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दरभंगा में CAA का विरोध जारी, कहा- 'काला कानून' वापस लेने तक नहीं थमेगा आंदोलन

यूपी के बलरामपुर से आये युवा शायर आतिल बलरामपुरी ने भी अपने अंदाज में संदेश दिया कि 'हमने हमेशा भारत की एकता को जिंदा रखा है. भाईचारा और मुहब्बत में लहू बहाया है. आप मस्जिद की अजानों को बहुत सुनते हैं. हमने मंदिर की हिफाजत में लहू बहाया है.'

दरभंगा
दरभंगा में सीएए का विरोध जारी
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Published : Feb 8, 2020, 11:33 PM IST

Updated : Feb 9, 2020, 3:53 AM IST

दरभंगा: जिले के कई इलाकों में सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ विरोध-प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है. बड़ी संख्या में लोग घरों से निकल कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. साथ ही 'वी द पीपल ऑफ इंडिया' संगठन की ओर से एनएच-57 के पास धरना-प्रदर्शन चल रहा है. धरने में शनिवार को यूपी के बलरामपुर से युवा शायर आतिल बलरामपुरी भी शामिल हुए.

दरभंगा
धरने में शामिल महिलाएं

'काला कानून वापस लेने तक जारी रहेगा आंदोलन'
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे युवा नेता डॉ. इमामुल हक 'इमाम' ने शायराना अंदाज में कहा कि छात्र और युवा देश की जान हैं. भारतीय सभ्यता और संस्कृति हर मजहब की पहचान है. यहां हिंदू, मुसलमान, सिख और ईसाई से पहले सारा हिंदुस्तान है. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार के काले कानून वापस लेने तक यह आंदोलन जारी रहेगा.

पेश है रिपोर्ट

'हमने हमेशा भारत की एकता को रखा जिंदा'
वहीं, यूपी के बलरामपुर से आये युवा शायर आतिल बलरामपुरी ने भी अपने अंदाज में संदेश दिया कि हमने हमेशा भारत की एकता को जिंदा रखा है. भाईचारा और मुहब्बत में लहू बहाया है. आप मस्जिद की अजानों को बहुत सुनते हैं. हमने मंदिर की हिफाजत में लहू बहाया है. साथ ही उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है हमने हर दौर में मुल्क की जिफाजत में अपनी जानों को हथेली पर सजाकर रखा है. जिन मंगोलों से कोई जीत नहीं सका. उन मंगोलों से भी भारत को बचाकर रखा है.

दरभंगा: जिले के कई इलाकों में सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ विरोध-प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है. बड़ी संख्या में लोग घरों से निकल कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. साथ ही 'वी द पीपल ऑफ इंडिया' संगठन की ओर से एनएच-57 के पास धरना-प्रदर्शन चल रहा है. धरने में शनिवार को यूपी के बलरामपुर से युवा शायर आतिल बलरामपुरी भी शामिल हुए.

दरभंगा
धरने में शामिल महिलाएं

'काला कानून वापस लेने तक जारी रहेगा आंदोलन'
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे युवा नेता डॉ. इमामुल हक 'इमाम' ने शायराना अंदाज में कहा कि छात्र और युवा देश की जान हैं. भारतीय सभ्यता और संस्कृति हर मजहब की पहचान है. यहां हिंदू, मुसलमान, सिख और ईसाई से पहले सारा हिंदुस्तान है. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार के काले कानून वापस लेने तक यह आंदोलन जारी रहेगा.

पेश है रिपोर्ट

'हमने हमेशा भारत की एकता को रखा जिंदा'
वहीं, यूपी के बलरामपुर से आये युवा शायर आतिल बलरामपुरी ने भी अपने अंदाज में संदेश दिया कि हमने हमेशा भारत की एकता को जिंदा रखा है. भाईचारा और मुहब्बत में लहू बहाया है. आप मस्जिद की अजानों को बहुत सुनते हैं. हमने मंदिर की हिफाजत में लहू बहाया है. साथ ही उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है हमने हर दौर में मुल्क की जिफाजत में अपनी जानों को हथेली पर सजाकर रखा है. जिन मंगोलों से कोई जीत नहीं सका. उन मंगोलों से भी भारत को बचाकर रखा है.

Intro:दरभंगा। जिले के कई इलाकों में सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ विरोध-प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है। बड़ी संख्या में लोग घरों से निकल कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके तहत 'वी द पीपल ऑफ इंडिया' संगठन की ओर से एनएच 57 के पास धरना-प्रदर्शन चल रहा है। इस आंदोलन में भाग लेने के लिए यूपी के बलरामपुर से युवा शायर आतिल बलरामपुरी भी पहुंचे।


Body:प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे युवा नेता डॉ. इमामुल हक इमाम ने कहा कि छात्र-युवा इस देश की जान हैं। भारतीय सभ्यता-संस्कृति हर मज़हब की पहचान है। यहां हिंदू, मुसलमान, सिख और ईसाई से पहले सारा हिंदुस्तान है। जब-तक सरकार इस काले कानून को वापस नहीं लेती तब तक ये आंदोलन जारी रहेगा।


Conclusion:वहीं यूपी के बलरामपुर से आये युवा शायर आतिल बलरामपुरी ने कहा कि हमने हमेशा भारत की एकता को ज़िंदा रखा है। भाईचारा और मोहब्बत में लहू बहाया है। सरजमीं की अस्मत में बहाया है लहू। आप मस्ज़िद की अजानों को बहुत सुनते हैं, हमने मंदिर की हिफाज़त में बहाया है लहू। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है हमने हर दौर में इस मुल्क की जिफ़ाज़त में अपनी जानों को हथेली पर सजाकर रखा है। जिन मंगोलों से कोई जीत नहीं सका उन मंगोलों से भी भारत को बचाकर रखा है।

बाइट 1- डॉ. इमामुल हक़ इमाम, युवा नेता.
बाइट 2- आतिल बलरामपुरी, युवा शायर.

विजय कुमार श्रीवास्तव
ई टीवी भारत
दरभंगा
Last Updated : Feb 9, 2020, 3:53 AM IST
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