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दरभंगा: लड़कियों को पीजी तक मुफ्त शिक्षा की सरकारी घोषणा हवा-हवाई

विश्वविद्याल के डीएसडब्ल्यू प्रो. रतन कुमार चौधरी ने बताया कि राज्य सरकार की पीजी स्तर तक लड़कियों को मुफ्त शिक्षा के निर्देश का पालन यहां भी किया जा रहा था.  लेकिन राजभवन की ओर से सीबीएस प्रणाली से नामांकन का निर्देश मिला. उससे फीस में वृद्धि हो गयी.

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय
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Published : Jun 26, 2019, 6:23 AM IST

दरभंगा: लड़कियों को स्नातकोत्तर कक्षा तक मुफ्त शिक्षा दिये जाने की बिहार सरकार की घोषणा हवा-हवाई साबित हो रही है. ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय द्वारा पीजी की लड़कियों से पिछले दो साल से शुल्क लिया जा रहा है. वहीं, विवि ने इस साल से लड़कियों की फीस में अप्रत्याशित वृद्धि कर दी है. वहीं, विवि ने इसे राजभवन का निर्देश बताते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया है.


विश्वविद्याल के डीएसडब्ल्यू प्रो. रतन कुमार चौधरी ने बताया कि राज्य सरकार की पीजी स्तर तक लड़कियों को मुफ्त शिक्षा के निर्देश का पालन यहां भी किया जा रहा था. यहां इंटर और ग्रेजुएशन में लड़कियों से अब भी फीस नहीं ली जाती है. लेकिन पीजी में लड़कियों से फीस ली जाती है. उन्होंने बताया कि दो साल पहले तक यहां भी पीजी में लड़कियों से फीस नहीं ली जाती थी. लेकिन उसके बाद राजभवन की ओर से सीबीएस प्रणाली से नामांकन का निर्देश मिला. उससे अप्रत्याशित फीस में भी वृद्धि कर दी गयी.

राजभवन को लिखा गया है पत्र- डीएसडब्ल्यू

गौरतलब है कि फीस के लिए अब 2600 के बदले 3200 रुपये लिये जाते हैं. प्रैक्टिकल विषयों के लिये इसके अलावे 550 रुपये ज्यादे ही लिये जाते हैं. यह फीस लड़कियों से भी लिया जाता है. डीएसडब्ल्यू ने कहा कि विवि ने राजभवन सचिवालय को पीजी तक लड़कियों की मुफ्त शिक्षा की बिहार सरकार के निर्देश का हवाला देते हुए पत्र लिखा है. इसमें लड़कियों के शुल्क वापस करने की अनुमति भी मांगी गयी है. लेकिन राजभवन की ओर से इस संबंध में उन्हें अब तक कोई निर्देश नहीं मिला है. इसलिये पीजी की लड़कियों से फीस लेना उनकी मजबूरी है. बता दें कि बिहार सरकार ने कन्या उत्थान योजना के तहत लड़कियों को पीजी तक मुफ्त शिक्षा और उन्हें छात्रवृत्ति देने की घोषणा की थी. इससे लड़कियों को पढ़ाई के लिये प्रेरित करने में मदद मिली थी. लेकिन विवि स्तर पर पीजी में शुल्क लिये जा रहे हैं.

दरभंगा: लड़कियों को स्नातकोत्तर कक्षा तक मुफ्त शिक्षा दिये जाने की बिहार सरकार की घोषणा हवा-हवाई साबित हो रही है. ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय द्वारा पीजी की लड़कियों से पिछले दो साल से शुल्क लिया जा रहा है. वहीं, विवि ने इस साल से लड़कियों की फीस में अप्रत्याशित वृद्धि कर दी है. वहीं, विवि ने इसे राजभवन का निर्देश बताते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया है.


विश्वविद्याल के डीएसडब्ल्यू प्रो. रतन कुमार चौधरी ने बताया कि राज्य सरकार की पीजी स्तर तक लड़कियों को मुफ्त शिक्षा के निर्देश का पालन यहां भी किया जा रहा था. यहां इंटर और ग्रेजुएशन में लड़कियों से अब भी फीस नहीं ली जाती है. लेकिन पीजी में लड़कियों से फीस ली जाती है. उन्होंने बताया कि दो साल पहले तक यहां भी पीजी में लड़कियों से फीस नहीं ली जाती थी. लेकिन उसके बाद राजभवन की ओर से सीबीएस प्रणाली से नामांकन का निर्देश मिला. उससे अप्रत्याशित फीस में भी वृद्धि कर दी गयी.

