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NRC-NPR के विरोध में 29 फरवरी को विधानसभा मार्च करेगी CPI - CPI की ओर से विधानसभा मार्च का आह्वान

भाकपा माले पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेंद्र झा ने बताया कि मोदी सरकार के इस गैर जरूरी प्रोजेक्ट से हर नागरिक परेशान हैं. दलितों, गरीबों और भूमिहीनों के ऊपर प्रशासनिक दबाब के साथ ही सामाजिक समूहों का हमला बढ़ेगा.

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भाकपा माले पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेंद्र झा
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Published : Feb 2, 2020, 11:11 AM IST

Updated : Feb 2, 2020, 1:38 PM IST

दरभंगा: सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ चल रहा देशव्यापी आंदोलन स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा जन आंदोलन है. इसी कड़ी में भाकपा माले ने 29 फरवरी को गांधी मैदान में विधानसभा मार्च का आह्वान किया है. इस आंदोलन में छात्रों, युवाओं और महिलाओं की भागीदारी उल्लेखनीय है. भाकपा माले के सदस्य धीरेंद्र झा ने कहा कि आंदोलन में मजदूर किसान की भागीदारी बढ़ाकर इसे और निर्णायक बनाया जाएगा.

'नीतीश कुमार विधानसभा में प्रस्ताव पारित करें'
भाकपा माले पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेंद्र झा ने बताया कि मोदी सरकार के इस गैर जरूरी प्रोजेक्ट से हर नागरिक परेशान हैं. दलितों, गरीबों और भूमिहीनों के ऊपर प्रशासनिक दबाब के साथ ही सामाजिक समूहों का हमला बढ़ेगा. इसलिए जरूरी है कि नीतीश कुमार सीएए और एनपीआर के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित करें. इस न्याय पूर्ण संवैधानिक सवालों को लेकर भाकपा माले ने 25 फरवरी को विधानसभा मार्च का आह्वान किया है.

देखें रिपोर्ट

'आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील'
वहीं, धीरेंद्र झा ने कहा कि एनपीआर और एनआरसी में जो लोग नागरिकता विहीन होंगे, उन बिहारियों को सीएए से कोई लाभ नहीं होगा. क्योंकि सीएए तो अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए शरणार्थियों के लिए है. उन्होंने कहा कि बिहार में इस वक्त जरूरी है कि सभी भूमिहीन गृहविहीनों की सूची बने, आवास मिले और जो जहां बसे हैं, उन्हें उस जमीन का कागजात सरकार दे. साथ ही उन्होंने विधानसभा घेरने और 29 फरवरी को गांधी मैदान को भरने के आंदोलन को सफल बनाने के लिए लोगों को बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की.

दरभंगा: सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ चल रहा देशव्यापी आंदोलन स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा जन आंदोलन है. इसी कड़ी में भाकपा माले ने 29 फरवरी को गांधी मैदान में विधानसभा मार्च का आह्वान किया है. इस आंदोलन में छात्रों, युवाओं और महिलाओं की भागीदारी उल्लेखनीय है. भाकपा माले के सदस्य धीरेंद्र झा ने कहा कि आंदोलन में मजदूर किसान की भागीदारी बढ़ाकर इसे और निर्णायक बनाया जाएगा.

'नीतीश कुमार विधानसभा में प्रस्ताव पारित करें'
भाकपा माले पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेंद्र झा ने बताया कि मोदी सरकार के इस गैर जरूरी प्रोजेक्ट से हर नागरिक परेशान हैं. दलितों, गरीबों और भूमिहीनों के ऊपर प्रशासनिक दबाब के साथ ही सामाजिक समूहों का हमला बढ़ेगा. इसलिए जरूरी है कि नीतीश कुमार सीएए और एनपीआर के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित करें. इस न्याय पूर्ण संवैधानिक सवालों को लेकर भाकपा माले ने 25 फरवरी को विधानसभा मार्च का आह्वान किया है.

देखें रिपोर्ट

'आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील'
वहीं, धीरेंद्र झा ने कहा कि एनपीआर और एनआरसी में जो लोग नागरिकता विहीन होंगे, उन बिहारियों को सीएए से कोई लाभ नहीं होगा. क्योंकि सीएए तो अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए शरणार्थियों के लिए है. उन्होंने कहा कि बिहार में इस वक्त जरूरी है कि सभी भूमिहीन गृहविहीनों की सूची बने, आवास मिले और जो जहां बसे हैं, उन्हें उस जमीन का कागजात सरकार दे. साथ ही उन्होंने विधानसभा घेरने और 29 फरवरी को गांधी मैदान को भरने के आंदोलन को सफल बनाने के लिए लोगों को बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की.

Intro:सीएए एनपीआर और एनआरसी एक एकीकृत संघी प्रोजेक्ट है। जिसका उद्देश्य मनमाफिक नागरिकता चुनना है और यह भारत के संविधान के मौलिक ढांचे को बदलने की कोशिश है। इसके खिलाफ चल रहा देशव्यापी आंदोलन स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा जनआंदोलन है। इस आंदोलन में छात्रों युवाओं महिलाओं की भागीदारी उल्लेखनीय है। आंदोलन में मजदूर किसान की भागीदारी बढ़ाकर इसे और निर्णायक बनाया जायेगा। उक्त बातें पत्रकारों से बात करते हुए भाकपा माले पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेंद्र झा ने कही।




Body:नए कानून से बिहारवासियों को बढ़ेगी परेशानी

वहीं धीरेंद्र झा ने कहा कि मोदी सरकार के इस गैर जरूरी प्रोजेक्ट से जहां हर नागरिक परेशान होगी, वही बिहारवासियों को परेशानी पूरे देश में बढ़ेगा। दलितों गरीबों भूमिहीनों के ऊपर प्रशासनिक दबाब के साथ ही सामाजिक समूहों का हमला बढ़ेगा। इसलिए जरूरी है कि नीतीश कुमार सीएए और एनपीआर के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित करें। इस न्याय पूर्ण संवैधानिक सवालों को लेकर भाकपा माले ने 25 फरवरी को विधानसभा मार्च का आह्वान किया है।




Conclusion:स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा जनआंदोलन

वहीं धीरेंद्र झा ने कहा कि एनपीआर एनआरसी में जो लोग नागरिकता विहीन होंगे, उन बिहारियों को सीएए से कोई लाभ नहीं होगा। क्योंकि सीएए तो अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए शरणार्थियों के लिए है। उन्होंने कहा कि बिहार में इस वक्त जरूरी है कि सभी भूमिहीन गृहविहीनो की सूची बने, आवास मिले और जो जहां बसे हैं, उन्हें उस जमीन का कागजात सरकार दे। वहीं उन्होंने विधानसभा घेरने और 29 फरवरी को गांधी मैदान को भरने के आंदोलन को सफल बनाने के लिए लोगों को बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की।

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धीरेंद्र झा, पोलित ब्यूरो सदस्य भाकपा माले
Last Updated : Feb 2, 2020, 1:38 PM IST
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