दरभंगा: जिले में बागमती नदी की बाढ़ का कहर जारी है. शुक्रवार को केवटी प्रखंड के गोपालपुर गांव का सुरक्षा तटबंध टूट गया. इसकी वजह से बाढ़ का पानी कई गांवों में तेजी से फैल रहा है. गांवों की सड़कों और घरों में पानी घुस गया है. ग्रामीणों का आरोप है कि उन्होंने कई बार सीओ से इस बांध पर मंडरा रहे खतरे से अवगत कराया है.
लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. उन्होंने अपने स्तर से बांध को बचाने की बहुत कोशिश की लेकिन बांध आखिरकार टूट गया. ईटीवी भारत के संवाददाता विजय कुमार श्रीवास्तव ने गोपालपुर गांव पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया और लोगों से उनकी दिक्कतों को लेकर बात की.
धरने पर बैठे थे ग्रामीण
स्थानीय नवीन चौधरी ने बताया कि जैसे ही बाढ़ इस इलाके में दस्तक देती है, तो सबसे पहले गोपालपुर का ये बांध हर साल इसी जगह से टूटता है. उन्होंने कहा कि हर साल इस तरह की घटना होती है और प्रशासनिक उदासीनता से इसका कोई समाधान नहीं होता है. इसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है और वे लोग काफी देर तक यहां धरने पर बैठे थे. उन्होंने मांग की कि यहां प्रोटेक्शन वाल बना कर गांवों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए.
बांध पर बन रहा था दबाव
पंचायत समिति सदस्य सीताकांत झा ने कहा कि पिछले 2 दिनों से इस बांध पर दबाव बन रहा था. वे केवटी सीओ से बांध की सुरक्षा को लेकर लगातार बात कर रहे थे. उनसे बोरे में भरी मिट्टी की मांग कर रहे थे. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. उन लोगों ने अपने स्तर से बांध को बचाने की काफी कोशिश की लेकिन आखिरकार बांध टूट गया और पानी गांवों में घुस गया.
वहीं, स्थानीय सुजीत कुमार झा ने कहा कि बांध टूटने के 2-3 दिन पहले से गोपालपुर गांव में पानी फैल रहा था. कई घरों में पानी घुस चुका है. छोटे-छोटे बच्चे बाहर रह रहे हैं. लोग घर छोड़ कर पलायन कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासनिक अधिकारी केवल मुसीबत बढ़ने पर खानापूर्ति के लिए आते हैं.
प्रोटेक्शन वाल बनवाने की मांग
केवटी सीओ अजीत कुमार झा ने कहा कि बांध टूटने की सूचना मिलते ही वे यहां आए हैं. उनके साथ कार्यपालक अभियंता और उनकी टीम भी है. बांध को बांधने की कार्रवाई शुरू की जा रही है. उनकी कोशिश होगी कि नुकसान को कम से कम किया जा सके.
वहीं, जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता विवेकानंद ने कहा कि उनकी ग्रामीणों के साथ बैठक हुई है. ग्रामीणों ने यहां प्रोटेक्शन वाल बनवाने की मांग की है. बाढ़ खत्म होने के बाद विभागीय कमेटी की बैठक में इसे मंजूरी के लिए रखा जाएगा. तकनीकी जांच के बाद यहां सुरक्षा वाल बनवाने की कार्रवाई की जाएगी.