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Darbhanga News: एम्स निर्माण को लेकर जिला परिषद कार्यालय में परिचर्चा, MSU ने सरकार को दी आंदोलन की चेतावनी - Construction of AIIMS in Darbhanga

दरभंगा में एम्स निर्माण में देरी हो रहे देरी को लेकर मिथिला स्टूडेंट यूनियन के तत्वाधान में जिला परिषद कार्यालय में परिचर्चा का आयोजन किया गया. जिसमें एम्स निर्माण को लेकर कई तरह की रणनीति बनाई गई. स्टूडेंट यूनियन ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर शिलान्यास नहीं किया गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.

दरभंगा में एम्स निर्माण को लेकर परिचर्चा
दरभंगा में एम्स निर्माण को लेकर परिचर्चा
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Published : Mar 26, 2023, 8:06 PM IST

दरभंगा: मिथिला स्टूडेंट यूनियन (Mithila Student Union) के द्वारा दरभंगा एम्स में हो रही लेट लतीफी के खिलाफ चर्चा-परिचर्चा जिला परिषद कार्यालय पर किया गया. जिसमें विभिन्न लोगों ने सहभगिता देकर सभी बिंदुओ पर चर्चा किया. वहीं एमएसयू नेता गोपाल चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार की राजनीति ने दरभंगा एम्स को अधर में डाल रखा है. जब तक प्रदेश में बीजेपी-जदयू की सरकार थी, तब तक इनलोगों ने शिलान्यास तक नहीं किया और अब जब सरकार बदल गई है तो यह मगध की सरकार मिथिला में एम्स ना बने, इसके लिए साजिश रचने का काम कर रही है.

ये भी पढ़ें- दरभंगा: AIIMS निर्माण को लेकर सांसद की अध्यक्षता में हुई बैठक

एम्स निर्माण को लेकर परिचर्चा: दरभंगा में बनने वाले एम्स को पहले अशोक पेपर मिल ले जाने की बात कही गई थी. उसके बाद अब शोभन में एम्स बनाने की बात चल रही है. जब शोभन में ही एम्स बनाना था, तो डीएमसीएच परिसर में शोभन का मिट्टी लाया ही क्यों गया. क्या इससे पूर्व जिस भूमि को एम्स के लिए लौ लेंड कह कर रिजेक्ट किया गया तो इस हिसाब से शोभन का भूमि 20-30 फिट गहरा है, क्या इसे रिजेक्ट नहीं किया जाएगा. इससे स्पष्ट पता चलता है कि दरभंगा से एम्स को छिना जा रहा है. ताकि इसे भी मगध में ले जाकर स्थापित किया जाए.

सरकार पर लगाया लेट-लतीफी का आरोप: गोपाल चौधरी ने कहा कि मिथिला के 4 करोड़ लोग डीएमसीएच पे आश्रित हैं. जिसका हाल किसी से छुपा हुआ नहीं है. जिसके कारण आज गरीब से गरीब लोग डीएमसीएच जाना नहीं चाहते. उन्हें प्राइवेट हॉस्पिटल के सहारे रहना पड़ता है. अगर कम पैसा में सरकारी इलाज चाहते हैं तो उन्हें पटना या दूसरे राज्य पर निर्भर रहना पड़ता है. इसके लिए दरभंगा में एम्स बहुत जरुरी है. जिसे राज्य सरकार और केंद्र सरकार राजनितिक मुद्दा बनाकर यहां के लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने का काम कर रही है.

मोर्चा खोलने की बनाई गई रणनीति: परिचर्चा के दौरान लोगों ने कहा कि एम्स को लेकर अब आवाज उठाना बहुत जरूरी हो गया है. ताकि, 2024 लोकसभा चुनाव से पूर्व एम्स का शिलान्यास दरभंगा में हो सके. जगह का चयनित हो सके और इसके लिए सभी को जाती, धर्म, पार्टी से ऊपर उठकर दरभंगा एम्स के लिए जन-प्रतिनिधियों के खिलाफ मोर्चा खोलना पड़ेगा. यहां के नेताओं को घर पर जाकर घेरना होगा. बाहरी नेता को दरभंगा में घुसने नहीं देना होगा. तभी दरभंगा एम्स के ऊपर किसी सरकार की नजर जा पायेगी.

दरभंगा: मिथिला स्टूडेंट यूनियन (Mithila Student Union) के द्वारा दरभंगा एम्स में हो रही लेट लतीफी के खिलाफ चर्चा-परिचर्चा जिला परिषद कार्यालय पर किया गया. जिसमें विभिन्न लोगों ने सहभगिता देकर सभी बिंदुओ पर चर्चा किया. वहीं एमएसयू नेता गोपाल चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार की राजनीति ने दरभंगा एम्स को अधर में डाल रखा है. जब तक प्रदेश में बीजेपी-जदयू की सरकार थी, तब तक इनलोगों ने शिलान्यास तक नहीं किया और अब जब सरकार बदल गई है तो यह मगध की सरकार मिथिला में एम्स ना बने, इसके लिए साजिश रचने का काम कर रही है.

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एम्स निर्माण को लेकर परिचर्चा: दरभंगा में बनने वाले एम्स को पहले अशोक पेपर मिल ले जाने की बात कही गई थी. उसके बाद अब शोभन में एम्स बनाने की बात चल रही है. जब शोभन में ही एम्स बनाना था, तो डीएमसीएच परिसर में शोभन का मिट्टी लाया ही क्यों गया. क्या इससे पूर्व जिस भूमि को एम्स के लिए लौ लेंड कह कर रिजेक्ट किया गया तो इस हिसाब से शोभन का भूमि 20-30 फिट गहरा है, क्या इसे रिजेक्ट नहीं किया जाएगा. इससे स्पष्ट पता चलता है कि दरभंगा से एम्स को छिना जा रहा है. ताकि इसे भी मगध में ले जाकर स्थापित किया जाए.

सरकार पर लगाया लेट-लतीफी का आरोप: गोपाल चौधरी ने कहा कि मिथिला के 4 करोड़ लोग डीएमसीएच पे आश्रित हैं. जिसका हाल किसी से छुपा हुआ नहीं है. जिसके कारण आज गरीब से गरीब लोग डीएमसीएच जाना नहीं चाहते. उन्हें प्राइवेट हॉस्पिटल के सहारे रहना पड़ता है. अगर कम पैसा में सरकारी इलाज चाहते हैं तो उन्हें पटना या दूसरे राज्य पर निर्भर रहना पड़ता है. इसके लिए दरभंगा में एम्स बहुत जरुरी है. जिसे राज्य सरकार और केंद्र सरकार राजनितिक मुद्दा बनाकर यहां के लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने का काम कर रही है.

मोर्चा खोलने की बनाई गई रणनीति: परिचर्चा के दौरान लोगों ने कहा कि एम्स को लेकर अब आवाज उठाना बहुत जरूरी हो गया है. ताकि, 2024 लोकसभा चुनाव से पूर्व एम्स का शिलान्यास दरभंगा में हो सके. जगह का चयनित हो सके और इसके लिए सभी को जाती, धर्म, पार्टी से ऊपर उठकर दरभंगा एम्स के लिए जन-प्रतिनिधियों के खिलाफ मोर्चा खोलना पड़ेगा. यहां के नेताओं को घर पर जाकर घेरना होगा. बाहरी नेता को दरभंगा में घुसने नहीं देना होगा. तभी दरभंगा एम्स के ऊपर किसी सरकार की नजर जा पायेगी.

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