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दरभंगाः संस्कृत विवि के छात्रसंघ चुनाव में दिखी छात्रों की उदासीनता, नामांकन रद्द - Chief Electoral Officer Prof Shripati tripathi

मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रो. श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि विकास कुमार को अध्यक्ष और रामाश्रय यादव को महासचिव पद के लिए निर्विरोध चुना गया है.

दरभंगा
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Published : Sep 29, 2019, 11:39 PM IST

दरभंगाः कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि के छात्र संघ चुनाव में छात्रों की रुचि बेहद निराशाजनक रही. इससे चुनाव रद्द कर दिया गया. शनिवार को दूसरे चरण के चुनाव के लिए विवि मुख्यालय में मतदान होना था. यह चुनाव पांच पदों के होने थे. लेकिन मात्र दो पदों के लिए ही नामांकन हुए थे. जिसकी वजह से चुनाव को टालना पड़ा.

दरभंगा
कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि का मुख्य द्वार

रद्द हुए थे दो नामांकन
अध्यक्ष और महासचिव पद के लिए एक-एक नामांकन हुए थे. जिसे निर्विरोध चुन लिया गया. छात्र संघ चुनाव के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रो. श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि पांच पदों अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव, संयुक्त सचिव और कोषाध्यक्ष के लिए चुनाव होने थे. संयुक्त सचिव को छोड़कर बाकि चार पदों के लिए एक-एक नामांकन हुए थे. जिसमें त्रुटि की वजह से दो नामांकनों को रद्द करना पड़ा.

पेश है रिपोर्ट

राजनीति में छात्रों की रुचि नहीं
उन्होंने बताया कि विकास कुमार को अध्यक्ष और रामाश्रय यादव को महासचिव पद के लिए चुना गया है. उन्होंने साथ ही छात्र संघ चुनाव में छात्रों की उदासीनता के कई कारण गिनाए. उन्होंने कहा कि विवि में नामांकन प्रक्रिया जटिल हो गयी है. इस वजह से कम ही छात्र वोटर बने. दूसरी वजह ये कि संस्कृत के छात्र राजनीति की बजाए पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान देते हैं. राजनीति में इनकी रुचि नहीं है. तीसरी वजह यह है कि ये छात्र आर्थिक रूप से कमजोर हैं. चुनाव के अतिरिक्त खर्च इनके लिए आसान नहीं हैं.

दरभंगाः कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि के छात्र संघ चुनाव में छात्रों की रुचि बेहद निराशाजनक रही. इससे चुनाव रद्द कर दिया गया. शनिवार को दूसरे चरण के चुनाव के लिए विवि मुख्यालय में मतदान होना था. यह चुनाव पांच पदों के होने थे. लेकिन मात्र दो पदों के लिए ही नामांकन हुए थे. जिसकी वजह से चुनाव को टालना पड़ा.

दरभंगा
कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि का मुख्य द्वार

रद्द हुए थे दो नामांकन
अध्यक्ष और महासचिव पद के लिए एक-एक नामांकन हुए थे. जिसे निर्विरोध चुन लिया गया. छात्र संघ चुनाव के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रो. श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि पांच पदों अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव, संयुक्त सचिव और कोषाध्यक्ष के लिए चुनाव होने थे. संयुक्त सचिव को छोड़कर बाकि चार पदों के लिए एक-एक नामांकन हुए थे. जिसमें त्रुटि की वजह से दो नामांकनों को रद्द करना पड़ा.

पेश है रिपोर्ट

राजनीति में छात्रों की रुचि नहीं
उन्होंने बताया कि विकास कुमार को अध्यक्ष और रामाश्रय यादव को महासचिव पद के लिए चुना गया है. उन्होंने साथ ही छात्र संघ चुनाव में छात्रों की उदासीनता के कई कारण गिनाए. उन्होंने कहा कि विवि में नामांकन प्रक्रिया जटिल हो गयी है. इस वजह से कम ही छात्र वोटर बने. दूसरी वजह ये कि संस्कृत के छात्र राजनीति की बजाए पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान देते हैं. राजनीति में इनकी रुचि नहीं है. तीसरी वजह यह है कि ये छात्र आर्थिक रूप से कमजोर हैं. चुनाव के अतिरिक्त खर्च इनके लिए आसान नहीं हैं.

Intro:दरभंगा। राज्य स्तरीय कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि के छात्र संघ चुनाव में छात्रों की रुचि बेहद निराशाजनक है। शनिवार को द्वितीय चरण के चुनाव के लिए विवि मुख्यालय में मतदान होना था, लेकिन पांच पदों के विरुद्ध केवल दो पदों पर एक-एक नामांकन होने की वजह से मतदान नहीं हो सका और तीन पद खाली रह गए। जबकि अध्यक्ष और महासचिव निर्विरोध चुने गए।


Body:छात्र संघ चुनाव के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी प्रो. श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि पांच पदों अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव, संयुक्त सचिव और कोषाध्यक्ष के लिए संयुक्त सचिव को छोड़कर शेष चार पदों के लिए एक-एक नामांकन हुआ था। जांच में चार में से दो नामांकन रद्द हो गए। दो पदों अध्यक्ष और महासचिव के लिए निर्विरोध निर्वाचन हुआ है। विकास कुमार अध्यक्ष और रामाश्रय यादव महासचिव चुने गए हैं। उन्होंने छात्र संघ चुनाव में छात्रों की उदासीनता के कई कारण गिनाए। उन्होंने कहा कि विवि में नामांकन प्रक्रिया जटिल हो गयी है, इसलिए कम छात्र वोटर बने। दूसरी वजह ये कि संस्कृत के छात्र राजनीति के बजाए पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान देते हैं, इसलिए वे चुनाव के प्रति उदासीन होते हैं। तीसरी वजह संस्कृत के छात्रों का आर्थिक रूप से विपन्न होना है। इसकी वजह से वे नामांकन के लिए पैसे नहीं जुटा पाते।


Conclusion:बता दें कि कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि के 31 अंगीभूत कॉलेज बिहार के लगभग सभी जिलों में फैले हैं। पहले चरण में जब राज्य के 31 कॉलेजों और पांच पीजी संकायों में चुनाव होना था तब भी राज्य के मात्र 12 कॉलेजों और दो पीजी संकायों में मतदान हुए थे। शेष 19 कॉलेजों और तीन पीजी संकायों के छात्रों ने चुनाव में रुचि नहीं दिखाई थी।

बाइट 1- प्रो. श्रीपति त्रिपाठी, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, केएसडीएसयू.

विजय कुमार श्रीवास्तव
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