दरभंगा: ललित नारायण मिथिला विवि में छात्र संघ चुनाव के दूसरे चरण की तैयारी शुरू हो गयी है. इस बार विवि छात्र संघ के पदों पर कब्जा जमाने के लिए कड़ी टक्कर की उम्मीद है. इस बार एबीवीपी को अन्य छात्र संघ कड़ी टक्कर देने वाले हैं.
छात्र संघ चुनाव के दूसरे चरण की तैयारी शुरू
दरअसल, ललित नारायण मिथिला विवि में 2 बार से सभी पदों अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव, संयुक्त सचिव और कोषाध्यक्ष पर एबीवीपी कब्जा करती हुई आ रही है. लेकिन इस बार का चुनाव एबीवीपी के लिए आसान नहीं होने वाला है. इस बार सभी छात्र संगठनों ने वाम-जनवादी मोर्चा बना कर चुनाव लड़ने को लेकर तैयारी शुरू कर दी है. वहीं छात्र जदयू भी इस मोर्चे में शामिल होने को तैयार है. इस मोर्चे में छात्र जदयू के समेत जन अधिकार छात्र मोर्चा, आइसा, एआईएसएफ, मिथिला स्टूडेंट यूनियन, छात्र राजद और एनएसयूआई के अलावा कई छात्र संगठन शामिल हो सकते हैं.
'एबीवीपी के खिलाफ एक मोर्चा'
छात्र जदयू के विवि उपाध्यक्ष विशाल चौधरी ने कहा कि एबीवीपी के खिलाफ एक मोर्चा बनाकर चुनाव लड़ना बेहद ज़रूरी हो गया है. वे धन-बल से चुनाव लड़ते हैं इसलिए उनके खिलाफ एकता ज़रूरी है. उन्होंने कहा कि शेष लगभग सभी दल गठबंधन के लिए बातचीत कर रहे हैं. इस बार पहले फेज के चुनाव में उन लोगों ने एबीवीपी को हराकर कई सीटें जीती हैं. उम्मीद है कि सेंट्रल पैनल में भी वही जीतेंगे.
'वाम-जनवादी मोर्चा बनने की तैयारी'
आइसा के राज्य सह सचिव संदीप चौधरी ने कहा कि पिछले चुनाव में और इस बार प्रथम चरण के चुनाव में हमने वाम-जनवादी मोर्चा बनाकर लड़े हैं. इस बार मोर्चे में ज़्यादा दल साथ आ रहे हैं. उन लोगों का समर्थन भी बढ़ा है. इसलिए जीत की स्थिति मजबूत है.
'काउंसिल मेंबर जागरूक हैं'
जन अधिकार छात्र मोर्चा के परिषद सदस्य दीपक झा ने कहा कि इस बार पहले चरण के चुनाव में कॉलेजों और पीजी डिपार्टमेंट से जो काउंसिल मेंबर चुनकर आये हैं वे काफी जागरूक हैं. वे धन-बल से प्रभावित नहीं होंगे और उन्हें बरगलाया नहीं जा सकता है. वे सही प्रत्याशी चुनेंगे.
'सेंट्रल पैनल करेंगे चुनाव'
छात्र जदयू एबीवीपी के खिलाफ मजबूती से चुनाव लड़ेगा. एनएसयूआई के विवि अध्यक्ष प्रह्लाद कुमार सिन्हा ने कहा कि उनके संगठन में जो कमियां हैं उनकी समीक्षा की जा रही है. उनका संगठन भी एबीवीपी के खिलाफ गठबंधन में शामिल हो रहा है और किसी एक पद पर वे सेंट्रल पैनल में लड़ेंगे. उम्मीद है कि वे भारी मतों से जीतेंगे.