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दरभंगा: 6 सूत्री मांगों को लेकर वित्त रहित अनुदानित शिक्षक कर्मचारियोंं ने दिया धरना

धरना पर बैठे हरेंद्र कुमार मिश्रा ने कहा कि पिछले 30 सालों से भी अधिक समय से कार्यरत हैं. इसके बावजूद भी हमें सही ढंग से वेतन नहीं मिलता है. उन्होंने कहा कि राहत के रुप में मिलने वाला अनुदान भी पिछले 6 सालों से बकाया है. जिसके चलते शिक्षाकर्मियों के सामने भुखमरी की स्थिति आ गई है.

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वित्त रहित अनुदानित शिक्षक कर्मचारियोंं का धर
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Published : Jan 24, 2020, 6:34 AM IST

दरभंगा: बिहार राज्य वित्त रहित अनुदानित शिक्षक कर्मचारी संघर्ष मोर्चा के बैनर तले समाहरणालय में धरना स्थल पर एक दिवसीय धरना दिया. जिसमें दर्जनों की संख्या में पहुंचे शिक्षक और कर्मचारियों ने अपनी 6 सूत्री मांगों के समर्थन में सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. वहीं, धरना देने वालों का कहना है कि इन सारी समस्याओं को लेकर कई बार राज्य सरकार के समक्ष उठाया गया. लेकिन वर्तमान सरकार की शिक्षा नीति इस प्रकार प्रदूषित है कि समान काम के बदले समान वेतन का जो सिद्धांत है. उसका भी लाभ हमें नहीं मिल रहा है.

'शिक्षाकर्मियों के सामने भुखमरी की स्थिति'
धरना पर बैठे हरेंद्र कुमार मिश्रा ने कहा कि पिछले 30 सालों से भी अधिक समय से कार्यरत हैं. इसके बावजूद भी हमें सही ढंग से वेतन नहीं मिलता है. वहीं, कर्मचारी बिना वेतन के सेवानिवृत्त हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि राहत के रुप में मिलने वाला अनुदान भी पिछले 6 सालों से बकाया है. जिसके चलते शिक्षाकर्मियों के सामने भुखमरी की स्थिति आ गई है. दूसरी ओर बिना वेतन पाए ही बड़ी संख्या में शिक्षक कर्मी सेवानिवृत होते जा रहे हैं. साथ ही आर्थिक विफलता की वजह से वे असमय मौत के शिकार होते जा रहे हैं.

वित्त रहित अनुदानित शिक्षक कर्मचारियोंं का धर

6 सूत्री मांग

  • अनुदान के बदले वेतनमान
  • बकाया अनुदान का एक मुश्त भुगतान
  • संबद्धता समाप्त करने की साजिश पर रोक
  • मध्य विद्यालय के उपकरण पर रोक
  • कार्यरत सभी शिक्षकों और कर्मचारियों की सेवा स्थाई करने
  • सेवानिवृत की आयु 5 साल बढ़ाने और सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन और सुविधाएं प्रदान करना

दरभंगा: बिहार राज्य वित्त रहित अनुदानित शिक्षक कर्मचारी संघर्ष मोर्चा के बैनर तले समाहरणालय में धरना स्थल पर एक दिवसीय धरना दिया. जिसमें दर्जनों की संख्या में पहुंचे शिक्षक और कर्मचारियों ने अपनी 6 सूत्री मांगों के समर्थन में सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. वहीं, धरना देने वालों का कहना है कि इन सारी समस्याओं को लेकर कई बार राज्य सरकार के समक्ष उठाया गया. लेकिन वर्तमान सरकार की शिक्षा नीति इस प्रकार प्रदूषित है कि समान काम के बदले समान वेतन का जो सिद्धांत है. उसका भी लाभ हमें नहीं मिल रहा है.

'शिक्षाकर्मियों के सामने भुखमरी की स्थिति'
धरना पर बैठे हरेंद्र कुमार मिश्रा ने कहा कि पिछले 30 सालों से भी अधिक समय से कार्यरत हैं. इसके बावजूद भी हमें सही ढंग से वेतन नहीं मिलता है. वहीं, कर्मचारी बिना वेतन के सेवानिवृत्त हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि राहत के रुप में मिलने वाला अनुदान भी पिछले 6 सालों से बकाया है. जिसके चलते शिक्षाकर्मियों के सामने भुखमरी की स्थिति आ गई है. दूसरी ओर बिना वेतन पाए ही बड़ी संख्या में शिक्षक कर्मी सेवानिवृत होते जा रहे हैं. साथ ही आर्थिक विफलता की वजह से वे असमय मौत के शिकार होते जा रहे हैं.

वित्त रहित अनुदानित शिक्षक कर्मचारियोंं का धर

6 सूत्री मांग

  • अनुदान के बदले वेतनमान
  • बकाया अनुदान का एक मुश्त भुगतान
  • संबद्धता समाप्त करने की साजिश पर रोक
  • मध्य विद्यालय के उपकरण पर रोक
  • कार्यरत सभी शिक्षकों और कर्मचारियों की सेवा स्थाई करने
  • सेवानिवृत की आयु 5 साल बढ़ाने और सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन और सुविधाएं प्रदान करना
Intro:बिहार राज्य वित्त रहित अनुदानित शिक्षक कर्मचारी संघर्ष मोर्चा के बैनर तले समाहरणालय स्थित धरना स्थल पर एक दिवसीय धरना दिया गया। जिसमें दर्जनों की संख्या में पहुंचे शिक्षक और कर्मचारियों ने अपनी 6 सूत्री मांगों के समर्थन में सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपनी आवाज को बुलंद किया। वहीं धरनार्थियों का का कहना था कि इन सारी समस्याओं को लेकर कई बार राज्य सरकार के समक्ष उठाया गया। लेकिन वर्तमान सरकार की शिक्षा नीति इस प्रकार प्रदूषित है कि समान काम के बदले समान वेतन का जो सिद्धांत है। उसका भी लाभ हमलोगों को नहीं मिल रहा है।


Body:6 सूत्री मांग : -

1. अनुदान के बदले वेतनमान

२. बकाया अनुदान का एक मुश्त भुगतान

3. संबद्धता समाप्त करने की साजिश पर रोक

4. मध्य विद्यालय के उपकरण पर रोक

5. कार्यरत सभी शिक्षकों एवं कर्मचारियों का सेवा स्थाई करने

6. सेवानिवृत की आयु 5 वर्ष बढ़ाने एवं सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन एवं सुविधाएं प्रदान


Conclusion:सही ढंग से वेतन नही मिलने के कारण शिक्षाकर्मियों के समक्ष भुखमरी की स्थिति

वही धरना पर बैठे हरेंद्र कुमार मिश्रा ने कहा कि पिछले 30 वर्षों से भी अधिक समय से कार्यरत है। ना तो हमें सही ढंग से वेतन मिलता है ना ही हमलोगों की सेवा संपुष्टि सही ढंग से हो पाई है और कर्मचारी बिना वेतन के सेवानिवृत्त हो रहे हैं। राहत के रूप में मिलने वाला अनुदान भी पिछले 6 वर्षों से बकाया है। जिसके चलते शिक्षाकर्मियों के समक्ष भुखमरी की स्थिति है तथा दूसरी और बिना वेतन पाए ही बड़ी संख्या में शिक्षक कर्मी सेवानिवृत होते जा रहे हैं एवं आर्थिक विफलता के कारण असमय मौत के शिकार होते जा रहे हैं।

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हरेंद्र कुमार मिश्रा, धरनार्थी
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