दरभंगा: जिले के 18 में से 15 प्रखंड बाढ़ से पूरी तरह प्रभावित हैं. इस कारण 20 लाख से ज्यादा की आबादी इससे प्रभावित हुई है. हालांकि बाढ़ का पानी अब उतरना शुरू हो गया है, लेकिन कई इलाकों में स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है.
![Darbhanga](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-dar-01-flood-victims-on-nh-527b-walkthrough-pkg-7203718_16082020222930_1608f_02436_259.jpg)
दरभंगा सदर प्रखंड के बुच्चामन गांव में भी अब तक बाढ़ का पानी जमा है. इसकी वजह से इस गांव के 85 परिवार भारत-नेपाल सीमा तक जाने वाली एनएच 527बी पर करीब एक महीना से रह रहे हैं. मुखिया ने इनको एक प्लास्टिक शीट देकर गए. इसके बाद दोबारा इनकी सुधि लेने लौट कर नहीं आए. अब वह प्लास्टिक शीट फट गई है. तो लोग बारिश में भीगते हैं और कड़ी धूप बर्दाश्त करते हैं. इनके लिए एक कम्युनिटी किचन शुरू किया गया था जो एक सप्ताह से बंद है. लोगों के सामने अपने भोजन से लेकर पशुओं के चारे तक की समस्या आ गई है.
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सड़क पर रहने को मजबूर हैं बाढ़ पीड़ित
स्थानीय जगदीश चौधरी ने कहा कि पिछले एक महीना से वे लोग सड़क पर बच्चों और माल-मवेशियों के साथ रह रहे हैं. यहां खाने-पीने और रहने की बहुत दिक्कत है. पशुओं के लिए चारा भी बहुत कष्ट से मिलता है. उन्होंने कहा कि एक काले रंग की प्लास्टिक शीट शुरू में मिली थी, जो अब फट गई है. फिर भी उसमें रहते हैं. बारिश में भीगते हैं और धूप में छटपटाते हैं.
'रात को नहीं आती है नींद'
स्थानीय मनोहर राय ने कहा कि इस व्यस्त सड़क पर 24 घंटे बड़ी-बड़ी गाड़ियां चलती हैं। बाल-बच्चों के साथ रहते हैं. रात को नींद नहीं आती. हमेशा दुर्घटना का डर बना रहता है. खाने-पीने की बहुत दिक्कत है. एक बार भी कोई सरकारी अधिकारी या जन प्रतिनिधि देखने नहीं आता है.