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दिव्यांग दलित लड़की का हाथ-पैर बांध कर दुष्कर्म करने के मामले में दरभंगा कोर्ट ने सुनाई 25 साल की सजा - बिहार समाचार

दरभंगा कोर्ट ने रेप के एक मामले में दोषी को 25 साल की सजा सुनायी है. साथ ही 50 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है. पढ़ें पूरी खबर....

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Published : Oct 1, 2021, 7:48 PM IST

दरभंगा: जिले में दुष्कर्म ( Rape In Darbhanga ) के एक अभियुक्त को कठोर सजा सुनाए जाने का मामले चर्चा में है. मामला कुशेश्वरस्थान थाना क्षेत्र से संबंधित है. जब शौच के लिए गई कुशेश्वरस्थान थाना क्षेत्र के एक गांव की दिव्यांग लड़की का हाथ-पैर बांध कर उसके साथ दुष्कर्म किया गया था.

इस मामले में पॉक्सो कोर्ट ( Pocso Court ) के विशेष न्यायाधीश विनय शंकर ने अभियुक्त संदीप राय को दोषी करार देते हुए 25 वर्ष सश्रम कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. साथ ही पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास और 50 हजार जुर्माना की सजा सुनाई है.

ये भी पढ़ें- वैशाली छात्रा हत्याकांड: पोस्टमार्टम में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं, परिजन बोले- 'रिपोर्ट गलत, CBI से हो जांच'

इसके अलावा धारा 3 (2) एससी-एसटी एक्ट के तहत उम्रकैद और साथ ही 25 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनायी है. जुर्माना की राशि नहीं भरने पर पर 6-6 माह की सजा अलग से भुगतनी होगी.

इस मामले में विशेष लोक अभियोजक विजय कुमार पराजित ने बहस की थी. उन्होंने बताया कि धारा 42 पॉक्सो एक्ट के अनुपालन में आइपीसी की धारा और पॉक्सो एक्ट की बराबर धारा में से केवल उसी धारा में सजा होगी जिसमे सजा की अवधि अधिक होगी. इसलिए केवल धारा 376 (3) भादवि व 3 (2) एस-सीएस टी एक्ट में दी गई सजा बहाल रहेगी.

ये भी पढ़ें- राजधानी में गर्भवती महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म, होश में न रहते हुए भी जकड़े रही आरोपियों के पैर

इसके अलावा दप्रस की धारा 357 अ, पॉक्सो नियम व बिहार पीड़ित प्रतिकर (संशोधन) स्कीम 2018 के तहत पीड़िता के पुनर्वास के लिए 6 लाख रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया गया है जो उसे स्थानीय जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से दिया जाएगा.

बता दें कि यह घटना घटना 18 अक्टूबर 2018 की शाम 7 बजे की है, जब अनुसूचित जाति की दिव्यांग नाबालिग लड़की अपने गांव में शौच के लिए खेत में गयी थी, उसी दौरान अभियुक्त ने उसे रोक दिया और खेत में ही उसके हाथ-पैर बांधकर उसके साथ दुष्कर्म किया था. लड़की के घर लौटने में देर होने पर उसकी मां और भाभी उसे खोजने के लिए गयीं तो उन्होंने वहां अभियुक्त व लड़की को देखा.

ये भी पढ़ें- राजधानी में गर्भवती महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म, होश में न रहते हुए भी जकड़े रही आरोपियों के पैर

इस मामले को लेकर कुशेश्वरस्थान थाने में एफआईआर दर्ज कराई गयी थी. न्यायालय में मामले के आइओ की ओर से अभियुक्त के विरुद्ध आरोप पत्र समर्पित करने के बाद 3 मई 2019 को इसका संज्ञान लिया गया. उसके बाद 11 जुलाई 2019 को न्यायालय में अभियुक्त के विरुद्ध आरोप गठन किया गया. पीड़िता की ओर से से आईओ और डॉक्टर समेत आठ लोगों ने गवाही दी. अभियुक्त को न्यायालय ने विगत 23 सितंबर को दोषी करार दिया था. अभियुक्त घटना के बाद से ही न्यायिक हिरासत में है.

दरभंगा: जिले में दुष्कर्म ( Rape In Darbhanga ) के एक अभियुक्त को कठोर सजा सुनाए जाने का मामले चर्चा में है. मामला कुशेश्वरस्थान थाना क्षेत्र से संबंधित है. जब शौच के लिए गई कुशेश्वरस्थान थाना क्षेत्र के एक गांव की दिव्यांग लड़की का हाथ-पैर बांध कर उसके साथ दुष्कर्म किया गया था.

इस मामले में पॉक्सो कोर्ट ( Pocso Court ) के विशेष न्यायाधीश विनय शंकर ने अभियुक्त संदीप राय को दोषी करार देते हुए 25 वर्ष सश्रम कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. साथ ही पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास और 50 हजार जुर्माना की सजा सुनाई है.

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इसके अलावा धारा 3 (2) एससी-एसटी एक्ट के तहत उम्रकैद और साथ ही 25 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनायी है. जुर्माना की राशि नहीं भरने पर पर 6-6 माह की सजा अलग से भुगतनी होगी.

इस मामले में विशेष लोक अभियोजक विजय कुमार पराजित ने बहस की थी. उन्होंने बताया कि धारा 42 पॉक्सो एक्ट के अनुपालन में आइपीसी की धारा और पॉक्सो एक्ट की बराबर धारा में से केवल उसी धारा में सजा होगी जिसमे सजा की अवधि अधिक होगी. इसलिए केवल धारा 376 (3) भादवि व 3 (2) एस-सीएस टी एक्ट में दी गई सजा बहाल रहेगी.

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बता दें कि यह घटना घटना 18 अक्टूबर 2018 की शाम 7 बजे की है, जब अनुसूचित जाति की दिव्यांग नाबालिग लड़की अपने गांव में शौच के लिए खेत में गयी थी, उसी दौरान अभियुक्त ने उसे रोक दिया और खेत में ही उसके हाथ-पैर बांधकर उसके साथ दुष्कर्म किया था. लड़की के घर लौटने में देर होने पर उसकी मां और भाभी उसे खोजने के लिए गयीं तो उन्होंने वहां अभियुक्त व लड़की को देखा.

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इस मामले को लेकर कुशेश्वरस्थान थाने में एफआईआर दर्ज कराई गयी थी. न्यायालय में मामले के आइओ की ओर से अभियुक्त के विरुद्ध आरोप पत्र समर्पित करने के बाद 3 मई 2019 को इसका संज्ञान लिया गया. उसके बाद 11 जुलाई 2019 को न्यायालय में अभियुक्त के विरुद्ध आरोप गठन किया गया. पीड़िता की ओर से से आईओ और डॉक्टर समेत आठ लोगों ने गवाही दी. अभियुक्त को न्यायालय ने विगत 23 सितंबर को दोषी करार दिया था. अभियुक्त घटना के बाद से ही न्यायिक हिरासत में है.

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