जा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें बेहद खुशी है कि डॉ. साहब को इस सम्मान से नवाजा जा रहा है. डॉ. ठाकुर को सम्मान मिलना इस गांव के लिए गौरव की बात है. राष्ट्रपति अवार्ड मिलने के बाद गांव में उनका जोरदार स्वागत किया जाएगा. साथ ही यहां एक कार्यक्रम आयोजन कर उन्हें सम्मानित करने की भी योजना है.

दरभंगा: कहते हैं कामयाबी किसी उम्र की मोहताज नहीं होती है. कुछ ऐसी ही कहानी है जिले के रिटायर्ड संस्कृत शिक्षक रामजी ठाकुर की है. जिस उम्र में लोग अपनी जिन्दगी के आखिरी दिन गिनते हैं. उस उम्र में रामजी ठाकुर ने अपने जिले का नाम रोशन कर दिखाया. 85 वर्षीय रामजी ठाकुर को साहित्य में अहम योगदान के लिए राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा. उनकी इस उपलब्धि से पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ रही है.

darbhanga
डॉ. ठाकुर की लिखी किताबें

दरअसल, जिले के मनीगाछी प्रखंड के धर्मपुर के रहने वाले डॉ. रामजी ठाकुर साहित्य लेखन के शौकीन हैं. वे संस्कृत भाषा में किताबें लिखा करते हैं. उनकी इस लेखनी ने लोगों को खूब लुभाया है. जिसका फल अब उन्हें मिलने जा रहा है. डॉ. ठाकुर को इस लेखनी के कारण कई सम्मान से नवाजा जा चुका है. साल 2012 में उनकी रचना 'लघुपद्य प्रबंध त्रयी' को साहित्य अकादमी पुरस्कार मिल चुका है. बता दें कि डॉ. ठाकुर संस्कृत भाषा में अब तक 19 किताब लिख चुके हैं.

darbhanga
डॉ. रामजी ठाकुर

'स्वभाव में हैं लेखन'
कई पुरस्कार से नवाजे जाने के बाद भी डॉ. ठाकुर का जवाब निराला है. वो कहते हैं कि मैं किसी पुरस्कार के लिए किताबें नहीं लिखता, लेखन मेरे स्वभाव में है. उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा आज के युग में विलुप्त होती जा रही है. इसको जिंदा रखना जरूरी है. साथ ही यह भी बताया कि संस्कृत के उत्थान के लिए संस्कृत के ग्रंथों को मैथिली भाषा में अनुवाद किया जाना चाहिए.

संस्कृत को जिंदा रखना मकसद
डॉ. रामजी ठाकुर बताते हैं कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे शहरों में संस्कृत को काफी बढ़ावा दिया जाता है. इसीलिए बिहार में भी संस्कृत को जिंदा रखने के लिए पहल करनी जरुरी है.

ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट

गांव में खुशी की लहर
डॉ. रामजी ठाकुर को राष्ट्रपति अवार्ड दिए जाने की घोषणा के बाद गांव में जश्न मनाया जा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें बेहद खुशी है कि डॉ. साहब को इस सम्मान से नवाजा जा रहा है. डॉ. ठाकुर को सम्मान मिलना इस गांव के लिए गौरव की बात है. राष्ट्रपति अवार्ड मिलने के बाद गांव में उनका जोरदार स्वागत किया जाएगा. साथ ही यहां एक कार्यक्रम आयोजन कर उन्हें सम्मानित करने की भी योजना है.

Intro:दरभंगा। जिले के सेवानिवृत्त संस्कृत शिक्षक डॉ. रामजी ठाकुर को संस्कृत साहित्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए वर्ष 2019 के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार देने की घोषणा की गयी है। वे जिले के मनीगाछी प्रखंड के धर्मपुर गांव के रहने वाले हैं। 85 साल की आयु में भी वे साहित्य लेखन में लगे हैं। इस खबर के बाद जिले में खुशी की लहर है। डॉ. ठाकुर को इसके पहले 2012 में उनकी रचना 'लघुपद्य प्रबंध त्रयी' पर साहित्य अकादमी का पुरस्कार भी दिया जा चुका है। उन्होंने संस्कृत भाषा में कुल 19 पुस्तकें लिखी हैं। डॉ. रामजी ठाकुर का जन्म 1935 में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा झंझारपुर के नरुआर गांव में उनके ननिहाल में हुई थी। उन्होंने दरभंगा के मिथिला स्नातकोत्तर संस्कृत अध्ययन एवं शोध संस्थान से एमए और पीएचडी की उपाधि प्रप्त की। उसके बाद वे बेनीपुर के बैगनी संस्कृत महाविद्यालय में शिक्षक नियुक्त हुए। बाद में मधुबनी जिले के सरिसवपाही के महाराजा लक्ष्मीश्वर सिंह महाविद्यालय में संस्कृत के शिक्षक बने। Body:डॉ. ठाकुर ने कहा कि उन्होंने किसी पुरस्कार के लिए साहित्य की रचना नहीं की है बल्कि लेखन उनका स्वभाव है। उन्होंने कहा कि संस्कृत के उत्थान के लिए संस्कृत के ग्रंथों का मैथिली भाषा में अनुवाद किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा संस्कृत का प्रयोग करने से हिंदी का विकास होगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र और दक्षिण के राज्यों में संस्कृत को खूब बढ़ावा दिया जाता है। वहां संस्कृत में लगातार लेखन हो रहा है। उन्होंने इस बात पर चिंता जतायी कि बिहार में यह काम नहीं हो रहा है। Conclusion:डॉ. रामजी ठाकुर को राष्ट्रपति पुरस्कार दिये जाने की घोषणा के बाद उनके गांव में खुशी का माहौल है। ग्रामीण चंद्रशेखर ठाकुर ने कहा कि उन्हें बेहद खुशी है कि डॉ ठाकुर को राष्ट्रपति पुरस्कार मिला है। वे गांव के पहले व्यक्ति हैं जिन्हें इतना बड़ा सम्मान मिल रहा है। यह गांव के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि डॉ. ठाकुर को कई स्थानों पर सम्मानित किए जाने का कार्यक्रम ग्रामीण बना रहे हैं।

बाइट 1- डॉ. रामजी ठाकुर, सेवानिवृत्त शिक्षक
बाइट 2- चंद्रशेखर ठाकुर, स्थानीय

विजय कुमार श्रीवास्तव
ई टीवी भारत
दरभंगा
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.