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दरभंगा: 'तेजस' बनाने वाले पद्मश्री डॉ. मानस बिहारी वर्मा का हार्ट अटैक से निधन - डॉ. मानस बिहारी वर्मा का निधन

प्रसिद्ध रक्षा वैज्ञानिक पद्मश्री डॉ. मानस बिहारी वर्मा का सोमवार की रात निधन हो गया. वे पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के बेहद करीबी मित्रों में थे.

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पद्मश्री डॉ. मानस बिहारी वर्मा
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Published : May 4, 2021, 8:46 AM IST

Updated : May 4, 2021, 11:06 AM IST

दरभंगाः प्रसिद्ध रक्षा वैज्ञानिक पद्मश्री डॉ. मानस बिहारी वर्मा का हार्ट अटैक से निधन हो गया है. सोमवार की देर रात उन्होंने दरभंगा के लहेरियासराय स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली. डॉ. वर्मा भारत की स्वदेशी मिसाइल बनाने वाली टीम के सदस्य थे और डीआरडीओ में तेजस के एक प्रोजेक्ट में वैज्ञानिकों की टीम के प्रमुख थे. वे पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के बेहद करीबी मित्रों में शामिल थे.

इसे भी पढ़ेंः पद्मश्री डॉ. मानस बिहारी वर्मा ने किया 'शालोम सलाम' का विमोचन, पुस्तक में इजरायल-फिलिस्तीन के संघर्ष की अनकही बातें

जाने-माने वैज्ञानिकों में होती थी गिनती
डॉ. वर्मा का जन्म 29 जुलाई 1943 को घनश्यामपुर प्रखंड के बाउर गांव में हुआ था. डॉ. मानस बिहारी वर्मा दरभंगा के वीमेंस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, जो पूर्वी भारत का पहला महिला प्रौद्योगिकी संस्थान है, के पहले निदेशक भी थे. इस संस्थान का तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने उद्घाटन किया था. उनकी गिनती देश के शीर्ष वैज्ञानिकों और विद्वानों में होती थी.

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पद्मश्री डॉ. मानस बिहारी वर्मा और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम

इसे भी पढ़ेंः तेजस लड़ाकू विमान बनाने वाले वैज्ञानिक बोले- युद्ध में भारत के सामने कहीं नहीं टिकेगा पाकिस्तान

आपको बता दें कि डॉ. मानस बिहारी वर्मा पिछले कई सालों से डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की संस्था अगस्त्या फाउंडेशन और विकसित भारत फाउंडेशन की ओर से रिमोट एरिया में गरीब बच्चों के लिए मोबाइल साइंस वैन के माध्यम से विज्ञान की शिक्षा की अलख जगा रहे थे.

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पद्मश्री डॉ. मानस बिहारी वर्मा

बिहार के राज्यपाल फागू चौहान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डॉ. मानस बिहारी वर्मा के निधन पर दुख व्यक्त किया है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि वैमानिकी इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उनकी भूमिका हमेशा याद रखी जाएगी.

दरभंगाः प्रसिद्ध रक्षा वैज्ञानिक पद्मश्री डॉ. मानस बिहारी वर्मा का हार्ट अटैक से निधन हो गया है. सोमवार की देर रात उन्होंने दरभंगा के लहेरियासराय स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली. डॉ. वर्मा भारत की स्वदेशी मिसाइल बनाने वाली टीम के सदस्य थे और डीआरडीओ में तेजस के एक प्रोजेक्ट में वैज्ञानिकों की टीम के प्रमुख थे. वे पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के बेहद करीबी मित्रों में शामिल थे.

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जाने-माने वैज्ञानिकों में होती थी गिनती
डॉ. वर्मा का जन्म 29 जुलाई 1943 को घनश्यामपुर प्रखंड के बाउर गांव में हुआ था. डॉ. मानस बिहारी वर्मा दरभंगा के वीमेंस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, जो पूर्वी भारत का पहला महिला प्रौद्योगिकी संस्थान है, के पहले निदेशक भी थे. इस संस्थान का तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने उद्घाटन किया था. उनकी गिनती देश के शीर्ष वैज्ञानिकों और विद्वानों में होती थी.

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पद्मश्री डॉ. मानस बिहारी वर्मा और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम

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आपको बता दें कि डॉ. मानस बिहारी वर्मा पिछले कई सालों से डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की संस्था अगस्त्या फाउंडेशन और विकसित भारत फाउंडेशन की ओर से रिमोट एरिया में गरीब बच्चों के लिए मोबाइल साइंस वैन के माध्यम से विज्ञान की शिक्षा की अलख जगा रहे थे.

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पद्मश्री डॉ. मानस बिहारी वर्मा

बिहार के राज्यपाल फागू चौहान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डॉ. मानस बिहारी वर्मा के निधन पर दुख व्यक्त किया है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि वैमानिकी इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उनकी भूमिका हमेशा याद रखी जाएगी.

Last Updated : May 4, 2021, 11:06 AM IST
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