ETV Bharat / state

कृषि कानूनों के खिलाफ किसान काउंसिल ने किया किसान महापंचायत का आयोजन

author img

By

Published : Mar 24, 2021, 7:07 PM IST

दरभंगा में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया. जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए और सभी ने कृषि कानून को लेकर मोदी सरकार पर आरोपों की झड़ी लगा दी.

किसान महापंचायत
किसान महापंचायत

दरभंगा: जिला किसान काउंसिल की ओर से पोलो मैदान में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया. जिसमें सैकड़ों की संख्या में किसान मजदूर महिलाएं छात्र नौजवान शामिल हुए. महापंचायत में मुख्य अतिथि के रूप में किसान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अशोक ढवले, किसान सभा के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव नंदकिशोर शुक्ला, बिहार राज्य किसान काउंसिल राज्य अध्यक्ष ललन चौधरी शामिल हुए.

महापंचायत को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अशोक ढवले ने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों से लाखों किसान दिल्ली को घेरे हुए हैं. आंदोलनकारियों पर अत्याचार किया गया. इसके बावजूद किसान आंदोलनरत हैं. आंदोलन को खालिस्तानी, माओवादी, नक्सलवादी के नाम पर बदनाम करने की सरकार की साजिश नाकाम हुई. भाजपा के सांसद ने आंदोलन के पीछे चीन पाकिस्तान का हाथ बताया जो काफी निंदनीय है.

…मोदी सरकार का अंत तय
उन्होंने कहा कि कहा कि इन तमाम साजिशों को नकारते हुए किसान तीनों कृषि कानून वापस लेने के लिए सरकार को मजबूर कर रही है. किसान आंदोलन के जीत के साथ मोदी सरकार का अंत भी तय है. केंद्र सरकार 5 जून 2020 को कोरोना के आड़ में तीनों अध्यादेश लाकर सितंबर में धोखे से तीनों कानूनों को पास कर दिया. किसान मजदूर देश की संपत्ति का निर्माण करती है और यह सरकार विभिन्न कानून लाकर उसे गुलाम बनाना चाहती है.

प्रवासी मजदूर दर दर की खा रहे ठोकर
अशोक ढवले ने कहा कि इन कानूनों की आड़ में 80 करोड़ लोगों के राशन प्रणाली को सरकार खत्म करना चाहती है. अंबानी फसलों का दाम तय करेंगे. इससे आम जनता तबाह हो जाएगा. मुफ्त में गैस देने के नाम पर हजार रुपए का आज सिलेंडर मिल रहा है. 7 साल में कच्चा तेल का दाम आधा हो गया. लेकिन सरकार टैक्स बढ़ाकर 4 गुना अधिक दाम वसूल रहा है. कोरोना के वक्त एक तरफ प्रवासी मजदूर दर-दर की ठोकरें खाकर मर रहे थे. दूसरी तरफ अंबानी की संपत्ति कई गुना बढ़ गई.

सरकार किसानों को गुलाम बनाना चाहती है
राष्ट्रीय संयुक्त सचिव नंदकिशोर शुक्ला ने कहा कि जल जीवन हरियाली योजना के नाम पर गरीब भूमिहीनों को उजाड़ना शर्मनाक है. MSP को खत्म कर नीतीश सरकार ने पैक्स को लाया. लेकिन इससे सरकारी मूल्य पर फसल की खरीदारी नहीं होती है. सरकार किसानों को कॉर्पोरेट के हाथों गुलाम बनाना चाहती है. यह लड़ाई जमीन बचाने की है.

दरभंगा: जिला किसान काउंसिल की ओर से पोलो मैदान में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया. जिसमें सैकड़ों की संख्या में किसान मजदूर महिलाएं छात्र नौजवान शामिल हुए. महापंचायत में मुख्य अतिथि के रूप में किसान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अशोक ढवले, किसान सभा के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव नंदकिशोर शुक्ला, बिहार राज्य किसान काउंसिल राज्य अध्यक्ष ललन चौधरी शामिल हुए.

महापंचायत को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अशोक ढवले ने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों से लाखों किसान दिल्ली को घेरे हुए हैं. आंदोलनकारियों पर अत्याचार किया गया. इसके बावजूद किसान आंदोलनरत हैं. आंदोलन को खालिस्तानी, माओवादी, नक्सलवादी के नाम पर बदनाम करने की सरकार की साजिश नाकाम हुई. भाजपा के सांसद ने आंदोलन के पीछे चीन पाकिस्तान का हाथ बताया जो काफी निंदनीय है.

…मोदी सरकार का अंत तय
उन्होंने कहा कि कहा कि इन तमाम साजिशों को नकारते हुए किसान तीनों कृषि कानून वापस लेने के लिए सरकार को मजबूर कर रही है. किसान आंदोलन के जीत के साथ मोदी सरकार का अंत भी तय है. केंद्र सरकार 5 जून 2020 को कोरोना के आड़ में तीनों अध्यादेश लाकर सितंबर में धोखे से तीनों कानूनों को पास कर दिया. किसान मजदूर देश की संपत्ति का निर्माण करती है और यह सरकार विभिन्न कानून लाकर उसे गुलाम बनाना चाहती है.

प्रवासी मजदूर दर दर की खा रहे ठोकर
अशोक ढवले ने कहा कि इन कानूनों की आड़ में 80 करोड़ लोगों के राशन प्रणाली को सरकार खत्म करना चाहती है. अंबानी फसलों का दाम तय करेंगे. इससे आम जनता तबाह हो जाएगा. मुफ्त में गैस देने के नाम पर हजार रुपए का आज सिलेंडर मिल रहा है. 7 साल में कच्चा तेल का दाम आधा हो गया. लेकिन सरकार टैक्स बढ़ाकर 4 गुना अधिक दाम वसूल रहा है. कोरोना के वक्त एक तरफ प्रवासी मजदूर दर-दर की ठोकरें खाकर मर रहे थे. दूसरी तरफ अंबानी की संपत्ति कई गुना बढ़ गई.

सरकार किसानों को गुलाम बनाना चाहती है
राष्ट्रीय संयुक्त सचिव नंदकिशोर शुक्ला ने कहा कि जल जीवन हरियाली योजना के नाम पर गरीब भूमिहीनों को उजाड़ना शर्मनाक है. MSP को खत्म कर नीतीश सरकार ने पैक्स को लाया. लेकिन इससे सरकारी मूल्य पर फसल की खरीदारी नहीं होती है. सरकार किसानों को कॉर्पोरेट के हाथों गुलाम बनाना चाहती है. यह लड़ाई जमीन बचाने की है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.