दरभंगाः गुरुवार को दरभंगा रेलवे स्टेशन (Darbhanga Railway Station) पर हुए ब्लास्ट की जांच हाई लेवल पर की जा रही है. शुक्रवार को दरभंगा स्टेशन पर इस जांच की मॉनिटरिंग करने पहुंचे मिथिला प्रक्षेत्र के आईजी अजिताभ कुमार ने कहा कि एटीएस की टीम मामले की जांच के लिए हैदराबाद (Hyderabad) जा रही है. इसके पहले मामले की जांच करने मुजफ्फरपुर रेल एसपी अशोक कुमार और समस्तीपुर रेल डीएसपी अनिल कुमार मिश्रा दरभंगा स्टेशन पहुंचे थे. दरभंगा जीआरपी प्रभारी हारून रशीद को हैदराबाद के लिए रवाना कर दिया गया है.
बारकोड पर हुई फर्जी एंट्री
इस विस्फोट के बाद मामले की जांच शुरू हुई. जिस सुफियान का नाम पार्सल पर लिखा था. उसका कोई अता-पता नहीं मिला है. बता दें कि सुफियान के लिए सिकंदराबाद-दरभंगा स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेन से दरभंगा तक कपड़े का यह पार्सल बुक कराया गया था. रेल सूत्रों के अनुसार पार्सल पर जो बारकोड छपा हुआ था, उसे स्कैन करने पर पुलिस को उसमें से कोई नाम-पता नहीं मिला है. रेल सूत्रों ने उस बारकोड पर फर्जी एंट्री किए जाने की बात कही है.
फोन नंबर भी दिया गया गलत
पार्सल की बुकिंग में जो फोन नंबर दिया गया है, उस पर कॉल करने पर जो व्यक्ति फोन उठाते हैं, उनका कहना है कि वे ऐसे किसी व्यक्ति को नहीं जानते हैं. न ही उसका इस पार्सल से कोई संबंध है. रेलवे सूत्रों के अनुसार फर्जी फोन नंबर देकर यह पार्सल बुक कराया गया है. वहीं अब तक सुफियान नामक यह व्यक्ति अपना पार्सल लेने के लिए रेलवे स्टेशन तक नहीं पहुंचा है. इस वजह से इस मामले में कई शंकाएं उभरकर सामने आ रही हैं.
हैदराबाद के रेडीमेड कपड़े की दुकान से हुई खरीदारी
एक बड़ा सवाल रेलवे की सुरक्षा पर भी उठ रही है. रेल सूत्रों के अनुसार सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर जब इस पार्सल की बुकिंग की गई, तो इस पार्सल की जांच पड़ताल नहीं की गई. सूत्रों के अनुसार रेलवे में एयरपोर्ट की तरह सामान स्कैन करने की सुविधा नहीं है. इसकी वजह से कैमिकल की शीशी इस पार्सल में दरभंगा तक चली आई. जिस कपड़े का बंडल दरभंगा भेजा गया था, उसे हैदराबाद के बंजारा नामक स्थान के एक रेडीमेड कपड़े की दुकान से खरीदा गया था. पुलिस इस दुकान की भी जांच करेगी और दुकान के मालिक से पूछताछ करेगी.
दरभंगा ब्लास्ट से उठ रहे सवाल
देश में किए थे कई बड़े धमाके
दरभंगा पहले इंडियन मुजाहिदीन का गढ़ रहा है और इंडियन मुजाहिदीन का प्रमुख भटकल मिथिलांचल के इलाके से पकड़ा गया था. भटकल ने वर्षों तक इस इलाके में रह कर यहां अपना एक गिरोह तैयार किया था. दरभंगा में ही रहकर 'दरभंगा मॉडल' बनाया था. इस गिरोह पर आरोप है कि इसने देश के कई हिस्सों में कई बड़े धमाके किए. बाद में भटकल के इस गिरोह का पता चला और इस मामले में दरभंगा से कई गिरफ्तारियां की गई थीं. पूर्व में इंडियन मुजाहिदीन से दरभंगा का कनेक्शन होने की वजह से भी इस मामले को गंभीर माना जा रहा है. पुलिस काफी संजीदगी से इसकी जांच पड़ताल कर रही है.
'एटीएस की टीम इस मामले की जांच करने हैदराबाद पहुंच रही है. कपड़े के बंडल में रखी गई शीशी से हुआ यह विस्फोट तो छोटा था, लेकिन इस विस्फोट का क्या मकसद था, इसकी पुलिस जांच कर रही है. कपड़े का यह बंडल फर्जी नाम से बुक कराया गया था. बुकिंग में दिया मोबाइल नंबर भी फर्जी था. जिस व्यक्ति के नाम से यह बुक कराया गया था, पुलिस अब तक उसका पता नहीं लगा पाई है. चूंकि दरभंगा पहले से इंडियन मुजाहिदीन का गढ़ रहा है, इसलिए इस मामले की काफी संजीदगी से जांच-पड़ताल की जा रही है.' -अजिताभ कुमार, आईजी, मिथिला प्रक्षेत्र
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बिहार में पकड़े गए हैं कई बड़े आतंकी
यहां यह बताना भी जरूरी है कि बिहार से गिरफ्तार हुए इंडियन मुजाहिदीन (Indian Mujahideen) के यासीन भटकल और अब्दुल असगर के अलावा आतंकी मदनी और शरजील इमाम की गिरफ्तारी बिहार से हुई थी. कहा जाता है कि बिहार को आतंकवादी अपने पनाहगाह के रूप में इस्तेमाल करते रहे हैं. यही नहीं, अवैध हथियारों का भी कनेक्शन बिहार से रहा है.
बिहार में कब-कब पकड़े गए आतंकी
सेफ जोन माना जाता है मिथिलांचल और सीमांचल
बिहार का मिथिलांचल और सीमांचल इलाका बॉर्डर से काफी सटा हुआ है. यह इलाका आतंकियों के छिपने के लिए सेफ जोन माना जाता है. बॉर्डर इलाका होने की वजह से आतंकियों को नेपाल या बंगाल भागने में आसानी होती है. फरवरी 2021 में सारण जिले के जावेद का जम्मू के आतंकियों से कनेक्शन सामने आया था.
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आतंकियों को भेजे गए थे हथियार
सारण जिले के रिटायर शिक्षक महफूज अंसारी के 25 वर्षीय बेटे जावेद को उसके पैतृक घर से गिरफ्तार किया गया था. उसपर आरोप था कि उसने सात पिस्टल कश्मीर के आतंकियों तक पहुंचाया. हालांकि यह कोई पहली घटना नहीं है, जिसमें बिहार से आतंकियों के साथ संबंध रहने वाले को गिरफ्तार किया गया हो. इससे पहले भी कई आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है.
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मुंगेर से मिला था 20 एके-47 राइफल
2018 में मुंगेर से 20 एके-47 राइफल बरामद किया गया था. यह बात सामने आई थी कि मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थिति ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से गायब हुए 50 एके-47 में से ही 20 एके-47 मुंगेर में मिले थे. इसे आतंकियों और नक्सलियों से भी जोड़कर देखने की बात सामने आई थी.
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