दरभंगा: देश के जाने-माने रक्षा वैज्ञानिक और लड़ाकू विमान तेजस बनानेवाले डॉ. मानस बिहारी वर्मा पंचतत्व में विलीन हो गए. उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव घनश्यामपुर प्रखंड के बाऊर में किया गया. डॉ. वर्मा आजीवन अविवाहित रहे. इसलिए उनके भतीजे मुकुल बिहारी वर्मा ने उन्हें मुखाग्नि दी. मौके पर पर जिला प्रशासन की ओर से बिरौल एसडीओ बृजकिशोर लाल समेत पुलिस के कई पदाधिकारी मौजूद रहे. वहां उपस्थित पदाधिकारियों ने डॉ. वर्मा को श्रद्धांजलि दी.
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ग्रामीणों ने दी श्रद्धांजलि
अंतिम संस्कार के पहले ग्रामीणों ने डॉ. मानस बिहारी वर्मा को श्रद्धांजलि दी और पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें अंतिम विदाई दी. दिवंगत डॉ. वर्मा के भतीजे मुकुल बिहारी वर्मा ने कहा कि डॉ. मानस बिहारी वर्मा सभी लोगों के लिए प्रेरणा थे. इसलिए पैतृक गांव बाऊर में परिवार की ओर से उनका स्मारक बनाया जाएगा.
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पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के घनिष्ठ मित्र थे डॉ वर्मा
बता दें कि डॉ. मानस बिहारी वर्मा पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के घनिष्ठ मित्र थे. डॉ. कलाम की टीम में रहते हुए ही उन्होंने देश को सामरिक दृष्टि से मजबूत बनाने के लिए डीआरडीओ के कई प्रोजेक्ट पर काम किए थे. दुनिया भर में चर्चित भारत के लड़ाकू विमान बनानेवाली वैज्ञानिकों की टीम का उन्होंने नेतृत्व किया था. भारत सरकार ने 2018 में उन्हें पद्मश्री सम्मान से नवाजा था. उनका निधन सोमवार की देर रात उनके लहेरियासराय स्थित आवास पर हार्ट अटैक से हो गया था. मंगलवार को उनका शव उनके गांव बाऊर लाया गया था. जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया.