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सावधान! 'मोदी VS केजरीवाल' जैसे गेम्स ऐसे कर रहे हैं प्रमोशन, हो रही करोड़ों की कमाई

चुनावी मौसम चल रहा है. ऐसे में चारों ओर सिर्फ चुनाव की बात हो रही है. वहीं, मोबाइल का कोई भी कोना चुनावी रणभेरी से अछूता नहीं है.

मोदी गेम
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Published : Apr 22, 2019, 5:25 PM IST

दरभंगा: लोकसभा चुनाव की चर्चा हर ओर हो रही है. वहीं, डिजीटल माध्यम से भी चुनावी चर्चा का माहौल गरम है. अगर हम बात करें हर हाथ रहने वाले मोबाइल फोन की, तो इस बार का लोकसभा चुनाव डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी बड़े पैमाने पर लड़ा जा रहा है. पॉलिटिकल पार्टियां और सर्वे एजेंसीज युवा मतदाताओं का मूड भांपने के कई तरीके अपना रही हैं. दूसरी तरफ आईटी कंपनियां चुनाव से मोटी कमाई कर रही हैं. इन्हीं तरीकों में से एक है चुनावी मोबाइल गेम.

चुनावी गेम्स का जादू दरभंगा के युवाओं के सिर चढ़कर बोल रहा है. इन गेम्स को मोदी, राहुल, केजरीवाल समेत कई बड़े नेताओं को केंद्र में रखकर डिजाइन किया गया है. शहर के युवा प्रत्युष कुमार झा ने बताया कि इन दिनों चुनावी मोबाइल गेम का खूब ट्रेंड चल रहा है. वे अपने दोस्तों के बीच बैठ कर ऐसे गेम का मजा लेते हैं. वहीं, उदय चटर्जी ने बताया कि वे मोदी रन गेम खेल रहे हैं. इसमें कमल कलेक्ट करना है. आ रही बाधाओं को पार करने के बाद मोदी विन्स पटना या मोदी विन्स रांची जैसे मैसेज आते हैं, तो उन्हें बहुत मजा आता है.

मोबाइल गेम्स के बारे में बताते युवा और आईटी एक्सपर्ट

मोदी वर्सेज केजरीवाल
वहीं अब्दुल कादिर खान ने बताया कि वे मोदी वर्सेज केजरी गेम खेल रहे हैं. इसमें वे झाड़ू कलेक्ट कर रहे हैं और कमल से बच रहे हैं. इसमें उन्हें बहुत मजा आ रहा है. इस बारे में हमने आईटी एक्सपर्ट अभिनव सिन्हा से बात की. उन्होंने बताया कि युवाओं में चुनावी मोबाइल गेम्स के क्रेज का कई तरह से फायदा उठाया जा रहा है. सबसे पहले तो इससे पॉलिटिकल पार्टियां अपने नेताओं को बड़ी चालाकी से युवाओं के बीच प्रमोट कर रही हैं.

election-and-political-games-can-know-your-opinion-and-data
कुछ यूं डिसप्ले होता है गेम

अभिनव ने बताया कि पार्टियां इसके माध्यम से युवाओं की पसंद नापसंद का डेटा इकट्ठा कर रही हैं. दूसरी तरफ एप डेवलपर्स इसके माध्यम से मोटी कमाई कर रहे हैं. वे इन गेम्स के माध्यम से दूसरे प्रोडक्ट्स को भी प्रमोट कर रहे हैं. युवाओं को इस तरह के गेम्स से बचना चाहिए.

दरभंगा: लोकसभा चुनाव की चर्चा हर ओर हो रही है. वहीं, डिजीटल माध्यम से भी चुनावी चर्चा का माहौल गरम है. अगर हम बात करें हर हाथ रहने वाले मोबाइल फोन की, तो इस बार का लोकसभा चुनाव डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी बड़े पैमाने पर लड़ा जा रहा है. पॉलिटिकल पार्टियां और सर्वे एजेंसीज युवा मतदाताओं का मूड भांपने के कई तरीके अपना रही हैं. दूसरी तरफ आईटी कंपनियां चुनाव से मोटी कमाई कर रही हैं. इन्हीं तरीकों में से एक है चुनावी मोबाइल गेम.

चुनावी गेम्स का जादू दरभंगा के युवाओं के सिर चढ़कर बोल रहा है. इन गेम्स को मोदी, राहुल, केजरीवाल समेत कई बड़े नेताओं को केंद्र में रखकर डिजाइन किया गया है. शहर के युवा प्रत्युष कुमार झा ने बताया कि इन दिनों चुनावी मोबाइल गेम का खूब ट्रेंड चल रहा है. वे अपने दोस्तों के बीच बैठ कर ऐसे गेम का मजा लेते हैं. वहीं, उदय चटर्जी ने बताया कि वे मोदी रन गेम खेल रहे हैं. इसमें कमल कलेक्ट करना है. आ रही बाधाओं को पार करने के बाद मोदी विन्स पटना या मोदी विन्स रांची जैसे मैसेज आते हैं, तो उन्हें बहुत मजा आता है.

