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कोरोना के डर से सामाजिक सरोकार भूले लोग, पड़ोसी की अंतिम यात्रा में नहीं हुए शामिल - Corona positive electric mechanic died

दरभंगा में कोरोना से एक बिजली मिस्त्री की मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार में पड़ोसी नहीं शामिल हुए. पड़ोसियों का कहना है कि मोहल्ले में कोरोना के बहुत मामले हैं पर प्रशासन लापरवाह है.

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Published : Jul 21, 2020, 10:18 PM IST

दरभंगा: कोरोना महामारी से बचने के लिए सामाजिक दूरी जरूरी है, लेकिन इन दिनों लोगों के अंदर इस बीमारी का इतना डर समा गया है कि लोग सामाजिक सरोकार से भी दूरी बना चुके हैं. इस घड़ी में अपने भी पराए के किरदार में दिख रहे हैं.

अंतिम संस्कार में नहीं शामिल हुए पड़ोसी

सैदनगर इलाके के एक मोहल्ले में कुछ दिनों पहले एक बिजली मिस्त्री कोरोना संक्रमित पाया गया, जिसके बाद वह अपने घर में ही होम क्वॉरेंटाइन हो गया. उसकी बिगड़ती तबीयत को देख परिजनों ने डीएमसीएच ले जाना चाहा, लेकिन दुर्भाग्यवश घर से निकलने से पहले ही उसकी मृत्यु हो गई. पुत्र ने अपने पिता की अंतिम यात्रा में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन मिस्त्री की अंतिम यात्रा में आसपास के लोग शामिल नहीं हुए.

लोगों में कोरोना का डर

स्थानीय अनिल कुमार झा ने बताया कि मोहल्ले में दो घरों को सील किया गया है. दोनों ही घर में कोरोना संक्रमित मरीज है. सील करने के बाद प्रशासन अभी तक देखने नहीं आया है. जिससे हम लोगों में डर व्याप्त है. संक्रमितों को बेहतर इलाज के लिए डीएमसीएच अस्पताल ले जाना चाहिए.

'मोहल्ले को नहीं किया गया सेनेटाइज'

वहीं, स्थानीय मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव सत्य प्रकाश ने बताया कि मोहल्ले में जिस प्रकार कोरोना वायरस की खबर फैली है. लोगों को डर लग रहा है. जिला प्रशासन की यह कुव्यवस्था है कि अभी तक पूरे मोहल्ले को न तो सेनेटाइज किया गया और न ही किसी की जांच करवाई जा रही है. इस कारण पूरे मोहल्लेवासी डर के साए में जी रहे हैं.

'कुछ घरों को किया गया है सेनेटाइज'

इन सभी सवालों पर स्थानीय वार्ड पार्षद से संपर्क किया गया तो उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि जिन्हें शक हो रहा है वह खुद जाकर जांच करवा लें. आसपास के घरों को हाथ से सेनेटाइज करवाया गया है. नगर निगम से बड़ी सेनेटाइज मशीन नहीं मिलने के कारण अभी पूरे मोहल्ले में सेनेटाइज नहीं हो पाया है.

दरभंगा: कोरोना महामारी से बचने के लिए सामाजिक दूरी जरूरी है, लेकिन इन दिनों लोगों के अंदर इस बीमारी का इतना डर समा गया है कि लोग सामाजिक सरोकार से भी दूरी बना चुके हैं. इस घड़ी में अपने भी पराए के किरदार में दिख रहे हैं.

अंतिम संस्कार में नहीं शामिल हुए पड़ोसी

सैदनगर इलाके के एक मोहल्ले में कुछ दिनों पहले एक बिजली मिस्त्री कोरोना संक्रमित पाया गया, जिसके बाद वह अपने घर में ही होम क्वॉरेंटाइन हो गया. उसकी बिगड़ती तबीयत को देख परिजनों ने डीएमसीएच ले जाना चाहा, लेकिन दुर्भाग्यवश घर से निकलने से पहले ही उसकी मृत्यु हो गई. पुत्र ने अपने पिता की अंतिम यात्रा में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन मिस्त्री की अंतिम यात्रा में आसपास के लोग शामिल नहीं हुए.

लोगों में कोरोना का डर

स्थानीय अनिल कुमार झा ने बताया कि मोहल्ले में दो घरों को सील किया गया है. दोनों ही घर में कोरोना संक्रमित मरीज है. सील करने के बाद प्रशासन अभी तक देखने नहीं आया है. जिससे हम लोगों में डर व्याप्त है. संक्रमितों को बेहतर इलाज के लिए डीएमसीएच अस्पताल ले जाना चाहिए.

'मोहल्ले को नहीं किया गया सेनेटाइज'

वहीं, स्थानीय मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव सत्य प्रकाश ने बताया कि मोहल्ले में जिस प्रकार कोरोना वायरस की खबर फैली है. लोगों को डर लग रहा है. जिला प्रशासन की यह कुव्यवस्था है कि अभी तक पूरे मोहल्ले को न तो सेनेटाइज किया गया और न ही किसी की जांच करवाई जा रही है. इस कारण पूरे मोहल्लेवासी डर के साए में जी रहे हैं.

'कुछ घरों को किया गया है सेनेटाइज'

इन सभी सवालों पर स्थानीय वार्ड पार्षद से संपर्क किया गया तो उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि जिन्हें शक हो रहा है वह खुद जाकर जांच करवा लें. आसपास के घरों को हाथ से सेनेटाइज करवाया गया है. नगर निगम से बड़ी सेनेटाइज मशीन नहीं मिलने के कारण अभी पूरे मोहल्ले में सेनेटाइज नहीं हो पाया है.

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