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दरभंगा: नेशनल पॉवर ग्रिड में घुसा बाढ़ का पानी, उत्तर बिहार के कई जिलों की बिजली आपूर्ति बाधित

इस ग्रिड के परिसर में 3 से 4 फीट पानी बह रहा है. साथ ही ग्रिड के भीतर भी तकरीबन 3 फीट तक पानी भर गया है. जिस वजह से ग्रिड से बिजली आपूर्ति रोक दी गई है. वहीं ग्रिड की मशीनें पानी में डूबकर खराब हो रही है. साथ ही ग्रिड में कार्यरत 50 से ज्यादा अधिकारी और कर्मचारी मुसीबत में फंसे हैं.

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Published : Jul 30, 2020, 9:35 PM IST

दरभंगा
दरभंगा

दरभंगा: बाढ़ ने उत्तर बिहार के कई जिलों पर एक नई मुसीबत खड़ी कर दी है. दरभंगा शहर के पास देकुली स्थित 'दरभंगा-मोतिहारी ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड' के ग्रिड (नेशनल पॉवर ग्रिड) में बाढ़ का पानी घुस गया है. यहां भूटान पनबिजली प्रोजेक्ट से एक हजार मेगावाट बिजली आती है. जिससे उत्तर बिहार के दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी और गोपालगंज समेत करीब 12 जिलों में बिजली की आपूर्ति की जाती है. वहीं बाढ़ की वजह से इन जिलों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है.

इस ग्रिड के परिसर में 3 से 4 फीट पानी बह रहा है. साथ ही ग्रिड के भीतर भी तकरीबन 3 फीट तक पानी भर गया है. जिस वजह से ग्रिड से बिजली आपूर्ति रोक दी गई है. वहीं ग्रिड की मशीनें पानी में डूबकर खराब हो रही हैं. बता दें कि इस ग्रिड का उद्घाटन वर्ष 2017 में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था. साथ ही ग्रिड में कार्यरत 50 से ज्यादा अधिकारी और कर्मचारी मुसीबत में फंसे हैं. बाढ़ की वजह से करोड़ों के नुकसान की आशंका है. जानकारी के अनुसार अगर ये पानी 3 दिन के भीतर निकल जाता है, तो 3 महीने में ग्रिड दोबारा शुरू हो जाएगा. लेकिन अगर पानी ज्यादा दिन परिसर में रहा तो इसे शुरू होने में 6 महीने भी लग सकते हैं.

दरभंगा
नेशनल पॉवर ग्रिड में घुसा बाढ़ का पानी

बिजली आपूर्ति में लगेगा काफी लंबा समय
ग्रिड का जायजा लेने पहुंचे ईटीवी भारत संवाददाता से सब स्टेशन इंचार्ज निशांत कुमार ने बताया कि ग्रिड में बाढ़ का पानी घुस गया है. इसकी वजह से ग्रिड से बिजली आपूर्ति पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को भी इसकी सूचना दे दी गई है. ग्रिड की मशीनें पूरी तरह डूबी हुई हैं. अगर पानी जल्दी निकल गया तो एक-दो महीने में इस ग्रिड से आपूर्ति शुरू हो जाएगी. लेकिन ज्यादा दिनों तक यहां पानी रोका गया तो बिजली आपूर्ति में काफी लंबा समय लगेगा.

दरभंगा
पॉवर ग्रिड परिसर में पसरा बाढ़ का पानी

'बिहार के लिए बहुत महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट'
निशांत कुमार ने आगे बताया कि एक हजार मेगावाट की क्षमता वाला ये ग्रिड राष्ट्रीय स्तर का है. यहां भूटान पनबिजली परियोजना से बिजली आती है. जिससे उत्तर बिहार के दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर और मुजफ्फरपुर में सीधे बिजली की आपूर्ति होती है. इसके अलावा यहां की बिजली दूसरे ग्रिड के माध्यम से उत्तर बिहार के मोतिहारी और गोपालगंज समेत कई जिलों को भी बिजली आपूर्ति की जाती है. उन्होंने कहा कि ये बहुत महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है. जो चार चरणों मे पूरा होगा. इसके पूरा हो जाने पर बिहार की 30 से 40 फीसदी बिजली दरभंगा के इस ग्रिड से होकर आपूर्ति की जाएगी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'जेनेरेटर चलाकर कर रहे अपना काम'
सीनियर एग्जीक्यूटिव राकेश सिंह ने कहा कि ग्रिड में बाढ़ का पानी आने से जिन जिलों की बिजली आपूर्ति बाधित हुई है. वहां काफी बिजली कटौती हो रही है. दूसरे माध्यमों से थोड़ी आपूर्ति हो रही है. जिससे उनकी बुनियादी आवश्यकताएं पूरी की जा रही हैं. वहीं उप प्रबंधक कुमार मनीष ने कहा कि यहां रहने में अधिकारियों-कर्मियों को काफी दिक्कत हो रही है. करीब आधा किमी दूर से पैदल आना पड़ता है. साथ ही हमें सांप-बिच्छू का डर रहता है. उन्होंने बताया कि इस ग्रिड में 52 से 54 लोग काम करते हैं. जो बहुत परेशान हैं. हम लोग जेनेरेटर चलाकर अपना काम कर रहे हैं.

