दरभंगा: वामदल और महागठबंधन के संयुक्त आह्वान पर समाहरणालय स्थित धरना स्थल पर एक दिवसीय आक्रोशपूर्ण धरना प्रदर्शन किया गया. इस दौरान कोरोना महामारी के इलाज में डीएमसीएच में व्याप्त अव्यवस्था, गांव तक स्वास्थय सेवा बहाल करने और संपूर्ण जिला में बाढ़ की भयंकर त्रासदी के कारण उत्पन्न जन समस्याओं के समाधान, बाढ़ जिला घोषित, स्थाई समाधान और जिला प्रशालन के मनमानी के खिलाफ नारेबाजी की गई.
राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी
इस अवसर पर प्रदर्शनकारियों ने केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपनी आवाज को बुलंद किया. वहीं भाकपा के जिला सचिव नारायणजी झा ने कहा कि कोरोना महामारी और बाढ़ के बचाव में केन्द्र और राज्य सरकार विफल है. इसके खिलाफ जन आंदोलन तेज करके ही अधिकार को बचाया जा सकता है.
बाढ़ की विभीषिका से लोग त्रस्त
जिला सचिव ने कहा कि संपूर्ण जिला बाढ़ की विभीषिका से त्रस्त है. आम जीवन अस्त-व्यस्त है. लोग बांध, सड़क किनारे और ऊंचे स्थानों पर आश्रय लिए हुए हैं. किसानों का पूरा फसल नष्ट हो गया है और बिहार सरकार रोम के राजा बने हुए हैं.
डीएमसीएच में हो रही मौत
राजद जिला अध्यक्ष राम नरेश यादव ने कहा कि आज सत्ता सरकार और जिला प्रशासन लापरवाह और बेखौफ हो गई है. लगातर डीएमसीएच में मौत हो रही है. लेकिन जिला प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है.
न्यायिक जांच की मांग
राम नरेश यादव ने कहा कि राजद नेता रूमी की स्वभाविक मौत नहीं हुई है. उनकी सत्ता पक्ष के इशारे पर हत्या की गई है. जिला प्रशासन ने मौत पर कमिटी भी बनाया. लेकिन उस रिपोर्ट को अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया. उन्होंने राजद नेता रूमी की मौत की न्यायिक जांच की मांग सरकार से की है.
25 हजार रुपये मिले मुआवजा
माले नेता प्रिंस ने कहा कि संपूर्ण जिला में बाढ़ की विभीषिका से आम लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त है. लोग मूलभूत सुविधा के लिए तरप रहे हैं. वर्तमान परिप्रेक्ष्य में बढ़ी हुई महंगाई, कोरोना महामारी और बाढ़ की त्रासदी की दोहरी मार से त्रस्त लोगों के लिए रिलीफ कोड में बदलाव कर बाढ़ राहत 25 हजार रुपये प्रति परिवार और फसल क्षति मुआवजा 25 हजार प्रति हेक्टेयर की दर से अविलंब भुगतान सुनिश्चित किया जाए.