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दरभंगा: कोरोना गाइडलाइन को लेकर जिलाधिकारी ने की बैठक, पदाधिकारियों को दिए कई निर्देश

दरभंगा के जिलाधिकारी ने बढ़ते कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर पदाधिकारियों के साथ बैठक की. जहां उन्होंने जिले की स्थिति को देखते हुए पदाधिकारियों को संक्रमण से निपटने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.

जिलाधिकारी ने की बैठक
जिलाधिकारी ने की बैठक
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Published : Apr 23, 2021, 7:44 AM IST

दरभंगा: कोरोना के बढ़ते संक्रमण की रोकथाम के लिए और सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन का अनुपालन कराने को लेकर जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन की अध्यक्षता में बैठक हुई. जहां उन्होंने पदाधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कोरोना संक्रमित मरीजों की स्थिति की जानकारी दी.

जिलाधिकारी ने बताया कि कोरोना मरीज की पहली स्थिति माईल्ड स्थिति होती है. जिसमें सामान्यतः पैरासिटामोल, एजीथ्रोमाइसिन तथा चिकित्सीय सलाह के अनुसार दिनचर्या अपनाने पर बीमारी स्वतः ठीक हो जाती है. दूसरी स्थिति मॉडरेट होती है. जिसमें थोड़ा हार्ड एंटीबायोटिक दवा की आवश्यकता होती है. साथ ही कुछ ज्यादा सावधानियां बरतनी पड़ती हैं. चिकित्सक की निगरानी में मरीज का इलाज चलता है. वहीं, तीसरी गंभीर स्थिति होती है. जिसके लिए वेंटिलेटर की आवश्यकता होती है. साथ ही लगातार चिकित्सीय देखाभाल की आवश्यकता पड़ती है. ऐसे ही मरीजों की अस्पतालों में भर्त्ती आवश्यक होती है. उन्होंने बताया कि पहली स्थिति में मरीज होम आइसोलेशन में ही ठीक हो जाता है. इसलिए सभी पदाधिकारियों को इसकी जानकारी रखनी होगी.

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अनुमंडल तथा प्रखंड स्तर पर होगा कोरोना मरीज का इलाज
डीएम ने कहा कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को मजबूत करना होगा. अब वहां भी कोविड के मरीजों का इलाज होगा. उन्होंने कहा कि जिस तरह से जिला प्रशासन की निगरानी में जिला स्तरीय अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था है, उसी तरह से अनुमण्डल में अनुमण्डल पदाधिकारी की अध्यक्षता में तथा प्रखण्ड में प्रखण्ड विकास पदाधिकारी की अध्यक्षता में निगरानी व अनुश्रवण कमिटी गठित होगी.

साथ ही सभी अनुमण्डल एवं प्रखण्ड विकास पदाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों के सरकारी एवं निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए उपलब्ध बेड एवं चिकित्सा व्यवस्था की जानकारी रखनी होगी.

पांच चिकित्सकों को बनाया जाएगा मास्टर ट्रेनर
जिलाधिकारी ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 3 से 4 दिनों के अन्दर कोरोना मरीजों की भर्त्ती शुरू करनी होगी. इसके लिए राज्य स्तर से 5 चिकित्सकों को मास्टर ट्रेनर बनाया जा रहा है. जो जिला एवं प्रखण्डों में प्रशिक्षण देंगे. उन्होंने कहा कि सभी जगह पर्याप्त संख्या में एम्बुलेंस रहने चाहिए.

वहीं, उन्होंने कहा कि अनुमण्डल स्तर पर क्वारंटाइन सेन्टर बनाया जाये. साथ ही ऑक्सीजन कहां से आता है, किन-किन अस्पतालों में वेंटीलेटर की व्यवस्था है, कितने अस्पतालों को कितनी ऑक्सीजन की आवश्यकता है, वहां आवश्यक दवाएं हैं या नहीं, ये सभी जानकारियां रखनी होंगी.

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अंचलाधिकारी एवं थानाध्यक्ष को प्रतिदिन भ्रमण करने का दिया निर्देश
जिला कलेक्टर ने कहा कि कंटेनमेंट जोन जहां भी बन रहा है, वहां अंचलाधिकारी एवं थानाध्यक्ष को प्रतिदिन भ्रमण करना है. कोरोना पॉजिटिव के सम्पर्क में आने वाले का ट्रेसिंग और टेस्टिंग करना है. इसके लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पर्याप्त संख्या में एन्टीजन किट्स रखने होंगे. यदि कोई व्यक्ति अपना आर.टी.पी.सी.आर. जांच कराना चाहता है, तो करना होगा. साथ ही वैसे गांवों की सूची भेजी गयी है, जहां पिछले वर्ष भी अन्य राज्यों से अधिक संख्या में लोग आये थे. उन गांवों में आर.टी.पी.सी.आर. टेस्ट करानी है.

