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शराब जब्त मामले में दरभंगा कोर्ट का पहला फैसला, आरोपी को 10 साल की जेल और 1 लाख का जुर्माना

लोक अभियोजक हरेराम साहू ने बताया कि इस मामले में 20 जनवरी 2019 को आरोप पत्र समर्पित किए गए थे. इसके बाद 23 दिनों के बाद न्यायालय की ओर से आरोपी के खिलाफ आरोप गठन किया गया. इसके लिए 30 दिन के बाद स्पीडी ट्रायल के माध्यम से 11 गवाहों का बयान दर्ज हुआ. जिसके बाद फैसला सुनाया गया.

शराब जप्त मामले में गिरफ्तार आरोपी
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Published : Oct 17, 2019, 10:38 PM IST

दरभंगा: प्रदेश में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद पहली बार दरभंगा कोर्ट ने शराब जब्त के मामले में फैसला दिया है. कोर्ट ने बहादुरपुर थाना क्षेत्र के बिउनी गांव के चंदन लाल देव को दोषी करार देते हुए 10 साल की सजा के साथ 1 लाख रुपये के आर्थिक दंड की सजा भी सुनाई है. उत्पाद अधिनियम के विशेष न्यायाधीश संजय अग्रवाल की अदालत ने बिहार मद्य निषेध अधिनियम और नए उत्पाद अधिनियम के तहत ये कार्रवाई की है.

शराब कारोबारी और पीने वालों की गिरफ्तारी
नीतीश कुमार ने 5 अप्रैल से पूरे प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी को लागू कर दिया है. इसके बाद भी शराब कारोबारी की ओर से अवैध तरीकों से शराब को दूसरे राज्यों से तस्करी कर यहां बेचने का काम किया जा रहा है. जिसमें कई शराब कारोबारी और पीने वालों को गिरफ्तार किया गया है. इसे लेकर कोर्ट ने गुरुवार को पहली रिकवरी केस में सजा सुनाई है.

शराब जब्त मामले में दरभंगा कोर्ट का पहला फैसला
10 साल की सजा के साथ 1 लाख रुपये का आर्थिक दंड
लोक अभियोजक हरेराम साहू ने बताया कि इस मामले में 20 जनवरी 2019 को आरोप पत्र समर्पित किए गए थे. इसके बाद 23 दिन के बाद न्यायालय की ओर से आरोपी के खिलाफ आरोप गठन किया गया. इसके लिए 30 दिन के बाद स्पीडी ट्रायल के माध्यम से 11 गवाहों का बयान दर्ज हुआ. कोर्ट ने गवाहों की दलील सुनने के बाद 3 अक्टूबर 2019 को चंदन लाल देव को दोषी करार कर दिया. जिसमे दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अभियुक्त को 10 साल की सजा के साथ 1 लाख रुपये का आर्थिक दंड की सजा सुनाई गई है.

दरभंगा: प्रदेश में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद पहली बार दरभंगा कोर्ट ने शराब जब्त के मामले में फैसला दिया है. कोर्ट ने बहादुरपुर थाना क्षेत्र के बिउनी गांव के चंदन लाल देव को दोषी करार देते हुए 10 साल की सजा के साथ 1 लाख रुपये के आर्थिक दंड की सजा भी सुनाई है. उत्पाद अधिनियम के विशेष न्यायाधीश संजय अग्रवाल की अदालत ने बिहार मद्य निषेध अधिनियम और नए उत्पाद अधिनियम के तहत ये कार्रवाई की है.

शराब कारोबारी और पीने वालों की गिरफ्तारी
नीतीश कुमार ने 5 अप्रैल से पूरे प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी को लागू कर दिया है. इसके बाद भी शराब कारोबारी की ओर से अवैध तरीकों से शराब को दूसरे राज्यों से तस्करी कर यहां बेचने का काम किया जा रहा है. जिसमें कई शराब कारोबारी और पीने वालों को गिरफ्तार किया गया है. इसे लेकर कोर्ट ने गुरुवार को पहली रिकवरी केस में सजा सुनाई है.

