दरभंगा: सूबे के कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं. नेपाल से छोड़े गए पानी के कारण कमला बलान नदी का पश्चिमी तटबंध चार जगह टूट गया है. इसके कारण दरभंगा जिला के 6 प्रखंडों के 1 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. बाढ़ पीड़ित प्रशासन की तरफ से सहायता नहीं मिलने को लेकर काफी आक्रोशित हैं. उनका कहना है कि प्रशासन की अनदेखी की वजह से बांध टूटा है.
अभी भी बाढ़ के पानी में फंसे हुए हैं कई परिवार
दरअसल, दरभंगा जिले के घनश्यामपुर प्रखंड के कुमरौल गांव में रविवार सुबह 10 बजे कमला बलान नदी का तटबंध टूट गया. जिसके बाद आनन फानन में लोग किसी प्रकार अपनी जान बचाकर तटबंध पर पहुंच गए. लेकिन अभी भी कई परिवार बाढ़ के पानी में फंसे हुए हैं. तटबंध टूटने को 24 घंटे से ऊपर हो गया है लेकिन सरकारी स्तर पर किसी प्रकार का सहायता लोगों को नहीं मिली है. जिसके कारण बाढ़ पीड़ितों में काफी आक्रोश है.
लोगों में है आक्रोश
घनश्यामपुर के कुमरौल गांव के पास कमला बलान नदी के पश्चमी तटबंध पर पानी के बढ़े दबाब के कारण आखिरकार रविवार सुबह 10 बजे तटबंध टूट गया. जिसके बाद अभी तक जिला प्रशासन की ओर से किसी प्रकार की मदद नहीं मिलने के कारण लोगों की परेशानी बढ़ गई है. ऐसे वक्त में सरकारी स्तर पर अभी तक किसी प्रकार का मदद नही मिलने से तटबंध पर रह रहे लोगों में आक्रोश देखने को मिल रहा है.
सरकारी लापरवाही से टूटा तटबंध
स्थानीय लोगों की माने तो यह तटबंध सरकारी तंत्र की लापरवाही के चलते प्रत्येक वर्ष टूटती है और यह तटबंध विभाग के लिए कामधेनु साबित हो रही है. वहीं, उन्होंने कहा कि इस गांव के कई परिवार अभी भी बाढ़ के पानी में फंसे हुए हैं. जिसको अभी तक जिला प्रशासन या एनडीआरएफ की टीम नहीं निकाल पाई है.
NDRF के द्वारा किया जा रहा है रेस्क्यू- एसडीओ
वहीं, मौके पर पहुंचे बिरौल के एसडीओ ब्रजकिशोर लाल ने कहा कि कमला नदी में जलस्तर बढ़ने से यह तटबंध टूट गया है. उन्होंने कहा कि इससे घनश्यामपुर के 10 पंचायत प्रभावित हुए हैं. जिन पंचायतों में बाढ़ का पानी प्रवेश किया है, उन पंचायतों में NDRF के द्वारा रेस्क्यू किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि कुछ देर में बचे हुए जगहों पर भी रेस्क्यू कार्य प्रारंभ हो जाएगा. वहीं, स्थानीय लोगो द्वारा तटबंध की गड़बड़ी के सवाल पर कहा कि उनकी शिकायत वरीय अधिकारियों तक पहुंचा दी जाएगी. साथ ही उन्होंने कहा कि यहां तत्काल 40 कम्युनिटी किचन चालू किया गया है. जो बाढ़ पीड़ितों को भोजन करवा रही है.