दरभंगा: कोरोना महामारी के कारण पर्व त्योहार की रौनक काफी फीकी हो गई है. रमजान के रोजे, दावत-ए-इफ्तार और ईद के इंतजार करने वाले मुस्लिम समुदाय के लोग इस बार मायूस हैं. वे इनकी रस्म अदायगी भर कर रहे हैं. हर साल इस समय में नमाजियों से खचाखच भरी रहने वाली मस्जिदें इस बार सूनी पड़ी हैं.
बता दें कि लोग मन मसोसकर अपने घरों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए नमाज अता कर रहे हैं. जहां दावत-ए-इफ्तार में एक महीना तक सभी समुदाय के लोग खुशी-खुशी शरीक होते थे और इनका आयोजन करते थे. वो इस बार पूरी तरह बंद है. खासकर बच्चे तो बेहद निराश हैं. उनके लिए इस बार की ईद बेनूर होती दिख रही है.
कोरोना महामारी से निजात दिलाने की मांगी जा रही दुआ
शहर के करमगंज मोहल्ले के रहने वाले लोगों ने मायूसी जाहिर करते हुे कहा कि कोरोना की वजह से जारी लॉकडाउन के कारण वे मस्जिद में जा कर नमाज अता नहीं कर पा रहे हैं. घर पर ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए परिवार के सदस्यों के साथ रोजे खोलते हैं और बिना किसी बाहरी आदमी को बुलाए दावत-ए-इफ्तार की रस्म अदायगी भर कर लेते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि वे अल्लाह से हर नमाज में यही दुआ करते हैं कि भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया को जल्द कोरोना महामारी से निजात दिलाएं और पहले जैसा मेलजोल का माहौल बनाएं.
बाजारों से रौनक गायब
इस साल 24 अप्रैल को ईद संभावित है. त्योहार बेहद करीब होने के बावजूद लोगों में उत्साह नहीं है. बाजारों में भी कोई रौनक नहीं दिख रही है. लोग काफी मयूस हैं.