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दरभंगा संस्कृत विवि में पहली बार होगा एलुमनाई मीट, 1976 से 2018 तक के जुटेंगे पूर्ववर्ती छात्र

दरभंगा संस्कृत विवि पहली बार पूर्ववर्ती छात्र सम्मेलन आयोजित करेगा. इसके लिए विवि से पढ़कर निकले वैसे पूर्ववर्ती छात्रों को भी आमंत्रित किया गया है जो विदेशों में ऊंचे पद पर कार्यरत हैं.

darbhanga sanskrit university
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Published : May 11, 2019, 1:18 PM IST

दरभंगा: 26 जनवरी 1961 को महाराजा कामेश्वर सिंह द्वारा स्थापित कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि पहली बार पूर्ववर्ती छात्र सम्मेलन का आयोजन करने जा रहा है. इसमें वर्ष 1976 से लेकर 2018 तक के बिहार-झारखंड के छात्र जुटेंगे. इसका उद्देश्य पूर्ववर्ती छात्रों के माध्यम से विवि के विकास पर चर्चा करना है.

इसके लिये विवि के डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. शिवाकांत झा के नेतृत्व में एक कमेटी बनायी गयी है. समारोह की तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं. डीन स्टूडेंट वेलफेयर ने बताया कि इसी साल जुलाई में इसका आयोजन होगा.

विवि के डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. शिवाकांत झा का बयान

पूर्ववर्ती छात्रों को आमंत्रण
इसमें उप शास्त्री, शास्त्री और आचार्य डिग्री तक शिक्षा ग्रहण करने वाले पूर्ववर्ती छात्रों को आमंत्रित किया जाएगा. पूर्ववर्ती छात्रों का संपर्क सूत्र इकट्ठा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि विवि के बहुत से छात्र देश-विदेश में बड़े पदों पर पहुंचे हैं. उनकी योग्यता का लाभ विवि को मिलेगा, इसी उद्देश्य से यह आयोजन किया जा रहा है.

बिहार-झारखंड के पास आउट छात्र होंगे शामिल
बता दें कि कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि संयुक्त बिहार (झारखंड सहित) का संस्कृत विषय में एकमात्र विवि रहा है. इसके छात्र बिहार-झारखंड दोनों राज्यों से निकले हैं. उनमें से बहुत से छात्रों ने देश-विदेश में विवि का नाम रोशन किया है.

दरभंगा: 26 जनवरी 1961 को महाराजा कामेश्वर सिंह द्वारा स्थापित कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि पहली बार पूर्ववर्ती छात्र सम्मेलन का आयोजन करने जा रहा है. इसमें वर्ष 1976 से लेकर 2018 तक के बिहार-झारखंड के छात्र जुटेंगे. इसका उद्देश्य पूर्ववर्ती छात्रों के माध्यम से विवि के विकास पर चर्चा करना है.

इसके लिये विवि के डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. शिवाकांत झा के नेतृत्व में एक कमेटी बनायी गयी है. समारोह की तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं. डीन स्टूडेंट वेलफेयर ने बताया कि इसी साल जुलाई में इसका आयोजन होगा.

विवि के डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. शिवाकांत झा का बयान

पूर्ववर्ती छात्रों को आमंत्रण
इसमें उप शास्त्री, शास्त्री और आचार्य डिग्री तक शिक्षा ग्रहण करने वाले पूर्ववर्ती छात्रों को आमंत्रित किया जाएगा. पूर्ववर्ती छात्रों का संपर्क सूत्र इकट्ठा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि विवि के बहुत से छात्र देश-विदेश में बड़े पदों पर पहुंचे हैं. उनकी योग्यता का लाभ विवि को मिलेगा, इसी उद्देश्य से यह आयोजन किया जा रहा है.

बिहार-झारखंड के पास आउट छात्र होंगे शामिल
बता दें कि कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि संयुक्त बिहार (झारखंड सहित) का संस्कृत विषय में एकमात्र विवि रहा है. इसके छात्र बिहार-झारखंड दोनों राज्यों से निकले हैं. उनमें से बहुत से छात्रों ने देश-विदेश में विवि का नाम रोशन किया है.

Intro:दरभंगा। 26 जनवरी 1961 को महाराजा कामेश्वर सिंह द्वारा स्थापित कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि पहली बार पूर्ववर्ती छात्र सम्मेलन आयोजित करने जा रहा है। इसमें 1976 से लेकर वर्ष 2018 तक के बिहार-झारखंड के छात्र जुटेंगे। इसका उद्देश्य पूर्ववर्ती छात्रों के माध्यम से विवि के विकास पर चर्चा करना है। इसके लिये विवि के डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. शिवाकांत झा के नेतृत्व में एक कमेटी बनायी गयी है। समारोह की तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं।


Body:विवि के डीन स्टूडेंट वेलफेयर ने बताया कि इसी साल जुलाई में इसका आयोजन होगा। इसमें उप शास्त्री, शास्त्री और आचार्य डिग्री तक शिक्षा ग्रहण करने वाले पूर्ववर्ती छात्रों को आमंत्रित किया जाएगा। पूर्ववर्ती छात्रों का संपर्क सूत्र इकट्ठा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विवि के बहुत से छात्र देश-विदेश में बड़े पदों पर पहुंचे हैं। उनकी योग्यता का लाभ विवि को मिलेगा, इसी उद्देश्य से यह आयोजन किया जा रहा है।


Conclusion:बता दें कि कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि संयुक्त बिहार ( झारखंड सहित) का संस्कृत विषय मे एकमात्र विवि रहा है। इसके छात्र बिहार-झारखंड दोनों राज्यों से निकले हैं। उनमें से बहुत से छात्रों ने देश-विदेश में विवि का नाम रोशन किया है।


बाइट 1- प्रो. शिवाकांत झा, डीएसडब्ल्यू, केइससडीएसयू


विजय कुमार श्रीवास्तव
ई टीवी भारत
दरभंगा
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