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दरभंगा : ज्योति को मिला ट्रेनर, 'साइकिल गर्ल' ने SSP को कहा THANK YOU

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Published : Jul 11, 2020, 9:19 AM IST

एसएसपी ने कहा कि जब तक किसी स्पोर्ट्स अकेडमी में ज्योति का एडमिशन न हो जाये तब तक उनको शुरुआती प्रशिक्षण संजीव कुमार देंगे. जो कला संस्कृति विभाग में लिपिक के पद पर कार्यरत हैं.

ज्योति
ज्योति

दरभंगाः लॉकडाउन के दौरान अपने बीमार पिता को गुरुग्राम से साइकिल पर बैठाकर दरभंगा पहुंचकर सुर्खियां बटोर चुकी ज्योति कुमारी अपने परिजनों के साथ दरभंगा के एसएसपी बाबूराम से मुलाकात करने पहुंची. जहां ज्योति के पिता मोहन पासवान से एसएसपी ने ज्योति के भविष्य को लेकर चर्चा की.

बातचीत के दौरान ज्योति के साइकिलिंग की तरफ रुझान को देखते हुए, एसएसपी बाबूराम ने संजीव कुमार नाम के एक साइकिल ट्रेनर को बुलवाकर ज्योति की ट्रेनिंग का भार दिया. वहीं एसएसपी की ओर से की गई इस पहल को लेकर 'साइकिल गर्ल' ज्योति बेहद खुश दिखी.

एसएसपी से मिलती ज्योति
एसएसपी से मिलती ज्योति

साइकिल पर बीमार पिता को बैठाकर पहुंची थी दरभंगा
दरअसल, लॉकडाउन के दौरान गुरुग्राम में जब मोहन पासवान के पास खाने के पैसे की कमी होने लगी. मकान मालिक भी मकान भाड़ा के लिए परेशान करने लगा. तब पास में बचे पैसे से ज्योति ने एक पुरानी साइकिल खरीदी और अपने बीमार पिता को पीछे बैठाकर दरभंगा के लिए निकल पड़ी.

nnn
पुलिस ऑफिसर्स के साथ ज्योति और उसके परिजन

यात्रा के दौरान छोटी बच्ची को अपने बीमार पिता को साइकिल पर बैठाकर ले जाते देख कई लोगों ने मदद भी की. वहीं इस बात की जानकारी जब मिडिया के माध्यम से साइकिलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया को लगी, तो उन्होंने ज्योति को ट्रायल के लिए दिल्ली बुलाया है.

ये भी पढ़ेंः नागपंचमी: बेगूसराय और समस्तीपुर में लगा मेला, पकड़े गए सैकड़ों सांप

एसएसपी ने ज्योति के उज्ज्वल भविष्य की कामना की
वरीय पुलिस अधीक्षक बाबूराम ने कहा कि अगर ज्योति को अच्छी ट्रेनिंग मिले तो भविष्य में ये अच्छी साइकिल रेसर बन सकती हैं. जिसको देखते हुए स्पोर्ट्स कोटे से कला संस्कृति विभाग में लिपिक के पद पर कार्यरत संजीव कुमार को ज्योति कुमारी की साइकिलिंग की प्रारंभिक ट्रेनिंग के लिए कहा गया है. जबतक किसी स्पोर्ट्स अकेडमी में एडमिशन न हो जाये तब तक वे शुरुआती प्रशिक्षण के लिए गाइड कर दें. ताकि राष्ट्रीय स्तर तक जाने में इनको मदद मिल सके.

वहीं, वरीय पुलिस अधीक्षक ने ज्योति के पिता को भी आश्वस्त किया कि किसी भी तरह की मदद की जरूरत हो आप सीधा हमसे संपर्क कर सकते हैं.

दरभंगाः लॉकडाउन के दौरान अपने बीमार पिता को गुरुग्राम से साइकिल पर बैठाकर दरभंगा पहुंचकर सुर्खियां बटोर चुकी ज्योति कुमारी अपने परिजनों के साथ दरभंगा के एसएसपी बाबूराम से मुलाकात करने पहुंची. जहां ज्योति के पिता मोहन पासवान से एसएसपी ने ज्योति के भविष्य को लेकर चर्चा की.

बातचीत के दौरान ज्योति के साइकिलिंग की तरफ रुझान को देखते हुए, एसएसपी बाबूराम ने संजीव कुमार नाम के एक साइकिल ट्रेनर को बुलवाकर ज्योति की ट्रेनिंग का भार दिया. वहीं एसएसपी की ओर से की गई इस पहल को लेकर 'साइकिल गर्ल' ज्योति बेहद खुश दिखी.

एसएसपी से मिलती ज्योति
एसएसपी से मिलती ज्योति

साइकिल पर बीमार पिता को बैठाकर पहुंची थी दरभंगा
दरअसल, लॉकडाउन के दौरान गुरुग्राम में जब मोहन पासवान के पास खाने के पैसे की कमी होने लगी. मकान मालिक भी मकान भाड़ा के लिए परेशान करने लगा. तब पास में बचे पैसे से ज्योति ने एक पुरानी साइकिल खरीदी और अपने बीमार पिता को पीछे बैठाकर दरभंगा के लिए निकल पड़ी.

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पुलिस ऑफिसर्स के साथ ज्योति और उसके परिजन

यात्रा के दौरान छोटी बच्ची को अपने बीमार पिता को साइकिल पर बैठाकर ले जाते देख कई लोगों ने मदद भी की. वहीं इस बात की जानकारी जब मिडिया के माध्यम से साइकिलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया को लगी, तो उन्होंने ज्योति को ट्रायल के लिए दिल्ली बुलाया है.

ये भी पढ़ेंः नागपंचमी: बेगूसराय और समस्तीपुर में लगा मेला, पकड़े गए सैकड़ों सांप

एसएसपी ने ज्योति के उज्ज्वल भविष्य की कामना की
वरीय पुलिस अधीक्षक बाबूराम ने कहा कि अगर ज्योति को अच्छी ट्रेनिंग मिले तो भविष्य में ये अच्छी साइकिल रेसर बन सकती हैं. जिसको देखते हुए स्पोर्ट्स कोटे से कला संस्कृति विभाग में लिपिक के पद पर कार्यरत संजीव कुमार को ज्योति कुमारी की साइकिलिंग की प्रारंभिक ट्रेनिंग के लिए कहा गया है. जबतक किसी स्पोर्ट्स अकेडमी में एडमिशन न हो जाये तब तक वे शुरुआती प्रशिक्षण के लिए गाइड कर दें. ताकि राष्ट्रीय स्तर तक जाने में इनको मदद मिल सके.

वहीं, वरीय पुलिस अधीक्षक ने ज्योति के पिता को भी आश्वस्त किया कि किसी भी तरह की मदद की जरूरत हो आप सीधा हमसे संपर्क कर सकते हैं.

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