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ये दरभंगा नगर निगम है बाबू: यहां शौचालय में चलती है शॉप, सड़क पर होती है गंदगी ! - Darbhanga Municipal Corporation

दरभंगा नगर निगम क्षेत्र में 14 सार्वजनिक शौचालय और 10 सामुदायिक शौचालय बनाए गए हैं. इनमें से अधिकतर शौचालय या तो खराब हालत में हैं या फिर बंद पड़े हैं. नगर निगम इन शौचालयों के रखरखाव की खानापूर्ति भर करता है. इसकी वजह से कई शौचालयों का लोगों ने अतिक्रमण कर वहां दुकानें खोल ली हैं. कई शौचालयों का इस्तेमाल गोदाम की तरह किया जा रहा है.

दरभंगा नगर निगम
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Published : Feb 18, 2021, 5:30 PM IST

Updated : Feb 18, 2021, 8:37 PM IST

दरभंगा: केंद्र और राज्य सरकार स्वच्छता को लेकर अभियान चला रही हैं. इसके तहत हर घर में और सार्वजनिक स्थानों पर शौचालय बनाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है. लेकिन, दरभंगा शहर में सार्वजनिक शौचालयों की स्थिति देखकर ऐसा नहीं लगता कि, यहां स्वच्छता अभियान का कोई असर दिख रहा है. ईटीवी भारत संवाददाता ने दरभंगा नगर निगम क्षेत्र के सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालयों का जायजा लिया तो नगर निगम के दावों की पोल खुल गई.

पढ़ें: पर्यावरण: मुद्दे तथा चुनौतियां विषय पर सेमिनार, विशेषज्ञ बोले-सामाजिक बदलाव से बचेगा पर्यावरण

शहर में शौचालय खस्ताहाल
दरभंगा नगर निगम क्षेत्र में 14 सार्वजनिक शौचालय और 10 सामुदायिक शौचालय बनाए गए हैं. इनमें से अधिकतर शौचालय या तो खराब हालत में हैं या फिर बंद पड़े हैं. नगर निगम इन शौचालयों के रखरखाव की खानापूर्ति भर करता है. इसकी वजह से कई शौचालयों का लोगों ने अतिक्रमण कर वहां दुकानें खोल ली हैं. कई शौचालयों का इस्तेमाल गोदाम की तरह किया जा रहा है.

2 शौचालय भी वर्षों से बंद
खुद नगर-निगम कार्यालय परिसर में बने 2 शौचालय वर्षों से बेकार पड़े हैं, और उनमें ताला लटका है. नगर निगम के जितने भी शौचालय हैं वे वर्षों पहले बनाए गए थे. एक साल के भीतर एक भी सार्वजनिक या सामुदायिक शौचालय का निर्माण दरभंगा शहर में नहीं हुआ है. शौचालय की खराब स्थिति की वजह से शहर वासियों और बाहर से आने वाले लोगों को दिक्कत झेलनी पड़ती है. खासतौर पर महिलाओं को काफी परेशानी उठानी पड़ती है. हालांकि दरभंगा नगर निगम प्रशासन ने सभी शौचालयों की बेहतर स्थिति में होने का दावा किया है.

स्वच्छता रैंकिंग में भी पिछड़ा दरभंगा
स्वच्छता रैंकिंग में दरभंगा शहर गंदे शहरों की श्रेणी में आता है. हालांकि साल 2020 की स्वच्छता रैंकिंग में दरभंगा शहर को 331 वां स्थान मिला था. 2019 में यही दरभंगा 407वें पायदान पर था.

देखें रिपोर्ट.

