दरभंगा: सांसद गोपालजी ठाकुर ने शनिवार को दरभंगा के मिथिला संस्कृत स्नातकोत्तर अध्ययन एवं शोध संस्थान का निरीक्षण किया. सांसद ने प्रशासनिक भवन के निर्माण के लिए देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वारा शिलान्यास किए गए स्थान, शिलापट्ट, पुस्तकालय, पांडुलिपि कक्ष सहित 62 बीघे के विशाल परिसर के विभिन्न भागों का जायजा लिया.
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सांसद ने कहा कि इस संस्थान के विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखकर आग्रह किया था और लोकसभा में भी प्रश्न किया था.
संस्थान को धरोहर के रूप में विकसित करने की है जरूरत
सांसद गोपालजी ठाकुर ने कहा "केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने यूजीसी को इस मामले में कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. पत्र के माध्यम से उन्होंने इसकी जानकारी दी थी. उन्होंने कहा था कि इस पर काम चल रहा है."
"केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से संस्थान को देश की ऐतिहासिक धरोहर व शिक्षण संस्थान के रूप में विकसित करने की आवश्यकता है ताकि संस्कृत की शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ दुर्लभ पांडुलिपियों का संरक्षण हो सके. संस्थान के विशाल परिसर की सुरक्षा के लिए चाहरदीवारी निर्माण का काम जल्द होगा. संस्थान में स्थायी निदेशक और कर्मचारी बहाल करने के साथ स्थानीय स्तर पर प्रशासनिक पहल की भी आवश्यकता है."-गोपालजी ठाकुर, सांसद
निरीक्षण के दौरान सांसद ने प्रभारी निदेशक को संस्थान के विकास की रूपरेखा तैयार कर प्रमंडलीय आयुक्त को सौंपने का निर्देश दिया. इस दौरान प्रमंडलीय आयुक्त राधेश्याम साह और संस्थान के प्रभारी निदेश डॉ राजदेव प्रसाद भी साथ थे.