राजभवन को लिखा गया है पत्र- डीएसडब्ल्यू

गौरतलब है कि फीस के लिए अब 2600 के बदले 3200 रुपये लिये जाते हैं. प्रैक्टिकल विषयों के लिये इसके अलावे 550 रुपये ज्यादे ही लिये जाते हैं. यह फीस लड़कियों से भी लिया जाता है. डीएसडब्ल्यू ने कहा कि विवि ने राजभवन सचिवालय को पीजी तक लड़कियों की मुफ्त शिक्षा की बिहार सरकार के निर्देश का हवाला देते हुए पत्र लिखा है. इसमें लड़कियों के शुल्क वापस करने की अनुमति भी मांगी गयी है. लेकिन राजभवन की ओर से इस संबंध में उन्हें अब तक कोई निर्देश नहीं मिला है. इसलिये पीजी की लड़कियों से फीस लेना उनकी मजबूरी है. बता दें कि बिहार सरकार ने कन्या उत्थान योजना के तहत लड़कियों को पीजी तक मुफ्त शिक्षा और उन्हें छात्रवृत्ति देने की घोषणा की थी. इससे लड़कियों को पढ़ाई के लिये प्रेरित करने में मदद मिली थी. लेकिन विवि स्तर पर पीजी में शुल्क लिये जा रहे हैं.

Intro:दरभंगा। लड़कियों को स्नातकोत्तर कक्षा तक मुफ्त शिक्षा दिये जाने की बिहार सरकार की घोषणा हवा-हवाई साबित हुई है। ललित नारायण मिथिला विवि पीजी की लड़कियों से पिछले दो साल से शुल्क वसूल रहा है। हद तो तब हो गयी जब विवि ने इस साल से लड़कियों की फीस में अप्रत्याशित वृद्धि कर दी है। विवि ने इसे राजभवन का निर्देश बताते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया है।


Body:विवि के डीएसडब्ल्यू प्रो. रतन कुमार चौधरी ने बताया कि राज्य सरकार की पीजी स्तर तक लड़कियों को मुफ्त शिक्षा के निर्देश का पालन यहां भी किया जा रहा था। यहां इंटर और ग्रेजुएशन में लड़कियों से अब भी फीस नहीं ली जाती है। लेकिन पीजी में लड़कियों से फीस ली जाती है। उन्होंने बताया कि दो साल पहले तक यहां भी पीजी में लड़कियों से फीस नहीं ली जाती थी। लेकिन उसके बाद राजभवन की ओर से सीबीएस प्रणाली से नामांकन का निर्देश मिला। उसमें अप्रत्याशित फीस वृद्धि भी कर दी गयी। अब 2600 के बदले 3200 रुपये फीस के लिये जाते हैं। प्रैक्टिकल विषयों के लिये इसके अलावा 550 रुपये ज़्यादा लिये जाते हैं। यह लड़कियों से भी लिया जाता है। उन्होंने कहा कि विवि ने राजभवन सचिवालय को पीजी तक लड़कियों की मुफ्त शिक्षा की बिहार सरकार के निर्देश का हवाला देते हुए पत्र लिखा है। इसमें उनका शुल्क वापस करने की अनुमति भी मांगी गयी है। लेकिन राजभवन से इस संबंध में उन्हें अब तक कोई निर्देश नहीं मिला है। इसलिये पीजी की लड़कियों से फीस लेना उनकी मजबूरी है।


Conclusion:बता दें कि बिहार सरकार ने कन्या उत्थान योजना के तहत लड़कियों को पीजी तक मुफ्त शिक्षा और उन्हें छात्रवृत्ति देने की घोषणा की थी। इससे लड़कियों को पढ़ाई के लिये प्रेरित करने में मदद मिली थी। लेकिन विवि स्तर पर पीजी में शुल्क लिये जाने से लड़कियों के मनोबल में कमी की आशंका है।

बाइट 1- प्रो. रतन कुमार चौधरी, डीएसडब्ल्यू, एलएनएमयू

विजय कुमार श्रीवास्तव
ई टीवी भारत
दरभंगा
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