दरभंगा : सरकार ग्रामीण इलाकों के सड़कों को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए हर साल के बजट में करोड़ों रुपया देती है. ताकि ग्रामीण इलाकों का भी चौमुखी विकास हो सके. सरकार की इस योजना से ग्रामीण इलाकों के लोगों को लाभ भी मिल रहा है. लेकिन उचित देखभाल के अभाव में कटासा पंचायत के पैगंबरपुर तक जाने वाली प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़क पर बना आरसीसी पुल वर्ष 2019 की बाढ़ में धराशायी हो गया. जिसके कारण सिंहवाड़ा नगर पंचायत के दर्जन भर गांव के लोग चचरी के सहारे इसे पार करने को मजबूर हैं.
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चचरी पुल के भरोसे जिंदगी : ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से चचरी पुल का निर्माण किया है. आरसीसी पुल के ऊपर बांस की चचरी बनाकर आने जाने के लिए रास्ता बनाया है. उसी रास्ते से बड़े, बच्चे, बूढ़े और कामगार आते जाते हैं. यहां हमेशा हादसे का अंदेशा बना रहता है. दरअसल, सिंहवाड़ा नगर पंचायत का एक इलाका सरकारी उदासीनता के कारण चचरी युग में फंसकर रह गया है. नगर पंचायत सहित आसपास के दर्जन भर गांव के लोग समेत सीमावर्ती क्षेत्र मुजफ्फरपुर जिला के कटरा प्रखंड के लोग, नगर पंचायत सिंहवाड़ा में बने इस चचरी पुल के सहारे ही गुजरते हैं.
2019 से चचरी पुल के सहारे हैं दर्जनों गांव : ठकनिया बांसवाड़ी होते हुए कटासा पंचायत के पैगंबरपुर तक जाने वाली पीएमजीएसवाई सड़क पर बना आरसीसी पुल वर्ष 2019 की बाढ़ में धराशायी हो गया. इस पथ पर आवागमन बहाल रखने के लिए चार वर्षों से लोग चचरी पुल बनाकर काम चला रहे हैं. नगर पंचायत सिंहवाड़ा के मुख्य पार्षद प्रेम कुमार भगत व जिला पार्षद सदस्य ओम प्रकाश ठाकुर ने बताया कि लोगों की परेशानी को देखते हुए इस वर्ष निजी कोष एवं लोगों के सहयोग, श्रमदान से चचरी पुल का निर्माण कराया गया है.
4 महीने संकट झेलता है इलाका : जब बागमती नदी के जलस्तर में वृद्धि होती है तो ऐसी स्थिति में चचरी पुल के सहारे ही लोग चार महीने तक जीवन चलते हैं. इस जगह से लगभग सौ मीटर की दूरी पर सिंहवाड़ा सीएचसी होने के बावजूद वहां तक मरीज को पहुंचाने के लिए चार किलोमीटर घूमकर पैगम्बरपुर, कटाशा पुल पारकर सिंहवाड़ा, लालपुर होते हुए सिंहवाड़ा अस्पताल पहुंचाना पड़ता है.