दरभंगा: सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ चल रहा देशव्यापी आंदोलन स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा जन आंदोलन है. इसी कड़ी में भाकपा माले ने 29 फरवरी को गांधी मैदान में विधानसभा मार्च का आह्वान किया है. इस आंदोलन में छात्रों, युवाओं और महिलाओं की भागीदारी उल्लेखनीय है. भाकपा माले के सदस्य धीरेंद्र झा ने कहा कि आंदोलन में मजदूर किसान की भागीदारी बढ़ाकर इसे और निर्णायक बनाया जाएगा.
'नीतीश कुमार विधानसभा में प्रस्ताव पारित करें'
भाकपा माले पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेंद्र झा ने बताया कि मोदी सरकार के इस गैर जरूरी प्रोजेक्ट से हर नागरिक परेशान हैं. दलितों, गरीबों और भूमिहीनों के ऊपर प्रशासनिक दबाब के साथ ही सामाजिक समूहों का हमला बढ़ेगा. इसलिए जरूरी है कि नीतीश कुमार सीएए और एनपीआर के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित करें. इस न्याय पूर्ण संवैधानिक सवालों को लेकर भाकपा माले ने 25 फरवरी को विधानसभा मार्च का आह्वान किया है.
'आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील'
वहीं, धीरेंद्र झा ने कहा कि एनपीआर और एनआरसी में जो लोग नागरिकता विहीन होंगे, उन बिहारियों को सीएए से कोई लाभ नहीं होगा. क्योंकि सीएए तो अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए शरणार्थियों के लिए है. उन्होंने कहा कि बिहार में इस वक्त जरूरी है कि सभी भूमिहीन गृहविहीनों की सूची बने, आवास मिले और जो जहां बसे हैं, उन्हें उस जमीन का कागजात सरकार दे. साथ ही उन्होंने विधानसभा घेरने और 29 फरवरी को गांधी मैदान को भरने के आंदोलन को सफल बनाने के लिए लोगों को बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की.