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दरभंगा महाराज की बड़ी बहू राजकिशोरी पंचतत्व में विलीन, 85 साल की उम्र में निधन - Rajkishori merges in panchtatva

राज परिवार की बड़ी पुत्रवधु और बड़े राजकुमार की पत्नी राजकिशोरी का मंगलवार को निधन हो गया. इसके बाद उनका अंतिम संस्कार श्यामा मंदिर परिसर में किया गया.

Rajkishori
राजकिशोरी
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Published : Sep 8, 2020, 8:49 PM IST

Updated : Sep 8, 2020, 10:53 PM IST

दरभंगा: राज परिवार की बड़ी पुत्रवधु और बड़े राजकुमार स्व. जीवेश्वर सिंह की पत्नी राजकिशोरी मंगलवार को पंचतत्व में विलीन हो गईं. उनका अंतिम संस्कार राज परिवार के श्मशान माधवेश्वर परिसर (श्यामा मंदिर परिसर के नाम से विख्यात) में उनके पति की समाधि के बगल में विधि-विधानपूर्वक किया गया. उन्हें मुखाग्नि आखिरी समय तक उनके सेवक रहे महेश नारायण झा ने दी.

Rajkishori
राजकिशोरी, दरभंगा महाराज की बड़ी बहू

85 साल की आयु में निधन
राजकिशोरी का कोई पुत्र नहीं था. उनकी दो पुत्रियां हैं. राजकिशोरी का निधन सोमवार को 85 साल की आयु में उनके निवास स्थान लहेरियासराय में हो गया था. मुखाग्नि देने वाले महेश नारायण झा ने बताया कि वे बचपन से ही उनके साथ रहे थे और उनकी सेवा की थी. राजकिशोरी के चले जाने से उनकी जिंदगी में एक खालीपन आ गया है. वे उनकी मलकीन थीं. उन्होंने कहा कि उनका जीवन सादा था. महेश नारायण ने कहा कि वर्तमान में मौजूद आखिरी महारानी की इच्छा थी कि राजकिशोरी का अंतिम संस्कार राज परिवार के श्मशान परिसर में उनके पति की समाधि के बगल में हो. इसलिए इसी जगह पर उनका दाह संस्कार किया जा रहा है.

देखें रिपोर्ट
क्या कहते हैं सीनेटर संतोष कुमार
राज मामलों के जानकार और ललित नारायण मिथिला विवि के सीनेटर संतोष कुमार ने कहा कि राजकिशोरी मृदुभाषी स्वभाव की थीं. राजपरिवार का होने के नाते वे आम लोगों से बहुत ही आत्मीयता से मिलती थीं और लोगों की मदद करती थीं. संतोष ने बताया कि 1936 में उनका जन्म हुआ था. उनके पति राजकुमार जीवेश्वर सिंह का निधन 1987 में हुआ था. उन्होंने बताया कि माधवेश्वर परिसर अब बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के अंतर्गत मां श्यामा न्यास समिति के अधिकार क्षेत्र में है. इसलिए जिला प्रशासन से आग्रह किया गया था. अनुमति मिलने के बाद परिसर में अंतिम संस्कार किया गया.

दरभंगा: राज परिवार की बड़ी पुत्रवधु और बड़े राजकुमार स्व. जीवेश्वर सिंह की पत्नी राजकिशोरी मंगलवार को पंचतत्व में विलीन हो गईं. उनका अंतिम संस्कार राज परिवार के श्मशान माधवेश्वर परिसर (श्यामा मंदिर परिसर के नाम से विख्यात) में उनके पति की समाधि के बगल में विधि-विधानपूर्वक किया गया. उन्हें मुखाग्नि आखिरी समय तक उनके सेवक रहे महेश नारायण झा ने दी.

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राजकिशोरी, दरभंगा महाराज की बड़ी बहू

85 साल की आयु में निधन
राजकिशोरी का कोई पुत्र नहीं था. उनकी दो पुत्रियां हैं. राजकिशोरी का निधन सोमवार को 85 साल की आयु में उनके निवास स्थान लहेरियासराय में हो गया था. मुखाग्नि देने वाले महेश नारायण झा ने बताया कि वे बचपन से ही उनके साथ रहे थे और उनकी सेवा की थी. राजकिशोरी के चले जाने से उनकी जिंदगी में एक खालीपन आ गया है. वे उनकी मलकीन थीं. उन्होंने कहा कि उनका जीवन सादा था. महेश नारायण ने कहा कि वर्तमान में मौजूद आखिरी महारानी की इच्छा थी कि राजकिशोरी का अंतिम संस्कार राज परिवार के श्मशान परिसर में उनके पति की समाधि के बगल में हो. इसलिए इसी जगह पर उनका दाह संस्कार किया जा रहा है.

देखें रिपोर्ट
क्या कहते हैं सीनेटर संतोष कुमार
राज मामलों के जानकार और ललित नारायण मिथिला विवि के सीनेटर संतोष कुमार ने कहा कि राजकिशोरी मृदुभाषी स्वभाव की थीं. राजपरिवार का होने के नाते वे आम लोगों से बहुत ही आत्मीयता से मिलती थीं और लोगों की मदद करती थीं. संतोष ने बताया कि 1936 में उनका जन्म हुआ था. उनके पति राजकुमार जीवेश्वर सिंह का निधन 1987 में हुआ था. उन्होंने बताया कि माधवेश्वर परिसर अब बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के अंतर्गत मां श्यामा न्यास समिति के अधिकार क्षेत्र में है. इसलिए जिला प्रशासन से आग्रह किया गया था. अनुमति मिलने के बाद परिसर में अंतिम संस्कार किया गया.
Last Updated : Sep 8, 2020, 10:53 PM IST
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