क्या कहते हैं स्थानीय?
स्थानीय विकास शर्मा ने बताया कि शहर के अधिकतर मोहल्लों में शौचालयों की स्थिति खस्ताहाल है. नगर निगम ने शहर के कुछ इलाकों में सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालय तो बनवाए हैं, पर उनके रखरखाव का अभाव है. शौचालयों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है. कई शौचालयों में ताला लटका हुआ है, तो कई की हालत बेहद खराब है. स्थानीय निवासी विकास शर्मा ने नगर निगम पर लापरवाही का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि डीएमसी ठेकेदारों की कमाई के लिए शौचालय बनवाता है, लेकिन कोई केयरटेकर का इंतजाम नहीं करता. इस वजह से शौचालय बंद हो जाते हैं.

पढे़ं: दरभंगा के तालाबों के अस्तित्व पर संकट! तालाबों को बचाने की नगर निगम की नई पहल, नालों की होगी स्क्रीनिंग

महिलाओं को होती है परेशानी
वार्ड 15 के चूनाभट्टी इलाके के दूध फैक्ट्री के पास एक सामुदायिक शौचालय है. इस सामुदायिक शौचालय को चलाने वाली महिला बिंदा ने कहा कि नगर निगम ने इस शौचालय को बनाकर उनके सुपुर्द कर दिया और फिर देखने भी नहीं आते हैं. उन्होंने कहा कि वे गरीब महिला हैं और जैसे-तैसे ये शौचालय चला रही हैं. उन्होंने कहा कि यहां का रख-रखाव वे खुद से करती हैं. बिंदा ने कहा कि यह गरीब लोगों का मोहल्ला है और यहां किसी के घर में शौचालय नहीं है. उन्होंने कहा कि वे देश और अपने गांव की स्वच्छता के लिए यह सब कर रही हैं. बिंदा ने कहा कि इस इलाके की महिलाओं के लिए एकमात्र सहारा यही शौचालय है. अगर ये नहीं रहे तो बहू-बेटियों की इज्जत भी नहीं रहेगी. उन्होंने कहा कि शौचालय का इस्तेमाल करने वाले गरीब लोग दो-चार रुपए देते हैं, जिससे वो अपना पेट पालती हैं . और इसकी देखरेख भी करती हैं.

'मुद्दा उठाने पर भी निगम नहीं देता ध्यान'
वार्ड 15 की पार्षद सुचित्रा रानी ने कहा कि वे लोग नगर निगम की बोर्ड की बैठक में हमेशा शहर में शौचालयों का मुद्दा उठाती हैं. फिर भी नगर निगम प्रशासन इस पर ध्यान नहीं देता है. उन्होंने कहा कि भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थानों और सरकारी कार्यालयों में तो शौचालय हर हाल में होने चाहिए. इनके नहीं होने से काम के लिए आने-जाने वाले लोगों को काफी दिक्कत होती है. खासकर महिलाओं को बेइज्जती का सामना करना पड़ता है.

पढ़ें: दरभंगा नगर निगम के आयुक्त और वार्ड पार्षदों में तीखी नोकझोंक, तबादले को लेकर हुआ विवाद

शौचालय पर निगम आयुक्त की सफाई
वहीं, दरभंगा नगर निगम के आयुक्त मनेश कुमार मीणा ने कहा कि दरभंगा नगर निगम की ओर से शहर में 14 सार्वजनिक और 10 सामुदायिक शौचालय बनाए गए हैं, जिनकी क्षमता 108 है. उन्होंने कहा कि नगर निगम सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालयों की सफाई पर ध्यान दे रहा है. उन्होंने कहा कि नगर निगम के सफाई कर्मियों के अलावा आउटसोर्सिंग के माध्यम से भी शौचालयों की सफाई की व्यवस्था की गई है. आने वाले समय में निगम शौचालयों पर स्वच्छता का संदेश लिखवा कर लोगों को जागरूक करने की योजना बना रहा है. नगर आयुक्त ने कहा कि पिछले 1 साल में नगर निगम की ओर से कोई नया शौचालय नहीं बनवाया गया है. जो शौचालय पहले से बने हैं उन्हीं को बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही हैं.

