ETV Bharat / state

इन किसानों के हौसले को सलाम, बाढ़ बहा ले गई पूरी फसल, लेकिन नहीं छोड़ी उम्मीद - फसल क्षति का मुआवजा

बाढ़ आम लोगों से लेकर अन्नदाताओं के ऊपर कहर बनकर टूटा है. जहां लोगों के घर छिन गए, वहीं किसानों की फसल को भारी नुकसान हुआ है.

darbhanga
darbhanga
author img

By

Published : Aug 20, 2020, 2:57 PM IST

दरभंगाः बिहार में आई भीषण बाढ़ ने सबसे ज्यादा कहर दरभंगा जिले में ढाया है. जिले को 18 में से 15 प्रखंडों की 20 लाख से अधिक आबादी इससे प्रभावित हुई है. बाढ़ से लोगों के घर डूब गए, वे सड़क पर आ गए. वहीं, किसानों को इससे सबसे ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ रही है. साथ ही इनके भविष्य का निवाला भी छिन गया.

धान की रोपनी
सदर प्रखंड के गढ़िया गांव में करीब 80 बीघा में धान की रोपनी हुई थी. बाढ़ के बाद पूरे गांव को मिलाकर मुश्किल से एक बीघा की फसल बच पाई है. लेकिन, किसानों का हौसला कम नहीं हुआ. अब बाढ़ का पानी निकल रहा है तो कई किसान दोबारा कर्ज लेकर महंगा बिचड़ा खरीद कर फिर से धान की रोपनी कर रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

सब कुछ गंवाने का खतरा
किसानों को पता है कि ये एक तरह का जुआ है, जिसमें दोबारा सब कुछ गंवाने का खतरा है, लेकिन वे अपना धर्म खेती नहीं छोड़ेंगे. ईटीवी भारत संवाददाता विजय कुमार श्रीवास्तव ने सदर प्रखंड के गढ़िया गांव में जाकर स्थिति का जायजा लिया और वहां के किसानों से बात की, जो दोबारा धान की रोपनी कर रहे हैं.

darbhanga
धान की रोपनी करता किसान

सरकार से मदद की उम्मीद
किसान महेंद्र यादव ने कहा कि बाढ़ से उनकी धान की फसल डूब कर बर्बाद हो गई है. अब फिर से वे कर्ज लेकर दोबारा समस्तीपुर जिले से 5 हजार रुपये का बिचड़ा खरीद कर लाए हैं और धान की रोपनी कर रहे हैं. किसान लालबाबू यादव ने कहा कि अब फसल होगी या नहीं होगी, ये कोई नहीं जानता है. फिर भी उम्मीद पर रोपनी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार से उम्मीद रहती है, लेकिन ये जरूरी नहीं कि सरकार मदद करेगी.

darbhanga
धान की रोपनी

'नहीं मिला फसल क्षति का मुआवजा'
लालबाबू यादव ने बताया कि इसके पहले बाढ़ हो या सूखा, आज तक कभी उन्हें फसल क्षति का मुआवजा नहीं मिला है. सरकार ने हाल ही में बाढ़ राहत की मदद के तौर पर 6 हजार की राशि जरूर दी है. वहीं, किसान पूरन यादव ने कहा कि महंगा बिचड़ा खरीद कर दोबारा धान की रोपनी कर रहे हैं. भगवान देंगे या नहीं देंगे, ये नहीं पता है लेकिन अपना कर्म खेती है जो वे कर रहे हैं.

darbhanga
धान का बिचड़ा

अन्नदाताओं को नुकसान
बता दें कि बिहार के 14 जिले बाढ़ की तबाही झेल रहे हैं. बाढ़ से सबसे ज्यादा नुकसान अन्नदाताओं को हुआ है. ऐसे में वे सरकार से मदद की आस में नजरें टिकाए हैं. अब देखना होगा कि किसानों को सरकारी सहायता मिलती है या नहीं.

darbhanga
बर्बाद हुई फसल

दरभंगाः बिहार में आई भीषण बाढ़ ने सबसे ज्यादा कहर दरभंगा जिले में ढाया है. जिले को 18 में से 15 प्रखंडों की 20 लाख से अधिक आबादी इससे प्रभावित हुई है. बाढ़ से लोगों के घर डूब गए, वे सड़क पर आ गए. वहीं, किसानों को इससे सबसे ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ रही है. साथ ही इनके भविष्य का निवाला भी छिन गया.

धान की रोपनी
सदर प्रखंड के गढ़िया गांव में करीब 80 बीघा में धान की रोपनी हुई थी. बाढ़ के बाद पूरे गांव को मिलाकर मुश्किल से एक बीघा की फसल बच पाई है. लेकिन, किसानों का हौसला कम नहीं हुआ. अब बाढ़ का पानी निकल रहा है तो कई किसान दोबारा कर्ज लेकर महंगा बिचड़ा खरीद कर फिर से धान की रोपनी कर रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

सब कुछ गंवाने का खतरा
किसानों को पता है कि ये एक तरह का जुआ है, जिसमें दोबारा सब कुछ गंवाने का खतरा है, लेकिन वे अपना धर्म खेती नहीं छोड़ेंगे. ईटीवी भारत संवाददाता विजय कुमार श्रीवास्तव ने सदर प्रखंड के गढ़िया गांव में जाकर स्थिति का जायजा लिया और वहां के किसानों से बात की, जो दोबारा धान की रोपनी कर रहे हैं.

darbhanga
धान की रोपनी करता किसान

सरकार से मदद की उम्मीद
किसान महेंद्र यादव ने कहा कि बाढ़ से उनकी धान की फसल डूब कर बर्बाद हो गई है. अब फिर से वे कर्ज लेकर दोबारा समस्तीपुर जिले से 5 हजार रुपये का बिचड़ा खरीद कर लाए हैं और धान की रोपनी कर रहे हैं. किसान लालबाबू यादव ने कहा कि अब फसल होगी या नहीं होगी, ये कोई नहीं जानता है. फिर भी उम्मीद पर रोपनी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार से उम्मीद रहती है, लेकिन ये जरूरी नहीं कि सरकार मदद करेगी.

darbhanga
धान की रोपनी

'नहीं मिला फसल क्षति का मुआवजा'
लालबाबू यादव ने बताया कि इसके पहले बाढ़ हो या सूखा, आज तक कभी उन्हें फसल क्षति का मुआवजा नहीं मिला है. सरकार ने हाल ही में बाढ़ राहत की मदद के तौर पर 6 हजार की राशि जरूर दी है. वहीं, किसान पूरन यादव ने कहा कि महंगा बिचड़ा खरीद कर दोबारा धान की रोपनी कर रहे हैं. भगवान देंगे या नहीं देंगे, ये नहीं पता है लेकिन अपना कर्म खेती है जो वे कर रहे हैं.

darbhanga
धान का बिचड़ा

अन्नदाताओं को नुकसान
बता दें कि बिहार के 14 जिले बाढ़ की तबाही झेल रहे हैं. बाढ़ से सबसे ज्यादा नुकसान अन्नदाताओं को हुआ है. ऐसे में वे सरकार से मदद की आस में नजरें टिकाए हैं. अब देखना होगा कि किसानों को सरकारी सहायता मिलती है या नहीं.

darbhanga
बर्बाद हुई फसल
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.