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दरभंगाः बेमौसम बरसात से उफान पर नदियां, कई गांवों में फैला बाढ़ का पानी, मक्के की फसल बर्बाद - मक्के की फसल डूब कर बर्बाद

पूरा इलाका साल में 6 महीने पानी से ढका रहता है. किसान मात्र साल में एक बार मक्के की खेती कर पाते हैं. लेकिन लॉक डाउन की वजह से पुरूष दूसरी जगह कमाने नहीं जा रहे हैं वहीं, बेमौसम बारिश से फसल डूबने पर किसानों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है.

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मक्के की फसल डूब कर बर्बाद
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Published : May 7, 2020, 4:15 PM IST

Updated : May 7, 2020, 6:55 PM IST

दरभंगा: लॉक डाउन के बाद बेमौसम बारिश ने किसानों की मुसीबत बढ़ा दी है. नेपाल की तराई और उत्तर बिहार में भारी बारिश की वजह से कमला और बलान नदी उफान पर हैं. इसकी वजह से जिले के कुशेश्वर स्थान पूर्वी प्रखंड के कई गांवों में असमय बाढ़ आ गई है. इटहर, लक्ष्मीनिया, चौकिया और बंसवरिया समेत कई गांवों में मक्के की फसल डूब कर बर्बाद हो गई है.

कुशेश्वर स्थान का इलाका बरसात से लेकर जाड़े के मौसम तक पानी में डूबा रहता है. यहां, बरसात से पहले एक मात्र मक्के की खेती होती है. लेकिन इस बार समय के पहले आई बाढ़ ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है. लॉक डाउन की वजह से यहां के किसान दूसरे प्रदेशों में मजदूरी करने भी नहीं जा पा रहे हैं. वे अपने भविष्य को लेकर बेहद परेशान हैं.

देखें रिपोर्ट

कर्ज चुकाने की सता रही चिंता
महिला किसान अमेरिका देवी का कहना है कि लॉक डाउन की वजह से घर के मर्द बाहर कमाने नहीं जा पा रहे हैं. महीनों से घर पर बैठे हैं. अब फसल डूबने से सारी उम्मीदें खत्म हो गई है. परिवार चलाना मुश्किल होता जा रहा है. वहीं, किसानों को कर्ज चुकाने की चिंता खाये जा रही है. बीडीओ अशोक कुमार जिज्ञासु ने बताया कि किसान सलाहकारों को फसल क्षति का आकलन करने का निर्देश दिया गया है. रिपोर्ट आने के बाद फसल क्षति मुआवजे को लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

दरभंगा: लॉक डाउन के बाद बेमौसम बारिश ने किसानों की मुसीबत बढ़ा दी है. नेपाल की तराई और उत्तर बिहार में भारी बारिश की वजह से कमला और बलान नदी उफान पर हैं. इसकी वजह से जिले के कुशेश्वर स्थान पूर्वी प्रखंड के कई गांवों में असमय बाढ़ आ गई है. इटहर, लक्ष्मीनिया, चौकिया और बंसवरिया समेत कई गांवों में मक्के की फसल डूब कर बर्बाद हो गई है.

कुशेश्वर स्थान का इलाका बरसात से लेकर जाड़े के मौसम तक पानी में डूबा रहता है. यहां, बरसात से पहले एक मात्र मक्के की खेती होती है. लेकिन इस बार समय के पहले आई बाढ़ ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है. लॉक डाउन की वजह से यहां के किसान दूसरे प्रदेशों में मजदूरी करने भी नहीं जा पा रहे हैं. वे अपने भविष्य को लेकर बेहद परेशान हैं.

देखें रिपोर्ट

कर्ज चुकाने की सता रही चिंता
महिला किसान अमेरिका देवी का कहना है कि लॉक डाउन की वजह से घर के मर्द बाहर कमाने नहीं जा पा रहे हैं. महीनों से घर पर बैठे हैं. अब फसल डूबने से सारी उम्मीदें खत्म हो गई है. परिवार चलाना मुश्किल होता जा रहा है. वहीं, किसानों को कर्ज चुकाने की चिंता खाये जा रही है. बीडीओ अशोक कुमार जिज्ञासु ने बताया कि किसान सलाहकारों को फसल क्षति का आकलन करने का निर्देश दिया गया है. रिपोर्ट आने के बाद फसल क्षति मुआवजे को लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : May 7, 2020, 6:55 PM IST
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