सवाल तो उठेंगे
कुर्सी पर बैठे जिम्मेदार ने जो कहा वो क्या 16 आने सच है? शायद नहीं. क्योंकि अगर निगम पुराने शौचालयों पर ध्यान देती तो शहर में शौचालयों की ये दुर्दशा न होती. निगम जब अपने परिसर में बने 2 शौचालयों की स्थिति नहीं सुधार सका तो फिर शहर के शौचालयों की दशा को कैसे ठीक करेगा? ये एक बड़ा सवाल है.

दरभंगा: केंद्र और राज्य सरकार स्वच्छता को लेकर अभियान चला रही हैं. इसके तहत हर घर में और सार्वजनिक स्थानों पर शौचालय बनाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है. लेकिन, दरभंगा शहर में सार्वजनिक शौचालयों की स्थिति देखकर ऐसा नहीं लगता कि, यहां स्वच्छता अभियान का कोई असर दिख रहा है. ईटीवी भारत संवाददाता ने दरभंगा नगर निगम क्षेत्र के सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालयों का जायजा लिया तो नगर निगम के दावों की पोल खुल गई.

पढ़ें: पर्यावरण: मुद्दे तथा चुनौतियां विषय पर सेमिनार, विशेषज्ञ बोले-सामाजिक बदलाव से बचेगा पर्यावरण

शहर में शौचालय खस्ताहाल
दरभंगा नगर निगम क्षेत्र में 14 सार्वजनिक शौचालय और 10 सामुदायिक शौचालय बनाए गए हैं. इनमें से अधिकतर शौचालय या तो खराब हालत में हैं या फिर बंद पड़े हैं. नगर निगम इन शौचालयों के रखरखाव की खानापूर्ति भर करता है. इसकी वजह से कई शौचालयों का लोगों ने अतिक्रमण कर वहां दुकानें खोल ली हैं. कई शौचालयों का इस्तेमाल गोदाम की तरह किया जा रहा है.

2 शौचालय भी वर्षों से बंद
खुद नगर-निगम कार्यालय परिसर में बने 2 शौचालय वर्षों से बेकार पड़े हैं, और उनमें ताला लटका है. नगर निगम के जितने भी शौचालय हैं वे वर्षों पहले बनाए गए थे. एक साल के भीतर एक भी सार्वजनिक या सामुदायिक शौचालय का निर्माण दरभंगा शहर में नहीं हुआ है. शौचालय की खराब स्थिति की वजह से शहर वासियों और बाहर से आने वाले लोगों को दिक्कत झेलनी पड़ती है. खासतौर पर महिलाओं को काफी परेशानी उठानी पड़ती है. हालांकि दरभंगा नगर निगम प्रशासन ने सभी शौचालयों की बेहतर स्थिति में होने का दावा किया है.

स्वच्छता रैंकिंग में भी पिछड़ा दरभंगा
स्वच्छता रैंकिंग में दरभंगा शहर गंदे शहरों की श्रेणी में आता है. हालांकि साल 2020 की स्वच्छता रैंकिंग में दरभंगा शहर को 331 वां स्थान मिला था. 2019 में यही दरभंगा 407वें पायदान पर था.

देखें रिपोर्ट.

क्या कहते हैं स्थानीय?
स्थानीय विकास शर्मा ने बताया कि शहर के अधिकतर मोहल्लों में शौचालयों की स्थिति खस्ताहाल है. नगर निगम ने शहर के कुछ इलाकों में सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालय तो बनवाए हैं, पर उनके रखरखाव का अभाव है. शौचालयों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है. कई शौचालयों में ताला लटका हुआ है, तो कई की हालत बेहद खराब है. स्थानीय निवासी विकास शर्मा ने नगर निगम पर लापरवाही का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि डीएमसी ठेकेदारों की कमाई के लिए शौचालय बनवाता है, लेकिन कोई केयरटेकर का इंतजाम नहीं करता. इस वजह से शौचालय बंद हो जाते हैं.

