ETV Bharat / state

विधायक का सोशल मीडिया पर छलका दर्द, बोले- 'टिकट नहीं चाहिए, बस पार्टी में दे दें जगह'

बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. निर्वाचन आयोग ने तीन चरणों में विधानसभा चुनाव कराने का ऐलान कर दिया है. ऐसे में सीटों को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों में खींचतान जारी है.

MLA Amarnath Gami
विधायक अमरनाथ गामी
author img

By

Published : Oct 2, 2020, 6:21 PM IST

दरभंगा: जिले के हायाघाट से विधायक अमरनाथ गामी अब टिकट के बजाए पार्टी में स्थान बनाए रखने के लिए दर-दर फरियाद लगा रहे हैं. लेकिन उनकी फरियाद नहीं सुनी जा रही है. यहां तक कि वह अपने पुराने घर भाजपा में भी वापसी की नेताओं से गुहार लगा रहे हैं. लेकिन वहां भी उनका जुगाड़ नहीं लग पा रहा है. इसके लिए विधायक पटना में जमे हैं और सभी बड़े नेताओं से मिलने का वक्त मांग रहे हैं.

विधायक के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के डर से भाजपा या जदयू का कोई बड़ा नेता उनसे मिलने तक को तैयार नहीं है. विधायक के सब्र का घड़ा जब फूट गया तो उन्होंने फेसबुक पर अपना दर्द बयान किया.

पार्टी ने नहीं सुनी विधायक की अर्जी
विधायक अमरनाथ गामी ने अपने फेसबुक वॉल पर लिखा कि 'मैंने अपनी बात स्पष्ट की है और मीडिया के मित्र इसे साझा कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि एक लाइन कोई गलत साबित कर सकता है तो करके दिखाए, मैंने दिल्ली से दौलताबाद तक नेताओं से संपर्क कर लोकसभा में आपके उम्मीदवार के लिये दिन रात एक किया है. विधायक ने कहा कि सीएम मुझे अपने यहां स्थान दें टिकट भी नही मांग रहे हैं. लेकिन किसी ने भी उनकी बात नहीं सुनी है. उन्होंने कहा कि ऐसे में मेरे पास दो ही चारा है जो 'सन्यास या संघर्ष' है.

सोशल मीडिया पर छलका दर्द
बता दें कि अमरनाथ गामी कभी भाजपा के दरभंगा जिलाध्यक्ष हुआ करते थे. भाजपा ने 2010 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हायाघाट से टिकट देकर विधायक बनाया था. इसके बाद पार्टी से उनकी खटपट हुई तो वह नीतीश कुमार की शरण में जदयू में चले गए. 2015 के चुनाव में उन्हें जदयू ने भी हायाघाट से टिकट दे दिया और वह फिर विधायक बन गए.

लेकिन पांच साल का कार्यकाल पूरा होने के पहले ही एक बार फिर जदयू से भी उनकी खटपट हुई और पार्टी ने उन्हें निलंबित कर दिया. कुछ समय बाद वह भाजपा में वापस होने का जुगाड़ लगाने लगे. लेकिन इस बार वह जदयू से तो गए ही और भाजपा भी उन्हें लेने को तैयार नहीं है. इसको लेकर वह सोशल मीडिया पर अपना दर्द बयान कर रहे हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि अब वह राजद की शरण में जाने की कोशिश कर रहे हैं.

दरभंगा: जिले के हायाघाट से विधायक अमरनाथ गामी अब टिकट के बजाए पार्टी में स्थान बनाए रखने के लिए दर-दर फरियाद लगा रहे हैं. लेकिन उनकी फरियाद नहीं सुनी जा रही है. यहां तक कि वह अपने पुराने घर भाजपा में भी वापसी की नेताओं से गुहार लगा रहे हैं. लेकिन वहां भी उनका जुगाड़ नहीं लग पा रहा है. इसके लिए विधायक पटना में जमे हैं और सभी बड़े नेताओं से मिलने का वक्त मांग रहे हैं.

विधायक के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के डर से भाजपा या जदयू का कोई बड़ा नेता उनसे मिलने तक को तैयार नहीं है. विधायक के सब्र का घड़ा जब फूट गया तो उन्होंने फेसबुक पर अपना दर्द बयान किया.

पार्टी ने नहीं सुनी विधायक की अर्जी
विधायक अमरनाथ गामी ने अपने फेसबुक वॉल पर लिखा कि 'मैंने अपनी बात स्पष्ट की है और मीडिया के मित्र इसे साझा कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि एक लाइन कोई गलत साबित कर सकता है तो करके दिखाए, मैंने दिल्ली से दौलताबाद तक नेताओं से संपर्क कर लोकसभा में आपके उम्मीदवार के लिये दिन रात एक किया है. विधायक ने कहा कि सीएम मुझे अपने यहां स्थान दें टिकट भी नही मांग रहे हैं. लेकिन किसी ने भी उनकी बात नहीं सुनी है. उन्होंने कहा कि ऐसे में मेरे पास दो ही चारा है जो 'सन्यास या संघर्ष' है.

सोशल मीडिया पर छलका दर्द
बता दें कि अमरनाथ गामी कभी भाजपा के दरभंगा जिलाध्यक्ष हुआ करते थे. भाजपा ने 2010 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हायाघाट से टिकट देकर विधायक बनाया था. इसके बाद पार्टी से उनकी खटपट हुई तो वह नीतीश कुमार की शरण में जदयू में चले गए. 2015 के चुनाव में उन्हें जदयू ने भी हायाघाट से टिकट दे दिया और वह फिर विधायक बन गए.

लेकिन पांच साल का कार्यकाल पूरा होने के पहले ही एक बार फिर जदयू से भी उनकी खटपट हुई और पार्टी ने उन्हें निलंबित कर दिया. कुछ समय बाद वह भाजपा में वापस होने का जुगाड़ लगाने लगे. लेकिन इस बार वह जदयू से तो गए ही और भाजपा भी उन्हें लेने को तैयार नहीं है. इसको लेकर वह सोशल मीडिया पर अपना दर्द बयान कर रहे हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि अब वह राजद की शरण में जाने की कोशिश कर रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.