मोबाइल गेम्स के बारे में बताते युवा और आईटी एक्सपर्ट

मोदी वर्सेज केजरीवाल
वहीं अब्दुल कादिर खान ने बताया कि वे मोदी वर्सेज केजरी गेम खेल रहे हैं. इसमें वे झाड़ू कलेक्ट कर रहे हैं और कमल से बच रहे हैं. इसमें उन्हें बहुत मजा आ रहा है. इस बारे में हमने आईटी एक्सपर्ट अभिनव सिन्हा से बात की. उन्होंने बताया कि युवाओं में चुनावी मोबाइल गेम्स के क्रेज का कई तरह से फायदा उठाया जा रहा है. सबसे पहले तो इससे पॉलिटिकल पार्टियां अपने नेताओं को बड़ी चालाकी से युवाओं के बीच प्रमोट कर रही हैं.

election-and-political-games-can-know-your-opinion-and-data
कुछ यूं डिसप्ले होता है गेम

अभिनव ने बताया कि पार्टियां इसके माध्यम से युवाओं की पसंद नापसंद का डेटा इकट्ठा कर रही हैं. दूसरी तरफ एप डेवलपर्स इसके माध्यम से मोटी कमाई कर रहे हैं. वे इन गेम्स के माध्यम से दूसरे प्रोडक्ट्स को भी प्रमोट कर रहे हैं. युवाओं को इस तरह के गेम्स से बचना चाहिए.

Intro:दरभंगा। इस बार का लोकसभा चुनाव डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी बड़े पैमाने पर लड़ा जा रहा है। पॉलिटिकल पार्टियां और सर्वे एजेंसीज युवा मतदाताओं का मूड भांपने के कई तरीके अपना रही हैं। दूसरी तरफ आईटी कंपनियां चुनाव से मोटी कमाई कर रही हैं। इन्हीं तरीकों में से एक है चुनावी मोबाइल गेम। इन गेम्स का जादू दरभंगा के युवाओं के सिर चढ़कर बोल रहा है। इन गेम्स को मोदी, राहुल, केजरीवाल समेत कई बड़े नेताओं को केंद्र में रखकर डिज़ाइन किया गया है।


Body:शहर के युवा प्रत्यूष कुमार झा ने बताया कि इन दिनों चुनावी मोबाइल गेम का खूब ट्रेंड चल रहा है। वे अपने दोस्तों के बीच बैठ कर ऐसे गेम का मज़ा लेते हैं। वहीं उदय चटर्जी ने बताया कि वे मोदी रन गेम खेल रहे हैं। इसमें कमल कलेक्ट करना है। इसमें बाधाओं को पार करने के बाद मोदी वन्स पटना या मोदी वन्स रांची जैसे मैसेज आते हैं तो उन्हें बहुत मज़ा आता है। वहीं अब्दुल कादिर खान ने बताया कि वे मोदी वर्सेज केजरी गेम खेल रहे हैं। इसमें वे झाड़ू कलेक्ट कर रहे हैं और कमल से बच रहे हैं। इसमें उन्हें बहुत मज़ा आ रहा है।


Conclusion:इस बारे में हमने आईटी एक्सपर्ट अभिनव सिन्हा से बात की तो उन्होंने बताया कि युवाओं में चुनावी मोबाइल गेम्स के क्रेज का कई तरह से फायदा उठाया जा रहा है। सबसे पहले तो इससे पॉलिटिकल पार्टियां अपने नेताओं को बड़ी चालाकी से युवाओं में प्रमोट कर रही हैं। पार्टियां इसके माध्यम से युवाओं की पसंद नापसंद का डेटा इकट्ठा कर रही हैं। दूसरी तरफ एप्प डेवलपर्स इसके माध्यम से मोटी कमाई कर रहे हैं। वे इन गेम्स के माध्यम से दूसरे प्रोडक्ट्स को भी प्रमोट कर रहे हैं।


बाइट 1- प्रत्यूष कुमार झा, स्थानीय युवा
बाइट 2- उदय चटर्जी, स्थानीय युवा
बाइट 3- अब्दुल कादिर, स्थानीय युवा
बाइट 4- अभिनव सिन्हा, आईटी एक्सपर्ट


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विजय कुमार श्रीवास्तव
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