दरभंगा: कोरोना के बढ़ते संक्रमण की रोकथाम के लिए और सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन का अनुपालन कराने को लेकर जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन की अध्यक्षता में बैठक हुई. जहां उन्होंने पदाधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कोरोना संक्रमित मरीजों की स्थिति की जानकारी दी.

जिलाधिकारी ने बताया कि कोरोना मरीज की पहली स्थिति माईल्ड स्थिति होती है. जिसमें सामान्यतः पैरासिटामोल, एजीथ्रोमाइसिन तथा चिकित्सीय सलाह के अनुसार दिनचर्या अपनाने पर बीमारी स्वतः ठीक हो जाती है. दूसरी स्थिति मॉडरेट होती है. जिसमें थोड़ा हार्ड एंटीबायोटिक दवा की आवश्यकता होती है. साथ ही कुछ ज्यादा सावधानियां बरतनी पड़ती हैं. चिकित्सक की निगरानी में मरीज का इलाज चलता है. वहीं, तीसरी गंभीर स्थिति होती है. जिसके लिए वेंटिलेटर की आवश्यकता होती है. साथ ही लगातार चिकित्सीय देखाभाल की आवश्यकता पड़ती है. ऐसे ही मरीजों की अस्पतालों में भर्त्ती आवश्यक होती है. उन्होंने बताया कि पहली स्थिति में मरीज होम आइसोलेशन में ही ठीक हो जाता है. इसलिए सभी पदाधिकारियों को इसकी जानकारी रखनी होगी.

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अनुमंडल तथा प्रखंड स्तर पर होगा कोरोना मरीज का इलाज
डीएम ने कहा कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को मजबूत करना होगा. अब वहां भी कोविड के मरीजों का इलाज होगा. उन्होंने कहा कि जिस तरह से जिला प्रशासन की निगरानी में जिला स्तरीय अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था है, उसी तरह से अनुमण्डल में अनुमण्डल पदाधिकारी की अध्यक्षता में तथा प्रखण्ड में प्रखण्ड विकास पदाधिकारी की अध्यक्षता में निगरानी व अनुश्रवण कमिटी गठित होगी.

साथ ही सभी अनुमण्डल एवं प्रखण्ड विकास पदाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों के सरकारी एवं निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए उपलब्ध बेड एवं चिकित्सा व्यवस्था की जानकारी रखनी होगी.

पांच चिकित्सकों को बनाया जाएगा मास्टर ट्रेनर
जिलाधिकारी ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 3 से 4 दिनों के अन्दर कोरोना मरीजों की भर्त्ती शुरू करनी होगी. इसके लिए राज्य स्तर से 5 चिकित्सकों को मास्टर ट्रेनर बनाया जा रहा है. जो जिला एवं प्रखण्डों में प्रशिक्षण देंगे. उन्होंने कहा कि सभी जगह पर्याप्त संख्या में एम्बुलेंस रहने चाहिए.

वहीं, उन्होंने कहा कि अनुमण्डल स्तर पर क्वारंटाइन सेन्टर बनाया जाये. साथ ही ऑक्सीजन कहां से आता है, किन-किन अस्पतालों में वेंटीलेटर की व्यवस्था है, कितने अस्पतालों को कितनी ऑक्सीजन की आवश्यकता है, वहां आवश्यक दवाएं हैं या नहीं, ये सभी जानकारियां रखनी होंगी.

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अंचलाधिकारी एवं थानाध्यक्ष को प्रतिदिन भ्रमण करने का दिया निर्देश
जिला कलेक्टर ने कहा कि कंटेनमेंट जोन जहां भी बन रहा है, वहां अंचलाधिकारी एवं थानाध्यक्ष को प्रतिदिन भ्रमण करना है. कोरोना पॉजिटिव के सम्पर्क में आने वाले का ट्रेसिंग और टेस्टिंग करना है. इसके लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पर्याप्त संख्या में एन्टीजन किट्स रखने होंगे. यदि कोई व्यक्ति अपना आर.टी.पी.सी.आर. जांच कराना चाहता है, तो करना होगा. साथ ही वैसे गांवों की सूची भेजी गयी है, जहां पिछले वर्ष भी अन्य राज्यों से अधिक संख्या में लोग आये थे. उन गांवों में आर.टी.पी.सी.आर. टेस्ट करानी है.

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