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दरभंगाः हर खेत तक पानी पहुंचाने की योजना को लेकर DM ने की समीक्षा बैठक, दिए कई निर्देश

अम्बेडकर सभागार में जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन की अध्यक्षता में हर खेत तक पानी उपलब्ध कराने की योजना को लेकर डीएम ने समीक्षा बैठक की. जिसमें जल संसाधन, लघु सिंचाई विभाग, विद्युत विभाग और कृषि विभाग के अधिकारी शामिल हुए. इस योजना के लिए जल संसाधन विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है.

दरभंगा
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Published : Jan 9, 2021, 9:34 PM IST

दरभंगाः मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना पार्ट-2 के तहत हर खेत तक पानी उपलब्ध कराने को लेकर अम्बेडकर सभागार में जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक की गई. बैठक में पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के अधीक्षण अभियंता निरंजन कुमार ने बताया कि इस योजना के लिए जल संसाधन विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है. इसमें लघु सिंचाई विभाग, विद्युत विभाग और कृषि विभाग को भी शामिल किया गया है.

चारों विभागों की टीम कर रही काम
उन्होंने कहा कि जिला और प्रखंड स्तर पर इन चारों विभाग की टीम कार्य कर रही है. प्रखंड स्तर पर जल संसाधन विभाग के कनीय अभियंता को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है. प्रखंड कृषि पदाधिकारी इस कार्यक्रम का अनुश्रवण करेंगे और नक्शे एवं अभिलेख प्रखंड कृषि कार्यालय में रखा जाएगा. लघु सिंचाई विभाग के कनीय अभियंता, विद्युत विभाग के कनीय अभियंता, कृषि समन्वयक एवं कृषि सलाहकार टीम के रूप में कार्य करेंगे. पहले चरण में पंचायत स्तर पर जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर असिंचित क्षेत्र की पहचान की जाएगी, जिसे सिंचाई डिजिटल एप्प पर अपलोड किया जाएगा.

बैठक में शामिल अधिकारी
बैठक में शामिल अधिकारी

निरंजन कुमार ने बताया कि कृषि विभाग के द्वारा सिंचित क्षेत्र के लिए पूर्व में राजस्व ग्राम वार सर्वे कराया गया है. दरभंगा जिले के 18 अंचल में कुल 1247 राजस्व ग्राम हैं, इनमें से 1096 राजस्व ग्राम का सर्वे कृषि विभाग द्वारा पूर्व में किया जा चुका है. शेष राजस्व ग्राम का सर्वे किया जा रहा है. पूर्व के सर्वे के अनुसार जिले में 33 प्रतिशत असिंचित क्षेत्र हैं, जिसमें सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के लिए काम करना है.

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डीएम ने सभी विभागों को सहयोग करने का दिया निर्देश
जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन ने बिजली विभाग और लघु सिंचाई विभाग के अभियंताओं को इस कार्य में पूर्ण सहयोग प्रदान करने का निर्देश दिया. प्रखंड विकास पदाधिकारी को जनप्रतिनिधियों से संवाद कर योजना को पूरा कराने को कहा. उन्होंने कहा कि असिंचित क्षेत्र का सर्वे शुरू करने के दिन से लेकर 100 वें दिन तक उस क्षेत्र के लिए सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था कर देनी है. इसके लिए सबसे पहले सतही जल नहर, आहर, पईन, चेक डैम एवं तालाब की उपलब्धता पर विमर्श किया जाएगा. यदि इसकी संभावना नहीं दिखेगी तो भू गर्भ जल यानी बोरिंग या उद्वह जल की व्यवस्था की जाएगी.

दरभंगाः मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना पार्ट-2 के तहत हर खेत तक पानी उपलब्ध कराने को लेकर अम्बेडकर सभागार में जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक की गई. बैठक में पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के अधीक्षण अभियंता निरंजन कुमार ने बताया कि इस योजना के लिए जल संसाधन विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है. इसमें लघु सिंचाई विभाग, विद्युत विभाग और कृषि विभाग को भी शामिल किया गया है.

चारों विभागों की टीम कर रही काम
उन्होंने कहा कि जिला और प्रखंड स्तर पर इन चारों विभाग की टीम कार्य कर रही है. प्रखंड स्तर पर जल संसाधन विभाग के कनीय अभियंता को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है. प्रखंड कृषि पदाधिकारी इस कार्यक्रम का अनुश्रवण करेंगे और नक्शे एवं अभिलेख प्रखंड कृषि कार्यालय में रखा जाएगा. लघु सिंचाई विभाग के कनीय अभियंता, विद्युत विभाग के कनीय अभियंता, कृषि समन्वयक एवं कृषि सलाहकार टीम के रूप में कार्य करेंगे. पहले चरण में पंचायत स्तर पर जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर असिंचित क्षेत्र की पहचान की जाएगी, जिसे सिंचाई डिजिटल एप्प पर अपलोड किया जाएगा.

बैठक में शामिल अधिकारी
बैठक में शामिल अधिकारी

निरंजन कुमार ने बताया कि कृषि विभाग के द्वारा सिंचित क्षेत्र के लिए पूर्व में राजस्व ग्राम वार सर्वे कराया गया है. दरभंगा जिले के 18 अंचल में कुल 1247 राजस्व ग्राम हैं, इनमें से 1096 राजस्व ग्राम का सर्वे कृषि विभाग द्वारा पूर्व में किया जा चुका है. शेष राजस्व ग्राम का सर्वे किया जा रहा है. पूर्व के सर्वे के अनुसार जिले में 33 प्रतिशत असिंचित क्षेत्र हैं, जिसमें सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के लिए काम करना है.

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डीएम ने सभी विभागों को सहयोग करने का दिया निर्देश
जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन ने बिजली विभाग और लघु सिंचाई विभाग के अभियंताओं को इस कार्य में पूर्ण सहयोग प्रदान करने का निर्देश दिया. प्रखंड विकास पदाधिकारी को जनप्रतिनिधियों से संवाद कर योजना को पूरा कराने को कहा. उन्होंने कहा कि असिंचित क्षेत्र का सर्वे शुरू करने के दिन से लेकर 100 वें दिन तक उस क्षेत्र के लिए सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था कर देनी है. इसके लिए सबसे पहले सतही जल नहर, आहर, पईन, चेक डैम एवं तालाब की उपलब्धता पर विमर्श किया जाएगा. यदि इसकी संभावना नहीं दिखेगी तो भू गर्भ जल यानी बोरिंग या उद्वह जल की व्यवस्था की जाएगी.

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