शराब जब्त मामले में दरभंगा कोर्ट का पहला फैसला
10 साल की सजा के साथ 1 लाख रुपये का आर्थिक दंड
लोक अभियोजक हरेराम साहू ने बताया कि इस मामले में 20 जनवरी 2019 को आरोप पत्र समर्पित किए गए थे. इसके बाद 23 दिन के बाद न्यायालय की ओर से आरोपी के खिलाफ आरोप गठन किया गया. इसके लिए 30 दिन के बाद स्पीडी ट्रायल के माध्यम से 11 गवाहों का बयान दर्ज हुआ. कोर्ट ने गवाहों की दलील सुनने के बाद 3 अक्टूबर 2019 को चंदन लाल देव को दोषी करार कर दिया. जिसमे दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अभियुक्त को 10 साल की सजा के साथ 1 लाख रुपये का आर्थिक दंड की सजा सुनाई गई है.
Intro:बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद पहली बार दरभंगा कोर्ट ने शराब जप्ती के मामले में एक ऐतिहासिक फैसला आया है। जिसमें उत्पाद अधिनियम के विशेष न्यायाधीश संजय अग्रवाल की अदालत ने बिहार मद्य निषेध अधिनियम तथा नए उत्पाद अधिनियम के तहत बहादुरपुर थाना क्षेत्र के बिउनी गांव के चंदन लाल देव को दोषी करार देते हुए 10 वर्ष का कारावास के साथ ही एक लाख रुपया का आर्थिक दंड की सजा सुनाई है।


Body:दरअसल नीतीश कुमार के तीसरे शासन काल मे 5 अप्रैल से राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी को लागू कर दिया।जिसके बाद शराब कारोबारी के द्वारा विभिन्न तरीकों से शराब को दूसरे राज्यों से तस्कर करके लाकर यहां बेचने का काम किया जा रहा था। जिसमें काफी सारे शराब कारोबारी तथा पीने वाले को पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किया गया है। उसी कड़ी में आज पहला रिकवरी के केस में यह सजा सुनाई गई है। जिसमे चंदन लाल देव पर आरोप था कि दिनांक 1 नवंबर 18 को ट्रक संख्या HR 69 A 2223 से बहुत ही गोपनीय तरीके से शराब पटना से तहखाना बनाकर के ऊपर से लकड़ी लादकर करके 149 कार्टून शराब ला रहे थे। उसी क्रम में सिमरी थाना की पुलिस के द्वारा वाहन चेकिंग के दौरान पेट्रोल पंप के पास गाड़ी को इस अभियुक्त को शराब के साथ पकड़ा गया।


Conclusion:वही लोक अभियोजक हरेराम साहू ने बताया कि इस मामले में दिनांक 20 जनवरी 2019 को आरोप पत्र समर्पित किए गए थे। उसके 23 दिन के बाद न्यायालय के द्वारा उसके विरुद्ध आरोप गठन किया गया और 30 दिन के बाद स्पीडी ट्रायल के माध्यम से 11 गवाहों का बयान हुआ। जिसके बाद कोर्ट के द्वारा गवाहों की दलील सुनने के बाद 3 अक्टूबर 2019 को चंदन लाल देव को दोषी करार किया गया। वहीं उन्होंने बताया कि आज यानी गुरुवार को उसके सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए समय निर्धारित किया गया था, जिसमे दोनों पक्षों की दलील सुनने के पश्चात अभियुक्त को 10 वर्ष का कारावास के साथ ही एक लाख रुपये की आर्थिक दंड की सजा सुनाई गई है। वही आर्थिक दंड नहीं चुकाने पर एक वर्ष की सजा और बढ़ा दी जाएगी।

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हरेराम साहू, विशेष लोक अभियोजक
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