दरभंगा: दिल्ली बॉर्डर पर 130 दिनों से चल रहे किसान आन्दोलन के समर्थन में संयुक्त किसान मोर्चा के आवाह्न पर एफसीआई बचाने के लिए पंडासराय स्थित जिला एफसीआई कार्यालय का घेराव किया गया. घेराव का नेतृत्व किसान सभा के जिला अध्यक्ष राजीव कुमार चौधरी और किसान काउंसिल के जिला सचिव श्याम भारती ने किया. घेराव प्रदर्शन के उपरांत एफसीआई बचाने के लिए खाद्य आपूर्ति मंत्री भारत सरकार के नाम एफसीआई प्रबंधक को ज्ञापन सौंपा गया.
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पिछले कई सालों से एफसीआई के बजट में हो रही है कटौती
किसान काउंसिल के जिला सचिव श्याम भारती ने कहा कि सरकार द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से एमएसपी और पीडीएस व्यवस्था खत्म करने के कई प्रयास किये जा रहे हैं. पिछले कई सालों से एफसीआई के बजट में कटौती की जा रही है. हाल ही में एफसीआई ने फसलों की खरीद प्रणाली के नियम भी बदले हैं, जिसमें किसानों की जमीन के पुर्व में पंजीकरण कराने की नयी शर्तें रखी जा रही हैं. किसानों को अपनी फसल की बिक्री करने में कई तरह के कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.
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'दरभंगा जिला में गेहूं की फसल किसानों द्वारा तैयार किया जा चुका है. मगर अभी तक क्रय केंद्र नहीं खुलने के कारण किसानों के फसल की खरीद शुरू नहीं की गई है. एफसीआई समाप्त होने से खाद सुरक्षा समाप्त हो जाएगा. साथ ही कार्यत कर्मचारी भी हटा दिए जाएंगे. इसलिए एफसीआई को बचाने का संघर्ष किसानों को तेज करना होगा. हम लोग घेराव प्रदर्शन के द्वारा एफसीआई को बचाने की इस सरकार से मांग करते हैं' - राजीव कुमार चौधरी, जिला अध्यक्ष, किसान सभा
अन्न पैदा करने वालों और खाने वालों पर खतरा
किसान सभा के जिला अध्यक्ष ने कहा कि हम किसानों और आम जनता से अपील करते हैं कि यह अन्न पैदा करने वालों और अन्न खाने वालों दोनों के भविष्य की बात है. किसानों की सभी फसलों की सरकारी खरीद की गारंटी हो और राशन व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाया जाए. कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग का जो नया कानून सरकार लाना चाहते हैं. इससे आज जो जमीन किसानों का है उस पर कॉरपोरेट का कब्जा हो जाएगा.
शहरी और ग्रामीण इलाके में बिजली होगी महंगी
इसी तरह सरकार ने बिजली बिल कानून लाया है. इस कानून के चलते बिजली का निजीकरण होगा और बड़े-बड़े कंपनियों के हाथों में दिया जाएगा. जिसके चलते शहरी और ग्रामीण इलाके में बिजली महंगी होगी. इसका असर बिजली बिल में शुरू हो गया. आने वाले दिनों में बिजली बिल चौगुनी बढ़ेगी. इसे भी वापस लेने का संघर्ष जारी है और ऐसे काले कानून के खिलाफ पूरे देश में क्रांतिकारी किसान संघर्ष चल रहा है.