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दरभंगा राज के वारिसों ने राजनगर के मंदिरों को पर्यटन स्थल बनाने की बनायी योजना, सरकार से मांगी मदद - कुमार कपिलेश्वर सिंह

दरभंगा में राजनगर के मंदिरों को पर्यटन स्थल बनाने की योजना बनाई जा रही है. साथ ही वहां पर देसी और विदेशी पर्यटकों के लिए कॉटेज बनाए जाएंगे.

tourist destination in darbhanga
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Published : Dec 26, 2020, 5:29 PM IST

दरभंगा: बिहार का दरभंगा राज भारत के बड़े राजघरानों में शुमार है. दरभंगा राजघराना न सिर्फ भारत के बड़े भूभाग पर राज करता था. बल्कि इसने तकरीबन 400 साल तक लोगों के दिलों पर भी राज किया. लेकिन इस महत्वपूर्ण राज परिवार की ऐतिहासिक धरोहरें आज खस्ताहाल हैं. अब दरभंगा राज परिवार के वारिसों ने इसे पर्यटन स्थल बनाने की पहल की है.

पर्यटकों के लिए बनेंगे कॉटेज
इसके तहत दरभंगा राज किला के किनारे से बहने वाले सरोवर को लेक व्यू की तर्ज पर विकसित किया जाएगा. वहां पर देसी और विदेशी पर्यटकों के लिए कॉटेज बनाए जाएंगे. साथ ही दरभंगा के कई राजमहलों, ऐतिहासिक इमारतों और मंदिरों को भी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा. इसके अलावा दरभंगा राज की पुरानी राजधानी मधुबनी जिले के राजनगर के मंदिरों को भी धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना है.

tourist destination in darbhanga
पर्यटन स्थल के रूप में होगा विकसित

बिहार सरकार से मांगी मदद
इसके लिए दरभंगा के आखिरी महाराजा कामेश्वर सिंह के पोते कुमार कपिलेश्वर सिंह ने बिहार सरकार से मदद मांगी है. बिहार के पर्यटन मंत्री जीवेश कुमार ने भी राज परिवार को सरकार की ओर से मदद का भरोसा दिलाया है.

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जानकारी देते महाराजा कामेश्वर सिंह के पौत्र

युवाओं को मिलेगा रोजगार
कुमार कपिलेश्वर सिंह ने कहा कि वे चाहते हैं कि दरभंगा राज की धरोहरों को संरक्षित किया जाए. साथ ही अगर इन्हें पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा, तो न सिर्फ यहां का विकास होगा. बल्कि युवाओं को रोजगार भी मिलेगा.

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महलों को संरक्षित करने की योजना

"दरभंग में हवाई उड़ान सेवा शुरू हो जाने से इसके विकास में मदद मिलेगी. दरभंगा राज किला के किनारे लेक व्यू की तर्ज पर कॉटेज बनाना चाहता हूं. साथ ही दरभंगा और राजनगर के मंदिरों को भी धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना चाहता हूं. यहां की ऐतिहासिक इमारतों और पुराने महलों को भी संरक्षित करने की योजना है"- कुमार कपिलेश्वर सिंह, पौत्र, महाराजा कामेश्वर सिंह

देखें पूरी रिपोर्ट

"दरभंगा, राजनगर और जनकपुर को एक पर्यटन टूर पैकेज के रूप में डेवलप किया जा सकता है. इस काम के लिए बिहार सरकार की मदद की जरूरत पड़ेगी. मैं चाहता हूं कि सरकार विकास के इस काम में मेरी मदद करे"- कुमार कपिलेश्वर सिंह, पौत्र, महाराजा कामेश्वर सिंह

पर्यटन की असीम संभावनाएं
कुमार कपिलेश्वर सिंह के इस प्रस्ताव पर बिहार सरकार के पर्यटन मंत्री जीवेश कुमार ने भी सहमति जताई है. उन्होंने कहा कि दरभंगा और मधुबनी में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं.

"अगर दरभंगा राज परिवार विधि सम्मत कोई प्रस्ताव लेकर आता है, तो उसके कानूनी पहलू पर विचार कर सरकार उसमें जरूर मदद करेगी. उन लोगों की राय लेकर मिथिलांचल के इलाके को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की योजना पर पहले से ही काम कर रहे हैं"- जीवेश कुमार, पर्यटन मंत्री

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लेक व्यू की तर्ज पर किया जाएगा विकसित

ये भी पढ़ें:पटना: हाथीदह स्टेशन पर नहीं रुकी टाटा-दानापुर एक्सप्रेस, हिरासत में लिए गए चालक और गार्ड

साहित्य और संगीत को बढ़ावा
बता दें दरभंगा राज की स्थापना सन 1556 में हुई थी. जब शहंशाह अकबर ने महाराजा महेश ठाकुर के शिष्य को यह राज दान में दिया था. आजादी के बाद बिहार में जमींदारी प्रथा के अंत तक यह राज कायम रहा. दरभंगा राज को भारत की आजादी की लड़ाई देश में बड़े-बड़े शिक्षण संस्थानों की स्थापना, कला संस्कृति, साहित्य और संगीत को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है. दरभंगा राज ने नए भारत के निर्माण के लिए देश भर में मौजूद अपनी कीमती संपत्ति का बड़ा हिस्सा दान कर दिया था.