पढे़ं: दरभंगा के तालाबों के अस्तित्व पर संकट! तालाबों को बचाने की नगर निगम की नई पहल, नालों की होगी स्क्रीनिंग

महिलाओं को होती है परेशानी
वार्ड 15 के चूनाभट्टी इलाके के दूध फैक्ट्री के पास एक सामुदायिक शौचालय है. इस सामुदायिक शौचालय को चलाने वाली महिला बिंदा ने कहा कि नगर निगम ने इस शौचालय को बनाकर उनके सुपुर्द कर दिया और फिर देखने भी नहीं आते हैं. उन्होंने कहा कि वे गरीब महिला हैं और जैसे-तैसे ये शौचालय चला रही हैं. उन्होंने कहा कि यहां का रख-रखाव वे खुद से करती हैं. बिंदा ने कहा कि यह गरीब लोगों का मोहल्ला है और यहां किसी के घर में शौचालय नहीं है. उन्होंने कहा कि वे देश और अपने गांव की स्वच्छता के लिए यह सब कर रही हैं. बिंदा ने कहा कि इस इलाके की महिलाओं के लिए एकमात्र सहारा यही शौचालय है. अगर ये नहीं रहे तो बहू-बेटियों की इज्जत भी नहीं रहेगी. उन्होंने कहा कि शौचालय का इस्तेमाल करने वाले गरीब लोग दो-चार रुपए देते हैं, जिससे वो अपना पेट पालती हैं . और इसकी देखरेख भी करती हैं.

'मुद्दा उठाने पर भी निगम नहीं देता ध्यान'
वार्ड 15 की पार्षद सुचित्रा रानी ने कहा कि वे लोग नगर निगम की बोर्ड की बैठक में हमेशा शहर में शौचालयों का मुद्दा उठाती हैं. फिर भी नगर निगम प्रशासन इस पर ध्यान नहीं देता है. उन्होंने कहा कि भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थानों और सरकारी कार्यालयों में तो शौचालय हर हाल में होने चाहिए. इनके नहीं होने से काम के लिए आने-जाने वाले लोगों को काफी दिक्कत होती है. खासकर महिलाओं को बेइज्जती का सामना करना पड़ता है.

पढ़ें: दरभंगा नगर निगम के आयुक्त और वार्ड पार्षदों में तीखी नोकझोंक, तबादले को लेकर हुआ विवाद

शौचालय पर निगम आयुक्त की सफाई
वहीं, दरभंगा नगर निगम के आयुक्त मनेश कुमार मीणा ने कहा कि दरभंगा नगर निगम की ओर से शहर में 14 सार्वजनिक और 10 सामुदायिक शौचालय बनाए गए हैं, जिनकी क्षमता 108 है. उन्होंने कहा कि नगर निगम सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालयों की सफाई पर ध्यान दे रहा है. उन्होंने कहा कि नगर निगम के सफाई कर्मियों के अलावा आउटसोर्सिंग के माध्यम से भी शौचालयों की सफाई की व्यवस्था की गई है. आने वाले समय में निगम शौचालयों पर स्वच्छता का संदेश लिखवा कर लोगों को जागरूक करने की योजना बना रहा है. नगर आयुक्त ने कहा कि पिछले 1 साल में नगर निगम की ओर से कोई नया शौचालय नहीं बनवाया गया है. जो शौचालय पहले से बने हैं उन्हीं को बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही हैं.

सवाल तो उठेंगे
कुर्सी पर बैठे जिम्मेदार ने जो कहा वो क्या 16 आने सच है? शायद नहीं. क्योंकि अगर निगम पुराने शौचालयों पर ध्यान देती तो शहर में शौचालयों की ये दुर्दशा न होती. निगम जब अपने परिसर में बने 2 शौचालयों की स्थिति नहीं सुधार सका तो फिर शहर के शौचालयों की दशा को कैसे ठीक करेगा? ये एक बड़ा सवाल है.

Last Updated : Feb 18, 2021, 8:37 PM IST
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