दरभंगाः जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन की अध्यक्षता में गर्भवती महिलाओं की सुविधा के लिए बनाए गये वंडर ऐप की प्रगति को लेकर बैठक की गई. समीक्षा के दौरान आधा दर्जन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का प्रदर्शन अत्यंत ही खराब पाया गया. जिस पर नाराजगी जताते हुए डीएम ने फटकार लगायी. वहीं, सिविल सर्जन सहित आधा दर्जन लोगों का वेतन रोक दिया.
वंडर पोर्टल पर अपलोड की गति धीमी
समीक्षा बैठक के दौरान दरभंगा जिले में कार्यरत केयर संस्था के जिला समन्वयक श्रद्धा झा ने बताया कि 24 नवंबर 2020 की बैठक में गर्भवती महिलाओं का प्रविष्टि वंडर ऐप पर प्रारंभ करने के निर्देश दिए गए थे. अब तक वंडर पोर्टल के लिए 1959 गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण किया गया है. लेकिन वंडर पोर्टल पर अपलोड करने की प्रगति धीमी है. समस्या ग्रस्त गर्भवती महिलाओं को जिन्हें पीएचसी से डीएमसीएच रेफर किया गया है. उनकी प्रविष्टि कई प्रखंडों में नहीं की गई है.
डीएम ने रोका वेतन
वंडर ऐप के लिए निबंधित गर्भवती महिलाओं में से अब तक 313 समस्या ग्रस्त गर्भवती महिलाओं की पहचान की गई है. जिनमें से 221 को बेहतर इलाज के लिए विभिन्न पीएचसी से उच्च संस्थानों को रेफर किया गया है. लेकिन वंडर के माध्यम से 97 रेफर ही दिख रहा है. वहीं, जिलाधिकारी ने बहादुरपुर, हायाघाट, बेनीपुर, किरतपुर, सतीघाट और सिंहवाड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं बीएचएम का वेतन अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया है.
वंडर ऐप को तीन दिन में करना है अपडेट
जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन डॉ संजीव कुमार सिन्हा द्वारा स्वास्थ्य विभाग के कार्यों का नियमित एवं ठीक से अनुश्रवण नहीं करने के लिए वेतन स्थगित कर दिया. उन्होंने सभी पीएचसी एवं सिविल सर्जन दरभंगा को 3 दिनों का समय देते हुए बुधवार तक वंडर ऐप को अपडेट करने के निर्देश दिए हैं. बैठक में उप निदेशक जनसंपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता, डीपीएम स्वास्थ्य विशाल कुमार, सभी पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक ऑनलाइन उपस्थित रहे.