दरभंगा: बिहार का दरभंगा राज भारत के बड़े राजघरानों में शुमार है. दरभंगा राजघराना न सिर्फ भारत के बड़े भूभाग पर राज करता था. बल्कि इसने तकरीबन 400 साल तक लोगों के दिलों पर भी राज किया. लेकिन इस महत्वपूर्ण राज परिवार की ऐतिहासिक धरोहरें आज खस्ताहाल हैं. अब दरभंगा राज परिवार के वारिसों ने इसे पर्यटन स्थल बनाने की पहल की है.

पर्यटकों के लिए बनेंगे कॉटेज
इसके तहत दरभंगा राज किला के किनारे से बहने वाले सरोवर को लेक व्यू की तर्ज पर विकसित किया जाएगा. वहां पर देसी और विदेशी पर्यटकों के लिए कॉटेज बनाए जाएंगे. साथ ही दरभंगा के कई राजमहलों, ऐतिहासिक इमारतों और मंदिरों को भी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा. इसके अलावा दरभंगा राज की पुरानी राजधानी मधुबनी जिले के राजनगर के मंदिरों को भी धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना है.

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पर्यटन स्थल के रूप में होगा विकसित

बिहार सरकार से मांगी मदद
इसके लिए दरभंगा के आखिरी महाराजा कामेश्वर सिंह के पोते कुमार कपिलेश्वर सिंह ने बिहार सरकार से मदद मांगी है. बिहार के पर्यटन मंत्री जीवेश कुमार ने भी राज परिवार को सरकार की ओर से मदद का भरोसा दिलाया है.

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जानकारी देते महाराजा कामेश्वर सिंह के पौत्र

युवाओं को मिलेगा रोजगार
कुमार कपिलेश्वर सिंह ने कहा कि वे चाहते हैं कि दरभंगा राज की धरोहरों को संरक्षित किया जाए. साथ ही अगर इन्हें पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा, तो न सिर्फ यहां का विकास होगा. बल्कि युवाओं को रोजगार भी मिलेगा.

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महलों को संरक्षित करने की योजना

"दरभंग में हवाई उड़ान सेवा शुरू हो जाने से इसके विकास में मदद मिलेगी. दरभंगा राज किला के किनारे लेक व्यू की तर्ज पर कॉटेज बनाना चाहता हूं. साथ ही दरभंगा और राजनगर के मंदिरों को भी धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना चाहता हूं. यहां की ऐतिहासिक इमारतों और पुराने महलों को भी संरक्षित करने की योजना है"- कुमार कपिलेश्वर सिंह, पौत्र, महाराजा कामेश्वर सिंह

देखें पूरी रिपोर्ट

"दरभंगा, राजनगर और जनकपुर को एक पर्यटन टूर पैकेज के रूप में डेवलप किया जा सकता है. इस काम के लिए बिहार सरकार की मदद की जरूरत पड़ेगी. मैं चाहता हूं कि सरकार विकास के इस काम में मेरी मदद करे"- कुमार कपिलेश्वर सिंह, पौत्र, महाराजा कामेश्वर सिंह

पर्यटन की असीम संभावनाएं
कुमार कपिलेश्वर सिंह के इस प्रस्ताव पर बिहार सरकार के पर्यटन मंत्री जीवेश कुमार ने भी सहमति जताई है. उन्होंने कहा कि दरभंगा और मधुबनी में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं.

"अगर दरभंगा राज परिवार विधि सम्मत कोई प्रस्ताव लेकर आता है, तो उसके कानूनी पहलू पर विचार कर सरकार उसमें जरूर मदद करेगी. उन लोगों की राय लेकर मिथिलांचल के इलाके को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की योजना पर पहले से ही काम कर रहे हैं"- जीवेश कुमार, पर्यटन मंत्री

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लेक व्यू की तर्ज पर किया जाएगा विकसित

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साहित्य और संगीत को बढ़ावा
बता दें दरभंगा राज की स्थापना सन 1556 में हुई थी. जब शहंशाह अकबर ने महाराजा महेश ठाकुर के शिष्य को यह राज दान में दिया था. आजादी के बाद बिहार में जमींदारी प्रथा के अंत तक यह राज कायम रहा. दरभंगा राज को भारत की आजादी की लड़ाई देश में बड़े-बड़े शिक्षण संस्थानों की स्थापना, कला संस्कृति, साहित्य और संगीत को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है. दरभंगा राज ने नए भारत के निर्माण के लिए देश भर में मौजूद अपनी कीमती संपत्ति का बड़ा हिस्सा दान कर दिया था.

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