दरभंगाः विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के वार्ड संख्या चार में रातों-रात सरकारी तालाब की चोरी मामले में दरभंगा के डीएम राजीव रौशन ने एक्शन लिया है. उन्होंने सदर अंचलाधिकारी और अपर समाहर्ता को आदेश दिया है कि तालाब को 19 दिसंबर तक पूर्व की स्थिति और स्वरूप में बहाल किया जाए. साथ ही डीएम ने सीओ को निर्माण पर रोक लगाने के आदेश दिया है. वहीं जिलाधिकारी के इस आदेश के बाद भू-माफियाओं के बीच हड़कंप मच गया है.
तालाब चोरी मामले में एक्शनः दरअसल दरभंगा के विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के वार्ड संख्या चार स्थित नीम पोखर की करीब 36 डिस्मिल सरकारी तालाब को भू माफिया ने रातों-रात चोरी-छुपे मिट्टी भरकर समतल बना दिया था. जमीन पर कब्जा जमाने के लिए वहां एक झोपड़ी और बांस की चाहरदीवारी भी बना दी गई थी. अब डीएम ने इस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए अंचलाधिकारी और अपर समाहर्ता को आदेश देकर तालाब के स्वरूप में परिवर्तन पर रोक लगाने की बात कही.
क्या है लोगों का आरोपः वहीं लोगों का आरोप है कि प्रशासन की मिलीभगत से ही तालाब को भरा गया है. जिस तालाब को मिट्टी से भरा गया है, उसमें मछुआरों द्वारा मछलियां पकड़ी जाती थीं, तालाब में पानी फल सिंघहाड़ा होता था. तालाब का टेंडर भी संबंधित विभाग से होता था. लेकिन एक हफ्ते के अंदर ही तालाब गायब हो गया. पुलिस-प्रशासन को भी पता था, लेकिन कभी कोई रोक नहीं लगाई गई, जबकि दिन-रात यहां मिट्टी भरने का काम हो रहा था.
कोर्ट में अपील दायर करने का आदेशः हालांकि अब डीएम ने सदर अंचलाधिकारी को निर्देश देकर इस पर तुरंत कार्रवाई करने को कहा है. इस मामले में कोर्ट में अपील दायर करने और मामला लंबित रहने तक तालाब पर कोई भी निर्माण या गतिविधि नहीं होने की सलाह दी है. तालाब के स्वरूप में किसी भी तरह के परिवर्तन पर रोक लगाते हुए संबंधित रेवेन्यू अधिकारी को इस ओर ध्यान देने की बात कही.
"पोखर से संबंधित मामला अपर उप समाहर्ता न्यायालय में चल रहा था. जमाबंदी रद्द करने के संबंध में वहां से परिवादी के संबंध में जो आदमी है, उनके पक्ष में निर्णय हुआ है. इस मामले को शीघ्र न्यायालय में अपील दायर करने और तत्काल वहां पर सभी तरह की गतिविधि पर रोक लगाने का आदेश दिया गया है"- राजीव रौशन, जिलाधिकारी, दरभंगा
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