दरभंगा
नेशनल पॉवर ग्रिड परिसर में बाढ़ का पानी

बमुश्किल हो रहा खान-पान

  • सीनियर इंजीनियर परशुराम कुमार ने कहा कि हम लोगों ने जिला प्रशासन से मदद मांगी है. सभी अधिकारी और कर्मचारी ऊपरी तल पर बने कंट्रोल रूम में किसी तरह शरण लिए हुए हैं. ऐसे में यहां हम लोगों का बमुश्किल खाना-पीना हो रहा है. हम लोग 24 घंटे रहकर यहां संपत्ति की रखवाली कर रहे हैं.

दरभंगा: बाढ़ ने उत्तर बिहार के कई जिलों पर एक नई मुसीबत खड़ी कर दी है. दरभंगा शहर के पास देकुली स्थित 'दरभंगा-मोतिहारी ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड' के ग्रिड (नेशनल पॉवर ग्रिड) में बाढ़ का पानी घुस गया है. यहां भूटान पनबिजली प्रोजेक्ट से एक हजार मेगावाट बिजली आती है. जिससे उत्तर बिहार के दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी और गोपालगंज समेत करीब 12 जिलों में बिजली की आपूर्ति की जाती है. वहीं बाढ़ की वजह से इन जिलों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है.

इस ग्रिड के परिसर में 3 से 4 फीट पानी बह रहा है. साथ ही ग्रिड के भीतर भी तकरीबन 3 फीट तक पानी भर गया है. जिस वजह से ग्रिड से बिजली आपूर्ति रोक दी गई है. वहीं ग्रिड की मशीनें पानी में डूबकर खराब हो रही हैं. बता दें कि इस ग्रिड का उद्घाटन वर्ष 2017 में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था. साथ ही ग्रिड में कार्यरत 50 से ज्यादा अधिकारी और कर्मचारी मुसीबत में फंसे हैं. बाढ़ की वजह से करोड़ों के नुकसान की आशंका है. जानकारी के अनुसार अगर ये पानी 3 दिन के भीतर निकल जाता है, तो 3 महीने में ग्रिड दोबारा शुरू हो जाएगा. लेकिन अगर पानी ज्यादा दिन परिसर में रहा तो इसे शुरू होने में 6 महीने भी लग सकते हैं.

दरभंगा
नेशनल पॉवर ग्रिड में घुसा बाढ़ का पानी

बिजली आपूर्ति में लगेगा काफी लंबा समय
ग्रिड का जायजा लेने पहुंचे ईटीवी भारत संवाददाता से सब स्टेशन इंचार्ज निशांत कुमार ने बताया कि ग्रिड में बाढ़ का पानी घुस गया है. इसकी वजह से ग्रिड से बिजली आपूर्ति पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को भी इसकी सूचना दे दी गई है. ग्रिड की मशीनें पूरी तरह डूबी हुई हैं. अगर पानी जल्दी निकल गया तो एक-दो महीने में इस ग्रिड से आपूर्ति शुरू हो जाएगी. लेकिन ज्यादा दिनों तक यहां पानी रोका गया तो बिजली आपूर्ति में काफी लंबा समय लगेगा.

दरभंगा
पॉवर ग्रिड परिसर में पसरा बाढ़ का पानी

'बिहार के लिए बहुत महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट'
निशांत कुमार ने आगे बताया कि एक हजार मेगावाट की क्षमता वाला ये ग्रिड राष्ट्रीय स्तर का है. यहां भूटान पनबिजली परियोजना से बिजली आती है. जिससे उत्तर बिहार के दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर और मुजफ्फरपुर में सीधे बिजली की आपूर्ति होती है. इसके अलावा यहां की बिजली दूसरे ग्रिड के माध्यम से उत्तर बिहार के मोतिहारी और गोपालगंज समेत कई जिलों को भी बिजली आपूर्ति की जाती है. उन्होंने कहा कि ये बहुत महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है. जो चार चरणों मे पूरा होगा. इसके पूरा हो जाने पर बिहार की 30 से 40 फीसदी बिजली दरभंगा के इस ग्रिड से होकर आपूर्ति की जाएगी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'जेनेरेटर चलाकर कर रहे अपना काम'
सीनियर एग्जीक्यूटिव राकेश सिंह ने कहा कि ग्रिड में बाढ़ का पानी आने से जिन जिलों की बिजली आपूर्ति बाधित हुई है. वहां काफी बिजली कटौती हो रही है. दूसरे माध्यमों से थोड़ी आपूर्ति हो रही है. जिससे उनकी बुनियादी आवश्यकताएं पूरी की जा रही हैं. वहीं उप प्रबंधक कुमार मनीष ने कहा कि यहां रहने में अधिकारियों-कर्मियों को काफी दिक्कत हो रही है. करीब आधा किमी दूर से पैदल आना पड़ता है. साथ ही हमें सांप-बिच्छू का डर रहता है. उन्होंने बताया कि इस ग्रिड में 52 से 54 लोग काम करते हैं. जो बहुत परेशान हैं. हम लोग जेनेरेटर चलाकर अपना काम कर रहे हैं.

दरभंगा
नेशनल पॉवर ग्रिड परिसर में बाढ़ का पानी

बमुश्किल हो रहा खान-पान

  • सीनियर इंजीनियर परशुराम कुमार ने कहा कि हम लोगों ने जिला प्रशासन से मदद मांगी है. सभी अधिकारी और कर्मचारी ऊपरी तल पर बने कंट्रोल रूम में किसी तरह शरण लिए हुए हैं. ऐसे में यहां हम लोगों का बमुश्किल खाना-पीना हो रहा है. हम लोग 24 घंटे रहकर यहां संपत्ति की रखवाली कर रहे हैं.
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