दरभंगा: मिथिला स्टूडेंट यूनियन ने ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एमएसयू के छात्रों ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों की जायज मांगों की आवाज को दबाना चाहता है. इस लिए विरोध-प्रदर्शन करने वाले छात्रों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.
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मुकदमे को वापस लेने की मांग
छात्रों ने चेतावनी दी कि अगर विश्वविद्यालय प्रशासन एक सप्ताह के भीतर उनके खिलाफ किए गए झूठे मुकदमे को वापस नहीं लेता है तो संगठन इससे भी उग्र आंदोलन करेगा. एमएसयू के विवि प्रभारी अमन सक्सेना ने कहा कि कोरोना काल में काफी कठिनाई से छात्रों ने परीक्षा दी थी. लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों को गलत ढंग से फेल करा दिया.
उन्होंने कहा कि जब छात्रों को पास कराने की मांग को लेकर मिथिला स्टूडेंट यूनियन के छात्रों ने विश्वविद्यालय मुख्यालय और कुलपति आवास पर प्रदर्शन किया तो उनके खिलाफ विश्वविद्यालय प्रशासन ने झूठी एफआईआर दर्ज करा दी.
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उग्र आंदोलन की चेतावनी
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय मुकदमा का भय दिखाकर एमएसयू के छात्रों को डराना चाहता है. एमएसयू के छात्र इससे डरने वाले नहीं हैं और वे छात्रों की जायज मांगों को उठाते रहेंगे. उन्होंने कहा कि अगर विश्वविद्यालय प्रशासन एक सप्ताह के भीतर झूठे मुकदमे को वापस नहीं लेता है तो इससे भी उग्र आंदोलन किया जाएगा. उन्होंने कुलसचिव को चेतावनी दी कि अगर वे मुकदमा वापस नहीं लेते हैं तो उनके मुंह पर कालीख पोती जाएगी.
बता दें कि गुरुवार को मिथिला स्टूडेंट यूनियन के छात्रों ने विश्वविद्यालय मुख्यालय और कुलपति आवास पर अपनी मांगों को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया था. इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने एमएसयू के 12 नामजद छात्रों और 50 अज्ञात के खिलाफ विश्वविद्यालय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है. एमएसयू इससे नाराज है.