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भाकपा माले के जिला सचिव ने बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों का किया निरीक्षण, पीड़ितों के लिए सहायता राशि की मांग - जिला सचिव बैद्यनाथ यादव

दरभंगा में इन दिनों बाढ़ की वजह से तबाही मची हुई है. भारी बारिश और बाढ़ से कई घर डूब गए हैं. बाढ़ पीड़ितों की परेशानी को देखते हुए भाकपा माले के जिला सचिव बैद्यनाथ यादव ने सहायता राशि की मांग की.

Flood victim
बाढ़ पीड़ित
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Published : Jul 29, 2020, 7:24 PM IST

दरभंगा: जिले के सभी प्रखंडों में बाढ़ का पानी घुसने के चलते पूरा जिला बाढ़ से प्रभावित हो गया है. किसानों की फसल बर्बाद होने के साथ ही हजारों की संख्या में बाढ़ पीड़ित ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं. सबसे ज्यादा परेशानी पशुपालको को हो रही है. चारो तरफ बाढ़ का पानी होने की वजह से उन्हें भरपेट चारा भी नसीब नहीं हो रहा है. लेकिन सरकार की ओर से उन्हें अभी तक किसी प्रकार की सुविधा नहीं मिली है. पॉलिथीन शीट्स नहीं मिलने के कारण बाढ़ पीड़ित खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं जिसे देखने वाला कोई नहीं है.

बाढ़ पीड़ितों को मिले 25 हजार की सहायता राशि
भाकपा माले के जिला सचिव बैद्यनाथ यादव ने जिले को बाढ़ प्रभावित घोषित कर युद्धस्तर पर राहत बचाव शुरू करने की मांग की है. साथ ही रिलीफ कोड में बदलाव करते हुए दोहरी मार झेल रहे गरीबों को तत्काल जीवन जीने के लिए 25 हजार रुपये देने की अपील की है. इसके साथ ही फसल के नुकसान के लिए मुआवजा राशि 25 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर करने की मांग की. उन्होंने जिन घरों में बाढ़ का पानी जा रहा है ऐसे परिवारों के बीच पॉलीथिन सीट, सूखा राहत, पशु चारा और चलंत अस्पताल से इलाज की व्यवस्था में तेजी लाने की मांग की.

उत्पन हो रही भूखमरी की स्थिति
माले नेता प्रिंस ने कहा कि पिछले एक सप्ताह से जिले में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. लेकिन सरकार ने अभी तक जिले को बाढ़ क्षेत्र घोषित नहीं किया है. उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण बड़े पैमाने पर लोग बेघर हुए हैं. लेकिन प्रशासन की ओर से न तो नाव की व्यवस्था की गई है और न ही सर छुपाने के लिए पॉलीथिन की समुचित व्यवस्था की गई है. साथ ही कहा कि अधिकांश जगहों पर अभी भी सामूहिक किचन की शुरूआत नहीं की गई है. जिसके चलते बाढ़ पीड़ितों के सामने भूखमरी की स्थिति उत्पन हो गई है.

दरभंगा: जिले के सभी प्रखंडों में बाढ़ का पानी घुसने के चलते पूरा जिला बाढ़ से प्रभावित हो गया है. किसानों की फसल बर्बाद होने के साथ ही हजारों की संख्या में बाढ़ पीड़ित ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं. सबसे ज्यादा परेशानी पशुपालको को हो रही है. चारो तरफ बाढ़ का पानी होने की वजह से उन्हें भरपेट चारा भी नसीब नहीं हो रहा है. लेकिन सरकार की ओर से उन्हें अभी तक किसी प्रकार की सुविधा नहीं मिली है. पॉलिथीन शीट्स नहीं मिलने के कारण बाढ़ पीड़ित खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं जिसे देखने वाला कोई नहीं है.

बाढ़ पीड़ितों को मिले 25 हजार की सहायता राशि
भाकपा माले के जिला सचिव बैद्यनाथ यादव ने जिले को बाढ़ प्रभावित घोषित कर युद्धस्तर पर राहत बचाव शुरू करने की मांग की है. साथ ही रिलीफ कोड में बदलाव करते हुए दोहरी मार झेल रहे गरीबों को तत्काल जीवन जीने के लिए 25 हजार रुपये देने की अपील की है. इसके साथ ही फसल के नुकसान के लिए मुआवजा राशि 25 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर करने की मांग की. उन्होंने जिन घरों में बाढ़ का पानी जा रहा है ऐसे परिवारों के बीच पॉलीथिन सीट, सूखा राहत, पशु चारा और चलंत अस्पताल से इलाज की व्यवस्था में तेजी लाने की मांग की.

उत्पन हो रही भूखमरी की स्थिति
माले नेता प्रिंस ने कहा कि पिछले एक सप्ताह से जिले में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. लेकिन सरकार ने अभी तक जिले को बाढ़ क्षेत्र घोषित नहीं किया है. उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण बड़े पैमाने पर लोग बेघर हुए हैं. लेकिन प्रशासन की ओर से न तो नाव की व्यवस्था की गई है और न ही सर छुपाने के लिए पॉलीथिन की समुचित व्यवस्था की गई है. साथ ही कहा कि अधिकांश जगहों पर अभी भी सामूहिक किचन की शुरूआत नहीं की गई है. जिसके चलते बाढ़ पीड़ितों के सामने भूखमरी की स्थिति उत्पन हो गई है.

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